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हरियाणा के पूर्व सीएम ओपी चौटाला की रिहाई पर सुनवाई पूरी, दिल्ली HC ने फैसला सुरक्षित रखा

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Published : Nov 26, 2019, 5:56 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 6:21 PM IST

former chief minister op chautala
पूर्व सीएम ओपी चौटाला की रिहाई पर सुनवाई पूरी

आज दिल्ली सरकार की तरफ से वकील राहुल मेहरा और ओम प्रकाश चौटाला की तरफ से सीनियर वकील एन. हरिहरन व वकील अमित साहनी न्यायालय में हाजिर थे. आज दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया.

चंडीगढ़/दिल्ली: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई. दिल्ली हाईकोर्ट ने तमाम पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा लिया है. इस दौरान दिल्ली सरकार ने भी हाईकोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. न्यायाधीश मनमोहन और न्यायाधीश संगीता सहगल की खंडपीठ में मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई. ओपी चौटाला के वकील अमित सहनी ने बताया कि इस सप्ताह किसी भी दिन अदालत अपना फैसला सुना सकती है.

पूर्व सीएम ओपी चौटाला की रिहाई पर सुनवाई पूरी, देखिए वीडियो

बता दें कि ओपी चौटाला ने लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली होई कोर्ट में अपनी बढ़ती उम्र और दिव्यांगता के चलते समय से पूर्व सजा माफ करने की याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने याचिका के निपटारे के लिए दिल्ली सरकार को आदेश दिए थे लेकिन यह मामला अभी भी विचाराधीन है.

तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं चौटाला
हरियाणा के जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में ओम प्रकाश चौटाला दोषी करार दिए गए थे और वे दिल्ली की तिहाड़ जेल में 10 साल की सजा काट रहे हैं. कोर्ट ने 16 जनवरी 2013 को ओपी चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला को 10-10 साल की सजा सुनाई थी.

ये पढ़ें- विधानसभा का विशेष सत्रः महाराष्ट्र मामले पर किरण चौधरी और अनिल विज में नोंकझोंक

क्या है पूरा मामला
जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले को उजागर तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने किया था. उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जांच की मांग की थी. कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच 2003 में शुरू की. जांच में नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली सामने आयी.

इसके बाद सीबीआइ ने जनवरी 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला, सीएम के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी विद्याधर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बड़शामी समेत 62 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था.

सबसे बड़ी बात यह रही कि घोटाले को उजागर करने वाले संजीव कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया. सीबीआइ के अनुसार, संजीव भी इस घोटाले में भागीदार रहे. अन्य लोगों से विवाद होने पर ही उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई.

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हरियाणा के पूर्व सीएम ओपी चौटाला की रिहाई पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. न्यायाधीश मनमोहन और न्यायाधीश संगीता सहगल की खंडपीठ में मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई. ओपी चौटाला के वकील अमित सहनी ने बताया कि इस सप्ताह किसी भी दिन अदालत अपना फैसला सुना सकती है.

दरअसल पूर्व इनेलो चीफ और पूर्व सीएम ओपी चौटाला ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में रिहाई के लिए याचिका दायर की है. अपनी याचिका में चौटाला ने कोर्ट से कहा है कि चूंकि उनकी सजा तय मापदंड के अनुसार पूरी हो चुकी है इसलिए उन्हें रिहा किया जाए.

बता दें कि ओपी चौटाला ने लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली होई कोर्ट में अपनी बढ़ती उम्र और दिव्यांगता के चलते समय से पूर्व सजा माफ करने की याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने याचिका के निपटारे के लिए दिल्ली सरकार को आदेश दिए थे लेकिन यह मामला अभी भी विचाराधीन है.

तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं चौटाला

हरियाणा के जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में ओम प्रकाश चौटाला दोषी करार दिए गए थे और वे दिल्ली की तिहाड़ जेल में 10 साल की सजा काट रहे हैं. कोर्ट ने 16 जनवरी 2013 को ओपी चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला को 10-10 साल की सजा सुनाई थी.

क्या है पूरा मामला

जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले को उजागर तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने किया था. उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जांच की मांग की थी. कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच 2003 में शुरू की. जांच में नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली सामने आयी. इसके बाद सीबीआइ ने जनवरी 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला, सीएम के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी विद्याधर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बड़शामी समेत 62 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. सबसे बड़ी बात यह रही कि घोटाले को उजागर करने वाले संजीव कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया. सीबीआइ के अनुसार, संजीव भी इस घोटाले में भागीदार रहे. अन्य लोगों से विवाद होने पर ही उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई.

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Last Updated :Nov 26, 2019, 6:21 PM IST
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