जींद: कुरुक्षेत्र में किसानो पर हुए लाठीचार्ज के बाद भारतीय किसान यूनियन ने संसद कूच की धमकी दी है. शुक्रवार को जींद में भारतीय किसान यूनियन की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया कि केंद्र सरकार तीन अध्यादेशों की बजाय फसल पर एमएसपी और भुगतान की गारंटी का कानून आगामी संसद के सत्र में पास करेगी, नहीं तो किसान बड़े आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा की हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश से 50-50 किसान संसद तक कूच करेंगे. अगर सरकार ने उन्हें रोकने की कोशिश कि तो किसान गिरफ्तारियां देंगे. हालांकि उससे पहले विरोध दर्ज करने के लिए हरियाणा से 5 लाख पत्र पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे जाएंगे, जिनमें लिखा जाएगा कि किसानों को कंपनी राज नहीं बल्कि एमएसपी और भुगतान की गारंटी चाहिए.
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए किसान नेता रामफल कंडेला ने कहा कि कुरुक्षेत्र में हुई बर्बरता की किसान निंदा करते हैं. किसान तीनों कृषि अध्यादेशों का विरोध करते हैं. किसानो को कंपनी राज नहीं चाहिए बल्कि सुरक्षा के लिए एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य और फसल की गारंटी का कानून चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि इन अध्यादेशों पर कृषि मंत्री, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री और हरियाणा के बीजेपी अध्यक्ष बढ़ा चढ़ा कर बाते करते हैं, लेकिन असल में वो किसानों को बरगलाने का काम कर रहे हैं.
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कंडेला ने सरकार को चेतवानी देते हुए कहा कि सरकार कोरोना के बहाने अगर धारा 144 का फायदा उठाकर किसानों को दबाना चाहती है तो सरकार गलतफहमी में न रहे, क्योंकि किसान पीछे नहीं हटने वाले हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जितने मर्जी चाहे मुकदमे बना ले, लेकिन किसान अब चुप नहीं बैठेंगे.