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घग्गर नदी के बढ़ते प्रदूषण पर NGT चिंतित, हरियाणा सहित अन्य राज्यों को दिए ये निर्देश

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Published : Nov 30, 2019, 10:28 AM IST

Ghaggar river pollution-free
घग्गर नदी के बढ़ते प्रदूषण पर NGT चिंतित

एनजीटी ने घग्गर नदी में प्रदूषण पर चिंता जताते हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश को निर्देश दिया है कि वो 31 दिसंबर 2020 तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाएं.

दिल्ली/चंडीगढ़: एनजीटी ने घग्गर नदी में प्रदूषण पर चिंता जताते हुए हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश को निर्देश दिया है वो 31 दिसंबर 2020 तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाएं. घग्गर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जारी दिशानिर्देश में एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने चारों राज्यों को चेतावनी दी कि अगर 31 दिसंबर 2020 के बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाता है तो हर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए प्रति महीने दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

17 जनवरी को अगली सुनवाई
एनजीटी ने घग्गर नदी के जलग्रहण क्षेत्र के आसपास के स्थानीय निकायों को निर्देश दिया कि वो ये सुनिश्चित करें कि ठोस कचरा नहीं डाला जाए. एनजीटी ने चारो राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और कमेटियों के चेयरमैन, शहरी विकास विभाग और सिंचाई और लोक स्वास्थ्य विभागों के सचिवों को सुनवाई की अगली तिथि को तलब किया.

घग्गर नदी के बढ़ते प्रदूषण पर NGT चिंतित

हिमाचल से निकलती है नदी
घग्गर नदी हिमाचल प्रदेश से निकलती है और राजस्थान तक जाती है. दरअसल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक अखबार की खबर पर संज्ञान लेते हुए इस मामले को 17 मार्च 2016 को एनजीटी को सौंपा था.

इन राज्यों में सबसे ज्यादा प्रदूषित घग्गर

मानवाधिकार आयोग ने पाया था कि घग्गर नदी पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में काफी प्रदूषित है. 9 दिसंबर 2016 को एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त टीम गठित की थी. टीम ने निरीक्षण कर पाया कि घग्गर नदी में स्वीकृत मात्रा से काफी ज्यादा प्रदूषण था.

उसके बाद एनजीटी ने 7 अगस्त 2018 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस प्रीतम पाल के नेतृत्व में घग्गर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे उपायों की देखरेख करने के लिए टीम का गठन किया.

ये भी पढ़ेंः NGT ने झज्जर पावर प्लांट से निकलने वाले फ्लाई ऐश को तय समय से पहले निस्तारण के आदेश

एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश
एनजीटी ने घग्गर नदी में मिलने वाले 351 धाराओं पर गौर करते हुए संबंधित राज्यों को नदी पुनरुद्धार कमेटियां गठित करने का निर्देश दिया और कमेटियों को घग्गर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया था. जस्टिस प्रीतम पाल के नेतृत्व वाली कमेटी ने पिछले 28 फरवरी को अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी थी.

रिपोर्ट में कहा गया था कि घग्गर नदी में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा , पंजाब और चंडीगढ़ में निर्बाध रुप से अनट्रिटेड कचरा और बायो-मेडिकल कचरा डाला जाता है. कमेटी ने घग्गर नदी से पानी का जो सैंपल लिया था वो रंगीन था. कमेटी ने पाया कि पानी के रंगीन होने की वजह नदी में पेपर और पल्प इंडस्ट्रीज, शुगर और डिस्टिलरीज के आए हुए अनट्रिटेड कचरा था.

Intro:नई दिल्ली । एनजीटी ने घग्गर नदी में प्रदूषण पर चिंता जताते हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश को निर्देश दिया है वो 31 दिसंबर 2020 तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाएं। घग्गर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जारी दिशानिर्देश में एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने चारों राज्यों को चेतावनी दी कि अगर 31 दिसंबर 2020 के बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाता है तो हर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए प्रति महीने दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस मामले पर अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।



Body:एनजीटी ने घग्गर नदी के जलग्रहण क्षेत्र के आसपास के स्थानीय निकायों को निर्देश दिया कि वो ये सुनिश्चित करें कि ठोस कचरा नहीं डाला जाए। एनजीटी ने चारो राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और कमेटियों के चेयरमैन, शहरी विकास विभाग और सिंचाई और लोक स्वास्थ्य विभागों के सचिवों को सुनवाई की अगली तिथि को तलब किया।
घग्गर नदी हिमाचल प्रदेश से निकलती है और राजस्थान तक जाती है। दरअसल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक अखबार की खबर पर संज्ञान लेते हुए इस मामले को 17 मार्च 2016 को एनजीटी को सौंपा था। मानवाधिकार आयोग ने पाया था कि घग्गर नदी पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में काफी प्रदूषित है। 9 दिसंबर 2016 को एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त टीम गठित किया था। टीम ने निरीक्षण कर पाया कि घग्गर नदी में स्वीकृत मात्रा से काफी ज्यादा प्रदूषण था। उसके बाद एनजीटी ने 7 अगस्त 2018 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस प्रीतम पाल के नेतृत्व में घग्गर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे उपायों की देखरेख करने के लिए टीम का गठन किया।



Conclusion:एनजीटी ने घग्गर नदी में मिलनेवाले 351 धाराओं पर गौर करते हुए संबंधित राज्यों को नदी पुनरुद्धार कमेटियां गठित करने का निर्देश दिया और कमेटियों को घग्गर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया था। जस्टिस प्रीतम पाल के नेतृत्व वाली कमेटी ने पिछले 28 फरवरी को अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि घग्गर नदी में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा , पंजाब और चंडीगढ़ में निर्बाध रुप से अनट्रिटेड कचरा और बायो-मेडिकल कचरा डाला जाता है। कमेटी ने घग्गर नदी से पानी का जो सैंपल लिया था वो रंगीन था। कमेटी ने पाया कि पानी के रंगीन होने की वजह नदी में पेपर और पल्प इंडस्ट्रीज, शुगर और डिस्टिलरीज के आए हुए अनट्रिटेड कचरा था। 
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