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अपने ही बयान से पलटे गुरनाम चढूनी! चुनाव लड़ने को लेकर अब कही ये बात

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Published : Aug 11, 2021, 7:57 PM IST

तीन कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) लगातार जारी है. वहीं इस दौरान किसान नेता गुरनाम चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) की ओर से कई बार राजनीतिक बयान भी देखने को मिले जिसके बाद उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा ने सस्पेंड भी कर दिया था. अब एक बार फिर उन्होंने बड़ा बयान दिया है.

Gurnam Singh Chaduni
Gurnam Singh Chaduni

करनाल: राजनीति करने और चुनाव लड़ने के बयान देने के कारण चर्चा में रहने वाले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) अपने ही बयान से पलटते नजर आ रहे हैं. बुधवार को करनाल में उन्होंने कहा कि न मैंने कभी चुनाव लड़ने की बात कही और न ही मैंने खुद को कभी सीएम पद का उम्मीदवार माना. मैxने कभी चुनाव लड़ने का कोई बयान नहीं दिया. बता दें कि, भारतीय किसान युनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी किसान आंदोलन के दौरान राजनीतिक बयान देने को लेकर लगातार चर्चा में रहे हैं.

कई किसान नेताओं और राजनेताओं द्वारा उन पर किसान आंदोलन के जरिए अपनी राजनीति चमकाने के आरोप भी लगे थे. वहीं किसान आंदोलन के जरिए राजनीति की बातों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को मोर्चे से सात दिन के लिए सस्पेंड भी कर दिया था. सस्पेंड होने के बावजूद भी गुरनाम सिंह चढूनी अपने बयान पर कायम रहे थे. उन्होंने तब भी अपने बयान को दोहराते हुए कहा था कि अगर आगे भी वो मुझे सस्पेंड करना चाहे तो कर सकते हैं, लेकिन मैं अपना फैसला बदलने वाला नहीं हूं. मैंने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि मैं इस देश से गंदी राजनीति को खत्म करना चाहता हूं.

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उन्होंने कहा था कि अगर अन्नदाता के हाथ में देश का राजपाट होगा तो देश बच जाएगा नहीं तो बीजेपी वाले देश को बेच खाएंगे. आज हर वर्ग सरकार से दुखी है और जब तक किसान इनकी गंदी राजनीति खत्म करने के लिए आगे नहीं आएगा तब तक देश में इसी तरह गंदी राजनीति चलती रहेगी. वहीं अब बुधवार को करनाल में उन्होंने कहा कि मैंने कभी चुनाव लड़ने का कोई बयान नहीं दिया. हमारा काम किसान आंदोलन के लिए काम करना था. अब वो किस दिशा में जाएगा ये पता नहीं.

वहीं 15 अगस्त को किसानों की तरफ से पिपली से एक तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी. ये यात्रा करनाल, पानीपत से आगे बढ़ती हुई कुंडली बॉर्डर तक पहुंचेगी, चढूनी का कहना है कि इस यात्रा का यात्रा मकसद सरकार की तिरंगा यात्रा को जवाब देना है, वो भले ही तिरंगे का इस्तेमाल सत्ता के लिए पर किसान तिरंगे का सम्मान करते हैं.

बता दें कि, हाल ही में संयुक्त किसान मोर्चा और हरियाणा के भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप में खींचतान बढ़ने की खबरें भी आई थी. गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले होने वाली मीटिंग का बहिष्कार कर दिया था. आंदोलन में तानाशाही करने के आरोप लगते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा था कि पंजाब के 32 जत्थेबंदियों ने संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक पर एक तरह से कब्जा कर लिया है.

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