अभय चौटाला ने ई टेंडरिंग का किया विरोध, बोले- पंचायतों को कमजोर कर रही सरकार

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Published : Jan 14, 2023, 9:43 PM IST

inld leader abhay chautala

इनेलो नेता अभय चौटाला ने शनिवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने ई टेंडरिंग (abhay chautala on e tendering) के मुद्दे पर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा.

चंडीगढ़: इनेलो नेता अभय चौटाला ने शनिवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान अभय चौटाला ने पंचायतों के विकास कार्यों के लिए ई टेंडरिंग (e tendering in haryana) प्रक्रिया पर सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि हम तो ये उम्मीद कर रहे थे कि नववर्ष में मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों के लिए कुछ अच्छा करेंगे, लेकिन उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों की पावर कम कर दी. इस मामले में उन्होंने कहा कि जिस भी जिले में पंचायत मंत्री गए, वहां चुने हुए प्रतिनिधियों ने जब उनसे बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है.

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हम इसे छोटी सरकार कहते हैं. वहीं सरकार पंचायतों को कमजोर करने का काम कर रही है. उन्होंने (abhay chautala on e tendering) कहा कि 8 से 10% पैसा हर विभाग के मंत्रियों को पैसा जाता था. इसको लेकर पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली बहुत शोर मचाता था, जब तक वो मंत्री नहीं बने थे. अनेक बार पंचायत मंत्री ने विधानसभा में विरोध किया और विधानसभा के बाहर भी किया, लेकिन भ्रष्टाचार खत्म करना था, तो सरपंचों को ज्यादा पावर देनी थी, नाकि अधिकारियों को. उन्होंने कहा कि 2 लाख तक सरपंचों को सीमित कर दिया.

इसका मतलब ये हो गया कि आप चुने हुए लोगों के खिलाफ काम कर रहे हैं. इसलिए सरकार का हर वर्ग में विरोध हो रहा है. उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि सभी चुने हुए प्रतिनिधि इक्टठा होकर सरकार का विरोध करें. उन्होंने (inld leader abhay chautala) कहा कि अगर पैसों का दुरुपयोग हो रहा है तो एजेंसी के माध्यम से उसकी जांच करें, लेकिन पहले चुने हुए प्रतिनिधियों को पावर तो दो. उन्होंने कहा कि पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली टोहाना हल्के के गांव दमकोरा में नरेगा का पैसा लगना था, लेकिन पैसे दिए जाने के बाद भी कोई विकास के कार्य नहीं हुए. 13 लाख 4 हजार 141 रुपये का काम था.

जिसमें 8 लाख 966 रुपये ठेकेदार को पैसे दे दिए गए. लेकिन काम नहीम हुआ. दमकोरा गांव में ही एक गली बननी थी. जिसमें भी पैसा रिलीज कर दिया गया, लेकिन काम एक पैसे का नहीं हुआ. ये भ्रष्टाचार है या नहीं, मुख्यमंत्री बताए. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को पंचायत सम्मेलन बुलाना चाहिए. उसमें सभी चुने हुए प्रतिनिधियों को बुलाकर पूछना चाहिए कि वो कितने खुश हैं और हमें भी बुला ले. अगर चुने हुए प्रतिनिधि उनके फैसलों से सहमत नहीं हैं तो मुख्यमंत्री उनसे माफी मांगे. इनेलो का एक एक कार्यकर्ता चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ खड़ा है. चाहे वो किसी भी पार्टी का क्यों ना हो.

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उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जो पंचायत मंत्री ने पैसा गांव के विकास कार्यों के लिए भेजा और वो विकास कार्यों में नहीं लगा. इस मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिये. उन्होंने कहा कि ये सरकार नहीं लुटेरों का गिरोह है. इस सरकार के खिलाफ सीबीआई से जांच करवाई जाए, तो ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जो बच जाए. उन्होंने कहा कि मैं नए साल में सरकार को सीबीआई जांच का चैलेंज देता हूं. उन्होंने कहा कि सरकार श्वेत पत्र जारी करे और बताए जो योजनाएं बनाई गई उसमें लगा हुआ पैसा कहां गया. उन्होंने कहा कि जेजेपी वाले तो कार्यालयों में बैठकर ये योजना बनाते हैं कि कैसे पैसे इकठे किये जाए. उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग कॉमिशन खाने का माध्यम है. अगर मुख्यमंत्री प्रदेश का मुखिया है. तो गांव का सरपंच भी गांव का मुख्यमंत्री है.

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