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ढांचे के बीज पर 80 प्रतिशत अनुदान देगी हरियाणा सरकार, ग्रीन खाद के लिए बढ़ाया जाएगा ढांचे का रकबा

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Published : Feb 24, 2023, 4:53 PM IST

Updated : Feb 25, 2023, 2:49 PM IST

हरियाणा सरकार (Agriculture Schemes of Haryana Government) ढांचे के बीज पर 80 प्रतिशत तक अनुदान देगी. एक एकड़ में 12 किलोग्राम ढांचे के बीज से बिजाई की जाती है. ढांचे का रकबा बढ़ाए जाने पर किसानों को अब उसी अनुपात में ज्यादा अनुदान मिल सकेगा.

Grant on Agriculture in Haryana Agriculture Department Haryana Agriculture Schemes of Haryana Government
ढांचे के बीज पर 80 प्रतिशत अनुदान देगी हरियाणा सरकार.

ढांचे के बीज पर 80 प्रतिशत अनुदान देगी हरियाणा सरकार.

करनाल: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने बजट में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं की हैं. इनमें से एक घोषणा हरियाणा के किसानों को ढांचे की खेती करने के लिए अनुदान देने को लेकर की गई है. यह अनुदान प्रदेश सरकार ढांचे के बीज पर 80 प्रतिशत तक देगी. जिसमें से 20 प्रतिशत किसान को वहन करना पड़ेगा. इसके साथ ही सरकार प्रदेश में ढांचे का रकबा पहले से ज्यादा बढ़ाने जा रही है. इस कारण अब किसानों को ज्यादा एकड़ के लिए ढांचे के बीज पर अनुदान मिल सकेगा.

जिला कृषि उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि हरियाणा में पहले भी ढांचे के बीच पर सरकार 80 प्रतिशत तक अनुदान दे रही थी. लेकिन अब इसमें नया यह है कि हरियाणा में ढांचे का रकबा पहले से ज्यादा बढ़ाया जाएगा. हालांकि कृषि विभाग हरियाणा के पास अभी इसका नोटिफिकेशन नहीं आया है, लेकिन रकबा ज्यादा बढ़ाने की बात स्पष्ट हो चुकी है. जिससे किसानों को इसका फायदा हो सके.

Grant on Agriculture in Haryana Agriculture Department Haryana Agriculture Schemes of Haryana Government
हरियाणा में ढांचे का रकबा पहले से ज्यादा बढ़ाया जाएगा.

डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि 1 एकड़ में 12 किलोग्राम बीज की बिजाई की जाती है और गेहूं की कटाई होने के बाद ही किसान इसको लगाते हैं. गेहूं की कटाई के बाद की फसल को खेत में ही मिला दिया जाता है. जिससे खेत की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है. इसको लगाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि इससे भूमि की उर्वरक शक्ति बढ़ाई जा सके.

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यह लगभग दो महीनों की खेती होती है, जिसमें किसान इसको अपने खेत में तैयार करके ट्रैक्टर की सहायता से खेत में ही मिला देते हैं. जिसे खेत की मिट्टी को 16 प्रकार के न्यूट्रिशन मिलते हैं. उन्होंने बताया कि पहले सिर्फ एक किसान 10 एकड़ तक का बीज ले सकता था, लेकिन जैसे ही सरकार ने ढांचे का रकबा बढ़ाने की बात की है, तो ऐसे में इसका टारगेट और ज्यादा बढ़ाने के लिए किसानों को अब ज्यादा एकड़ के लिए ढांचे के बीज पर अनुदान दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि किसानों के खेतों की सेहत सुधारने के लिए ढांचा लगाया जाता है. हरियाणा का कृषि एवं किसान कल्याण विभाग किसानों को बीज मुहैया करवाता है. यह बिल्कुल फ्री की खेती होती है. इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढती है. उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि हमारी मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बढ़ाया जा सके. इससे मीटिंग को 16 प्रकार के न्यूट्रिशन मिलते हैं, जिससे हमारी फसल की पैदावार में बढ़ोतरी होती है.

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मिट्टी को 16 प्रकार के मिलते हैं न्यूट्रिशन: ढांचा पोषक तत्वों के साथ कार्बनिक अमल पैदा करता है, जो लवणीय व क्षारीय भूमि को भी उपजाऊ बना देती है. 1 एकड़ में 12 किलो बीज की बिजाई की जाती है. जिससे हमारी मिट्टी औसतन 25 टन हरी खाद तैयार करती है. इससे खेत की मिट्टी को करीब 100 से 120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 12 से 15 किलोग्राम फास्फोरस, आठ से 10 किलोग्राम पोटाश की आपूर्ति सहित अन्य कई न्यूट्रिशन की पूर्ति होती है. इसकी वजह से फसल में रासायनिक उर्वरक का प्रयोग भी कम होता है. किसान की बचत हो जाती है.

पानी की होती है बचत: ढांचे की खेती करने से हमारी भूमि को पानी की भी कम आवश्यकता होती है. क्योंकि ढांचे की वजह से खेत में नमी बनी रहती है. जिसकी वजह से खेत में पानी की कम लागत होती है और करीब 30 प्रतिशत पानी की बचत होती है. पानी की समस्या आने वाले समय में बन सकती है, उसके लिए ढांचे की खेती एक अच्छा विकल्प है.

Last Updated : Feb 25, 2023, 2:49 PM IST
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