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हरियाणा में पारिवारिक जमीनों के बंटवारे के दौरान होने वाले झगड़े के निपटान के लिए बनेगा कानून- सीएम

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Published : Apr 18, 2023, 12:58 PM IST

manohar lal chief minister haryana
manohar lal chief minister haryana

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पारिवारिक जमीनों के बंटवारे के झगड़े के निपटान के लिए जल्द ही नया कानून लाया जाएगा, ताकि वर्षों तक अदालतों में जमीनों के बंटवारे के झगड़े लंबित ना रहें.

चंडीगढ़: रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में कहा कि सूबे में पारिवारिक जमीनों के बंटवारे के झगड़े के निपटान के लिए जल्द ही नया कानून लाया जाएगा, ताकि वर्षों तक अदालतों में जमीनों के बंटवारे के झगड़े लंबित ना रहें. इसके अलावा, राज्य में लगभग 100 गांव ऐसे हैं, जिनकी चकबंदी नहीं हुई है. इसके लिए भी एक वैज्ञानिक तरीके से चकबंदी करवाने की योजना तैयार की जा रही है. मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम की तर्ज पर प्रदेश के अन्य जिलों को भी औद्योगिक व आर्थिक रूप से विकसित करने पर बल दिया जा रहा है.

गुरुग्राम आज एक ग्लोबल सिटी और आईटी हब बन चुका है. दुनिया की 400 फॉर्च्यून कंपनियों के ऑफिस गुरुग्राम में हैं. इसी प्रकार फरीदाबाद जिला भी अब आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी होने से यहां औद्योगिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है. हिसार में एयरपोर्ट शुरू होने से उस जिले में और अधिक प्रगति होगी. उन्होंने कहा कि पंचकूला जिला भी एक सेंट्रल लोकेशन पर है. चंडीगढ़ एयरपोर्ट का फायदा भी मिलता है. इसलिए सरकार ने जिले में विकास को बढ़ावा देने के लिए डेवलपर को आकर्षित करने के लिए ईडीसी/एडीसी की दरें कम की हैं.

आर्थिक राजधानी के रूप में उभरेगा पंचकूला: सीएम ने कहा कि सूबे में अब डेवलपर निवेश कर रहे हैं और जल्द ही पंचकूला भी एक आर्थिक राजधानी के रूप में उभरेगा. सीएम मनोहर लाल ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से लोगों को राशन कार्ड, पेंशन, आयुष्मान व चिरायु हरियाणा योजना इत्यादि का लाभ घर बैठे ही मिल रहा है, इसलिए हमनें पीपिपी को नई परिभाषा दी है. पीपीपी यानी परमानेंट प्रोटेक्शन ऑफ पुअर पीपल. उन्होंने कहा कि नागरिकों की तकलीफों को और करीब से समझने के लिए अभी जन संवाद कार्यक्रम शुरू किए हैं. इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं का लाभ धरातल पर कितना पहुंच रहा है, इसका मूल्यांकन करना.

हैप्पीनेस इंडेक्स पर फोकस: जनसंवाद के दौरान लोगों ने राज्य सरकार की योजनाओं और पारदर्शी व्यवस्था पर सहमति जताई है कि यह सब व्यवस्थाएं ठीक हैं. लोगों ने बताया है कि पहले उन्हें नौकरी के एक पैसे देने पड़ते थे, लेकिन हमारी सरकार ने पर्ची खर्ची सिस्टम को बंद किया और मेरिट पर सबको नौकरियां मिल रही हैं. इसके अलावा ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी से कर्मचारियों को भी बड़ी राहत पहुंची है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के जीवन को कैसे सुखी किया जाए, इसके लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की तर्ज पर ईज ऑफ लिविंग की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है. लोग कितने खुश हैं, इसके लिए भी पैरामीटर बनाने होंगें. भूटान देश, जहां हैप्पीनेस इंडेक्स को मापा जाता है, उसी तर्ज पर ये प्रयोग हरियाणा में भी करके दिखाएंगे.

विपक्ष पर साधा निशाना: प्रदेश में बेरोजगारी और सरकार पर कर्ज के आंकड़ों पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष का गणित बहुत कमजोर है. बेरोजगारी के लिए वे क्योंकि उनकी मनचाही पत्रिका सीएमआईई को पढ़ते हैं, जिसके आंकड़े सही नहीं हैं. इसी प्रकार, कर्ज को लेकर भी विपक्ष को हिसाब किताब कैसे समझाया जाए, क्योंकि वो अपने समय का कर्ज का आंकड़ा यदि सही कर लेंगे तो उन्हें जवाब मिल जाएगा. आज प्रदेश पर 2 लाख 53 हजार करोड़ का कर्ज है जो तय सीमा के अंदर है. पंजाब का आज कर्ज 42 प्रतिशत तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं की स्किलिंग करवाकर अगले 1 साल में एक लाख लोगों को विदेशों में भेजने की योजना बनाई है, ताकि उन्हें विदेशों में रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें.

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हरियाणा में कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आसपास के सभी प्रांतों में हरियाणा की कानून व्यवस्था बढ़िया है. प्रदेश में आज गैंगस्टर्स पर नकेल कसी जा रही है. उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. 350 गैंगस्टर जो नशीली दवाओं का व्यापार में शामिल हैं, उनकी संपत्ति को अटैच किया है और कार्रवाई की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों को विकास के मामले में आगे बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है. शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना है. स्वच्छता अभियान, पार्कों की व्यवस्था इत्यादि मॉडर्न सिस्टम के अनुसार डेवलप करने की आवश्यकता है. गांव के लोग शहर की तरफ ना जाए और उनके व्यवसाय, रोजगार गांव में ही कैसे मिलें. इसके लिए गांवों में मार्केटिंग की व्यवस्था करनी होगी. गांवों में बाजार खड़े करने होंगे, ताकि लोग गांवों से पलायन ना करें.

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