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नशे ने उजाड़ दी दो जिंदगियां, पहले गई विदेश में नौकरी फिर बीवी ने दिया तलाक

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Published : Dec 4, 2019, 6:54 AM IST

Updated : Dec 4, 2019, 4:12 PM IST

ईटीवी भारत की टीम ने कैथल में नशे के आदी दो युवाओं से खास बातचीत की. युवाओं ने बताया कि किस तरह से नशे की लत ने उनकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया. उनका परिवार उजाड़ दिया.

drugs spoiled two youth life in kaithal
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कैथल: नशा हरियाणा के युवाओं को दिन प्रतिदिन अपने आगोश में लेता जा रहा है. अगर बात करें हम पंजाब से सटे हरियाणा के सभी जिले नशे की चपेट में आ गए हैं और 15 वर्ष से 25 वर्ष की आयु के युवा ज्यादा नशे की ओर बढ़ रहे हैं. हालांकि सरकार और प्रशासन कई ऐसे कदम भी उठा रहे हैं कि नशे के कारोबार को खत्म किया जाए लेकिन फिर भी नशे का व्यापार दिन-प्रतिदिन फल फूल रहा है. ईटीवी भारत ने युवाओं को नशे से बचाने के लिए एक पहल की है. इस पहल के जरिए ईटीवी भारत युवाओं को नशे के प्रति जागरूक कर रहा है.

जाने कैसे नशे ने उजाड़ दिए भरे पूरे परिवार, देखें वीडियो

हरियाणा में फैलता जा रहा नशे का जाल

ईटीवी भारत टीम कैथल जिले के चीका कस्बा में जहां पर उन्होंने राहत नशा मुक्ति केंद्र का दौरा किया. जहां दो युवकों ने अपनी आपबीती सुनाई. कैसे उनकी हंसती खेलती जिंदगी को नशे ने बर्बाद कर दिया. यहां नशा छोड़ने के लिए पंजाब से आए एक युवा ने ईटीवी भारते से बातचीत में बताया कि 'मैंने उसने 15 वर्ष की आयु में नशा करना शुरू किया था और मैं अपने मित्रों के साथ नशा करता था. मैं स्मैक का नशा करता था. मैंने लगभग 20 लाख रूपये 10 साल के नशे के जीवन में खराब कर दिए. जब धीरे-धीरे मैं उसका आदी हो गया तो मुझे नशे की ज्यादा जरूरत पड़ने लग गई. शुरू में परिवार वालों से पैसे मिल जाते थे लेकिन बाद में जब पैसे मिलने बंद हो गए तो मैंने चोरियां भी शुरू कर दी. घर का समान बेचना शुरू कर दिया. पड़ोसियों का समान बेचना भी शुरू कर दिया. आपने फोन तक मैंने बेच दिए क्योंकि मुझे नशे की जरूरत होती थी.

नशे ने उजाड़ दिए भरे पूरे परिवार

नशे की लत लग जाने पर शरीर को नशे की जरूरत होती है. इंसान किसी भी हद तक जा सकता है. वो चोरी भी कर सकता है, किसी को मार भी सकता है. हालांकि ना एक अच्छे परिवार से संबंध रखता हूं, हम दो भाई हैं. मेरे पिताजी का सर्गवास हो चुका है और शुरू से ही गलत संगति में पड़ने के कारण में नशे का आदी हो गया था लेकिन अब मैं नशा छोड़ने के लिए आया हूं और अब मैं नशा छोड़ना चाहता हूं.

ये भी पढें:-बेरोजगारी की वजह से नशे का शिकार हो रहे हैं युवा, बर्बाद होने के कगार पर परिवार

उन्होंने बताया कि जब नशा व्यक्ति करता है तो उसको कोई भी होश नहीं रहता. वो अपने परिवार वालों के साथ, अपने पड़ोसियों के साथ मारपीट करता है. गाली-गलौज भी करता है. उसको कुछ नहीं पता होता कि सामने वाला व्यक्ति कौन है. उस पर नशे का पूरा जोर रहता है. जो नशा वो करता था. उसका प्रभाव उस पर लगभग 5 से 6 घंटे रहता था'.

नशा बना तलाक का कारण

वहीं जब दूसरे व्यक्ति से बात की तो उसने बताया कि 'मैं 17 साल की उम्र में नशा करने लग गया था. मैंने बहुत समय बर्बाद किया बहुत पैसा बर्बाद किया. हालांकि नशा करते हुए मैं बीच में विदेशी चला गया लेकिन वहां से मुझे नशे के कारण वापस आना पड़ा और यहां आकर घर वालों ने मेरी शादी भी कर दी थी, लेकिन मैं नशा नहीं छोड़ पाया, उससे मेरा तलाक हो गया. अब मुझे होश आया है कि नशा केवल नशे करने वाले को ही नहीं उसके परिवार को बर्बाद कर देता है. अब मैं नशा छोड़ने के लिए यहां पर आया हूं. जब व्यक्ति नशे में होता है उसको कोई भी खुश नहीं रहता कि वह क्या कर रहा है? क्या नहीं कर रहा? सिर्फ उसके शरीर को चाहती है कि वो नशा करे.

Intro:नशा हरियाणा के युवाओं को दिन प्रतिदिन अपने आगोश में लेता जा रहा है अगर बात करें हम पंजाब से सटे हरियाणा के सभी जिले नशे की चपेट में आ गए हैं और 15 वर्ष से 25 वर्ष की आयु के युवा ज्यादा नशे की ओर बढ़ रहे हैं हालांकि सरकार व पुलिस प्रशासन कई ऐसे कदम भी उठा रहे हैं कि नशे के कारोबार को खत्म किया जाए लेकिन फिर भी नशे का व्यापार दिन-प्रतिदिन फल फूल रहा है ईटीवी भारत की टीम इस पर ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रही है और दिखा रही है कि नशे से जूझ रहे युवा किस तरफ अपनी जिंदगी को लेकर जा रहे हैंBody:ईटीवी भारत के खास कार्यक्रम ऑपरेशन नशा में ईटीवी भारत की टीम पहुंची है कैथल जिले के चीका कस्बा में जहां पर उन्होंने राहत नशा मुक्ति केंद्र का दौरा किया और उसके संचालक अवतार सिंह से खास बातचीत की अवतार सिंह ने बताया कि शुरू में जो युवा अवस्था में थे वह खुद भी नशा करते थे नशा भी चिट्टा स्मैक यह सब क्या करते थे लेकिन भगवान ने समय रहते ही उनको सद्बुद्धि दे और उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र ज्वाइन करके नशे को छोड़ दिया.

उन्होंने बताया कि शुरू में वह भी नशा करते थे और धीरे-धीरे उनके दिमाग में बात आई कि नशा करना बुरी बात है नशा खुद की तो जिंदगी तबाह करता ही है साथ में परिवार वालों की जिंदगी भी तबाह कर देता है और उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र जाकर नशा बिल्कुल त्याग दिया और एक प्रण लिया कि मैं खुद भी नशा मुक्ति केंद्र शुरू करके जो युवा नशे की ओर जा रहे हैं नशा करते हैं उनसे नशा नशा छुड़वाने का काम करूंगा और उन्होंने आज से लगभग 7 साल पहले राहत नशा मुक्ति केंद्र शुरू किया और युवाओं को नशे से दूर करने का काम करने लगे उन्होंने अभी तक लगभग 600 हर वर्ग के व्यक्तियों से नशा छुड़वाने का काम किया उन्होंने कहा कि उनके पास ज्यादा 15 से 30 उम्र तक के लोग ज्यादा आते हैं जो नशा छोड़ना चाहते हैं हालांकि नशा में उनके पूरे परिवार की जिंदगी तबाह हो जाती है जिससे यह एक बुरी लगती है जो व्यक्ति नशा करता है समाज में उसको कोई भी व्यक्ति अहमियत नहीं देता हालांकि सरकार द्वारा उनको कोई भी सहायता प्राप्त नहीं लेकिन फिर भी वह लगातार नशा मुक्ति केंद्र पर काम कर रहे हैं और युवाओं को नशे से दूर करने का काम कर रहे हैं उनके पास हर तरह के नशा करने वाले लोग आते हैं इसका कोर्स लगभग 3 महीने का होता है लेकिन उससे ज्यादा टाइम भी अगर कोई यहां पर लगाना चाहे वह भी लगा सकता है इसका पूरा खर्च वह अपने से बहन करते हैं या जो व्यक्ति नशा छोड़ने के लिए यहां पर आता है कुछ उसके परिवार से सहायता ली जाती है.

जो नशा छोड़ने के लिए नशा मुक्ति केंद्र में आए हैं उनका चेहरा ब्लर कर दिया जाए और उनकी पहचान भी गुप्त रखी जाए.

नशा छोड़ने के लिए पंजाब से आए एक ही युवा से हमने बात की तो उन्होंने कहा कि मैंने 15 वर्ष की आयु में नशा करना शुरू किया था और मैं अपने मित्रों के साथ नशा करता था मैं स्मैक का नशा करता था. और मैंने लगभग ₹2000000 अपने 10 साल के नशे के जीवन में खराब कर दिए जब धीरे-धीरे मैं उसका आदी हो गया तो मुझे नशे की ज्यादा जरूरत पड़ने लग गई हालांकि शुरू में परिवार वालों से पैसे मिल जाते थे लेकिन बाद में जब पैसे मिलने बंद हो गए मैंने चोरियां भी शुरू कर दी घर का समान बेचना शुरू कर दिया पड़ोसियों का समान बेचना भी शुरू कर दिया आपने फोन तक मैंने भेज दिए क्योंकि मुझे नशे की जरूरत होती थी नशे की कैसी लत जो बहुत बुरी है. शरीर को नशे की जरूरत होती है तो वह किसी भी स्तर पर जा सकता है वह चोरी भी कर सकता है किसी को मार भी सकता है हालांकि ना एक अच्छे परिवार से संबंध रखता हूं हम दो भाई हैं मेरे पिताजी का सर्गवास हो चुका है और शुरू से ही गलत संगति में पड़ने के कारण में नशे का आदी हो गया था लेकिन अब मैं नशा छोड़ने के लिए आया हूं और अब मैं नशा छोड़ना चाहता हूं।
उन्होंने बताया कि जब नशा व्यक्ति करता है तो उसको कोई भी होश नहीं रहता वह अपने परिवार वालों के साथ अपने पड़ोसियों के साथ मारपीट करता है गाली-गलौज भी करता है उसको कुछ नहीं पता होता कि सामने वाला व्यक्ति कौन है उस पर नशे का पूरा जो रहता है जो नशा वो करता था उसका प्रभाव उस पर लगभग 5 से 6 घंटे रहता था।

जब दूसरे व्यक्ति सामने बात की जो नशा करने अपनी 17 साल की उम्र में लग गए थे और वे अब नशा छोड़ने के लिए आए हुए थे उन्होंने कहा कि मैं 17 साल की उम्र में नशा करने लग गया था मैंने वह समय बर्बाद किया बहुत पैसा बर्बाद किया हालांकि नशा करते हुए मैं बीच में विदेशी चला गया लेकिन वहां से मुझे नशे के कारण वापस वापस आना पड़ा और यहां आकर घर वालों ने मेरी शादी भी कर दी थी लेकिन नशे की लत मैं नहीं छोड़ पाया उससे मेरा तलाक हो गया अब मुझे होश आया है कि नशा केवल नशे करने वाले को ही नहीं उसके परिवार को बर्बाद कर देता है और अब मैं नशा छोड़ने के लिए यहां पर आया हूं जब व्यक्ति नशे में होता है उसको कोई भी खुश नहीं रहता कि वह क्या कर रहा है क्या नहीं कर रहा सिर्फ उसके शरीर को चाहती है कि वह नशा करें नशा करने से उसके शरीर द्वारा कोई भी काम नहीं किया जा सकता।


पुलिस उप अधीक्षक किशोरीलाल से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि पंजाब से लगने के कारण कैथल में नशा काफी सक्रिय है लेकिन हम समय-समय पर कैंप लगा रहे हैं और युवाओं को इसके प्रति जागरूक भी कर रहे हैं हालांकि जो व्यक्ति नशा करने लग जाता है उसके बर्ताव में बदलाव आ जाता है वह झूठ बोलने लग जाता है पैसे ज्यादा खर्च लगने लग जाता है अपने आप पर में मदहोश रहता है तो माता-पिता को भी चाहिए कि लगातार अपने बच्चे पर नजर बनाए रखेंConclusion:Kaithal
Last Updated : Dec 4, 2019, 4:12 PM IST
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