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Nari Shakti Chandrawati devi : हरियाणा की पहली महिला सांसद, विधायक और एडवोकेट, जो आधी आबादी के लिए बनी मिसाल

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Published : Aug 10, 2022, 5:31 PM IST

देश के आजाद हुए 75 बरस हो चुके हैं, इस जश्न को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. देश ने इन 75 सालों में खूब तरक्की की है. सामाजिक से लेकर आर्थिक मोर्चे और खेल के मैदान से लेकर सियासत के मंच तक कई बदलाव आए हैं. लेकिन इन बदलावों की बात नारी शक्ति के बिना अधूरी है. आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है, ऐसे में ये मौका हैं ऐसी महिलाओं को सलाम करने का जिन्होंने अपना मुकाम उस वक्त हासिल किया जब उनकी राह में कई रोड़े थे. ऐसी ही नारी शक्ति का उदाहरण है हरियाणा की पहली महिला सांसद चंद्रावती देवी, जो प्रदेश की पहली महिला विधायक और महिला एडवोकेट भी थी

Chandrawati devi
Chandrawati devi

चंडीगढ़: देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आजादी के 75 सालों में देश ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. शिक्षा, खेल, राजनीति, बिजनेस से लेकर हर क्षेत्र में भारतीयों ने सफलता के झंडे गाड़े हैं. लेकिन किसी देश की उपलब्धि उसकी नारी शक्ति (Nari Shakti) के बिना अधूरी है. आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं लेकिन देश में वो दौर भी रहा जब देश की आधी आबादी शिक्षा के अभाव में हर मोर्चे पर पिछड़ी हुई थी. ऐसे में कुछ महिलाएं ऐसी मिसाल बनीं, जिन्होंने देश की आधी आबादी के लिए मशाल का काम किया. ऐसी ही हस्ती थीं, हरियाणा की पहली महिला विधायक और पहली महिला सांसद चंद्रावती देवी (Chandrawati devi). राजनीति के क्षेत्र में चंद्रावती देवी की उपलब्धियां कई लोगों को उनका मुरीद बनाती हैं.

चंद्रावती देवी का जन्म 3 सितंबर 1928 को तत्कालीन पूर्वी पंजाब में हुआ था. आज उनका गांव डालावास हरियाणा प्रदेश के दादरी जिले में आता है. वो हरियाणा की पहली विधायक और सांसद के अलावा हाईकोर्ट की पहली अधिवक्ता भी थीं. चंद्रावती देवी ने सियासत से लेकर कानून के क्षेत्र में महिलाओं के लिए नई राह खोली और पुरुष प्रधान समाज को बताया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है. उनसे प्रेरणा लेकर आधी आबादी राजनीति, कला, खेल समेत तमाम क्षेत्रों में बुलंदी पर हैं.

1977 में बंसीलाल को हराकर हरियाणा की पहली सांसद बनीं
1977 में बंसीलाल को हराकर हरियाणा की पहली सांसद बनीं

हरियाणा की पहली महिला सांसद- साल 1977 में चंद्रावती देवी संसद पहुंचने वाली हरियाणा की पहली महिला सांसद (first woman member of parliament from Haryana) बनी. 1977 में छठी लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में उन्होंने भिवानी लोकसभा सीट से जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बंसी लाल को भारी अंतर से हराया था. बंसी लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. उस वक्त राजनीति और खासकर संसद में महिलाओं की भागीदारी ना के बराबर थी. लेकिन चंद्रावती ने लोकसभा चुनाव में करीब 68 फीसदी वोट लेकर रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी.

चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक 1977 में चंद्रावती ने 2 लाख 89 हजार 135 वोट हासिल किए थे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल को 1 लाख 27 हजार 893 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. माना जाता है कि आपातकाल का फायदा चंद्रावती को मिला था. लेकिन उनकी इस जीत के बाद हरियाणा की आधी आबादी के लिए देश की सबसे बड़ी पंचायत तक पहुंचने का रास्ता खुल गया.

हरियाणा सरकार में मंत्री भी थीं चंद्रावती देवी
हरियाणा सरकार में मंत्री भी थीं चंद्रावती देवी

हरियाणा की पहली महिला विधायक भी थीं- वैसे जब चंद्रावती ने लोकसभा चुनाव जीता था तो संसद तो उनके लिए नई थी लेकिन सियासत से उनका पुराना नाता था. हरियाणा की पहली सांसद बनने से पहले वो प्रदेश की पहली महिला विधायक (First woman MLA of haryana) भी थीं. साल 1954 में संयुक्त पंजाब में हुए चुनाव में वो बाढड़ा विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई थीं. इसके बाद वो 1964 से 1966 और 1972 से 1974 तक राज्य सरकार में मंत्री भी रहीं. हरियाणा की पहली महिला विधायक (Haryana first woman MLA) के रूप में भी चंद्रावती को याद किया जाता है.

हरियाणा की पहली महिला विधायक
हरियाणा की पहली महिला विधायक

हाईकोर्ट की पहली महिला अधिवक्ता थीं- चंद्रावती हरियाणा की पहली महिला सांसद और विधायक के अलावा पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की पहली महिला अधिवक्ता (first woman advocate of haryana) भी थीं. भिवानी ही नहीं आस-पास के इलाके में भी वो उस दौर की पहली ग्रेजुएट महिला थीं. उन्होंने पंजाब के संगरूर से स्नातक की थी और दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की.

पुडुचेरी की उप राज्यपाल रहीं- चंद्रावती देवी (Chandrawati devi) विधायक, मंत्री और सांसद बनने के बाद पुडुचेरी की उपराज्यपाल भी बनीं. पुडुचेरी एक केंद्र शासित प्रदेश है, जिसके उप राज्यपाल की जिम्मेदारी उन्होंने 19 फरवरी 1990 से 18 दिसंबर 1990 तक निभाई थी.

पुडुचेरी की उपराज्यपाल भी रहीं चंद्रावती देवी
पुडुचेरी की उपराज्यपाल भी रहीं चंद्रावती देवी

इलाज में लापरवाही का मुद्दा उछला था- बता दें कि, बीती 13 जून 2020 को पूर्व उप राज्यपाल चंद्रावती को चरखी दादरी स्थित उनके आवास से पीजीआई इलाज के लिए लाया गया था. पूर्व उप राज्यपाल के कूल्हे व पैर में चोट के कारण पीजीआई लेकर आए थे. उन्हें यहां ना तो वीआईपी कमरा मिला था और साथ ही काफी घंटों तक इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा था. जिसके बाद परिजन उन्हें निजी अस्पताल ले गए थे. रिपोर्ट में सीएमओ डॉ. कुलदीप को उस वक्त ड्यूटी से गैरहाजिर बताते हुए लापरवाही का दोषी पाया गया था और इसी आधार पर उनको छह माह तक निलंबित किया गया था.

15 नवंबर 2020 को 92 साल की उम्र में प्रदेश की प्रथम महिला अधिवक्ता, प्रथम महिला विधायक दल नेत्री, प्रथम महिला सांसद, पुडुचेरी की पूर्व उप राज्यपाल व कांग्रेस की वरिष्ठ नेता चंद्रावती का निधन हो गया है. वे पिछले काफी समय से बीमार चल रही थीं. रोहतक पीजीआई में उन्होंने अंतिम सांस ली. चंद्रावती काफी समय से दादरी में सरकारी निवास पर रहती थीं. चंद्रावती देवी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में ही हुआ था.

92 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
92 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

आज भले महिलाएं हर क्षेत्र में अपना एक मुकाम हासिल कर रही हो लेकिन आज की आधी आबादी को वो राह चंद्रावती देवी जैसी एचीवर्स ने ही दिखाई है. जिन्होंने उस दौर में हर बाधा को ठेंगा दिखाकर ना सिर्फ अपने लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी रास्ता खोला.

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