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गोल्डन गर्ल रिद्धि: कभी तीरंदाजी के लिए नहीं था धनुष, आज खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में जीता गोल्ड

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Published : Jun 3, 2023, 7:27 PM IST

करनाल की रिद्धि ने तीरंदाजी में कमाल कर दिखाया है. रिद्धि ने लखनऊ में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीरंदाजी में गोल्ड मेडल जीता है. एक समय था जब रिद्धि के पास धनुष नहीं था. लेकिन इन चुनौतियों से जंग लड़कर रिद्धि ने ये मुकाम हासिल किया है.

Karnal Riddhi Fore won Gold Medal
करनाल की द गोल्डन गर्ल रिद्धि

करनाल: हरियाणा की छोरी ने एक बार फिर गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है. कभी घर की छत पर तीरंदाजी का अभ्यास करने वाली रिद्धि फोरे ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में गोल्ड जीता है. रिद्धि ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा दिए गये धनुष से निशाना साधा और गोल्ड के साथ ही एक कांस्य पदक भी अपने नाम किये.

तीरंदाजी में रिद्धि को गोल्ड: करनाल की रिद्धि फोरे ने लखनऊ में 27 मई से 2 जून तक चलने वाली तीरंदाजी प्रतियोगिता में 1 गोल्ड और एक ब्रांज मेडल अपने नाम किया. इस प्रतियोगिता में देशभर की यूनिवर्सिटी से तीरंदाजी करने के लिए महिला खिलाड़ी पहुंची थी. रिद्धि ने सभी को पीछे छोड़कर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया. रिद्धि के परिजनों ने भी गोल्ड जीतने पर खुशी जाहिर की.

जब रिद्धि के पास नहीं था रिकर्व धनुष: गोल्ड विजेता रिद्धि के पिता मनोज ने बताया कि वो कभी घर की छत पर टारगेट लगाकर अभ्यास करती थी. सटीक निशाना उसकी सबसे बड़ी ताकत है. सबसे कम उम्र में हरियाणा की अंडर-17 टीम में पहुंचने का गौरव रिद्धि फोर के ही नाम है. पिता मनोज ने बताया कि कभी रिद्धि फोर को रिकर्व धनुष के लिए जंग लड़नी पड़ी थी. उसके पास धनुष नहीं था.

मुख्यमंत्री ने रिद्धि को दिलाया धनुष: आम प्रतियोगिताओं में इंडियन बो रिकर्व धनुष ही काफी होता है, जो सात हजार रुपये में आ जाता है और इसकी टारगेट किट भी करीब साढ़े चार हजार रुपये की होती है. लेकिन जब रिद्धि का राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ तो रिकर्व धनुष की जरूरत पड़ी. यह पौने दो लाख रुपये का है. आखिरकार उस समय करनाल में मुख्यमंत्री के OSD रहे अमरेंद्र सिंह के प्रयासों से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उसे रिकर्व धनुष दिलाया. जिसके बाद उसने यह मुकाम हासिल किया.

Lucknow Archery Competition
गोल्ड और ब्रांज मेडर पर रिद्धि की कब्जा

बचपन में ही शुरू हुई थी रिद्धि की ट्रेनिंग: रिद्धि के पिता मनोज ने उसके हुनर को पहचाना और खुद तीरंदाजी सीखकर अपनी बेटी को धनुष चलाना सिखाया. रिद्धि की मां का कहना है कि 8 वर्ष की उम्र में ही उसने निशानेबाजी की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी और 15 साल की उम्र में अपना नाम इंटरनेशनल लेवल पर दर्ज करवा दिया था. अब तक इंटरनेशनल में 11 और नेशनल में 62 मेडल रिद्धि के नाम है.

रिद्धि की शानदार सफलता: रिद्धि ने साल 2014 में अंडर-14 में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में गोल्ड मेडल हासिल किया. साल 2015 में विशाखापट्नम में दो ब्रॉन्ज, अंडर-18 में सिल्वर व ब्रॉन्ज भी अपने नाम किया. साल 2016 में आंध्र प्रदेश के तिरुपति में 3 गोल्ड जीते. उड़ीसा भुवनेश्वर में अंडर-17 के मुकाबले में दो गोल्ड व दो सिल्वर, स्कूल नेशनल गेम्स में चार गोल्ड व एक सिल्वर हासिल किया. वहीं, साल 2016-17 में महाराष्ट्र में मेडल, फरीदाबाद में सीनियर नेशनल तीरंदाजी में ब्रॉन्ज मेडल जीता. साल 2017-18 में स्कूल नेशनल गेम्स में दो गोल्ड, एक सिल्वर पर भी कब्जा किया. इसके अलावा साल 2018-19 में फिलीपींस एशिया कप में दो ब्रॉन्ज जीते. ताइवान में आयोजित मुकाबलों में सिल्वर और ब्रॉन्ज और बांग्लादेश में आयोजित मुकाबलों में सीनियर सिल्वर मेडल पर भी जीत हासिल की.

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इसके अलावा रिद्धि ने वर्ष-2018 में नई दिल्ली में आयोजित पहले खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में आठवां, पुणे में चौथा, गुवाहाटी में कांस्य पदक, पंचकूला में स्वर्ण पदक जीता. गुजरात मे हुई प्रतियोगिता में भी रिद्धि ने गोल्ड जीता था. मेघालय में आयोजित NTPC सीनियर नेशनल तीरंदाजी कंपटीशन में जीता था. गोल्ड और अब खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी में गोल्ड व ब्रांज मेडल हासिल किया है. रिद्धि की मां पिंकी बताती है कि हम जब बेटियों के सपनों के पंखों को उड़ान देंगे तो समझ में आएगा कि बेटियों की उड़ान बहुत ऊंची है. उन्होंने कहा कि सभी माता-पिता अपनी बेटियों को बढ़ावा दें.

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