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हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी संशोधन कानून विधानसभा में पारित, कांग्रेस विधायकों ने की ये मांग

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Published : Dec 28, 2022, 5:58 PM IST

Haryana Sikh Gurdwara Prabandhak Committee Amendment Act pass
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी संशोधन कानून विधानसभा में पारित

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है. तीसरे दिन हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी संशोधन कानून विधानसभा में पारित किया गया. संशोधन कानून पारित होने पर कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने संशोधन कानून पर सवाल भी उठाए. वहीं, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी संशोधन कानून पर गृह मंत्री अनिल विज ने सदन में कहा कि हरियाणा सरकार अलग कमेटी में कोई दखल नहीं देना चाहती, लेकिन 2014 में जो कानून बना था उसमें चुनाव को लेकर कोई जिक्र नहीं था. इसलिए हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी थी कि हम एक एडहॉक कमेटी बनाएं. पढ़ें पूरी खबर...(HSGPC Amendment Act)

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी संशोधन कानून पारित किया गया. हालांकि कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने संशोधन कानून पर सवाल भी खड़े किए. उन्होंने कहा कि कमेटी को सिख गुरुद्वारों के रखरखाव के लिए बनाया गया है और यह कानून शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कानून के आधार पर तैयार होनी चाहिए. पहले गुरुद्वारों पर महंतों का कब्जा था, लेकिन 1920 के कानून के बाद इन्हें मुक्त करवाया गया. सिखों का सरपरस्त गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा कोई और नहीं हो सकता, लेकिन संशोधन में एक चुने हुए आदमी को कमेटी का सरपरस्त बनाया जाएगा. (Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee Law)

उन्होंने कहा कि, आलिया में जो एग्जीक्यूटिव का चुनाव हुआ है, वह आरएसएस और बीजेपी का रूप दिखाई दे रहा है. जिस शख्स को हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है वह खुद एक महंत है. क्या हरियाणा की बीजेपी सरकार 1920 से पहले गुरुद्वारों पर महंतों का जो कब्जा था, उस दौर को वापस लाना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार बेशक कमेटी में अपने नुमाइंदे लगा दे, लेकिन सिख धर्म की मर्यादा बनी रहनी चाहिए.

कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने भी संशोधन पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि, जो गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कानून 2014 में कांग्रेस सरकार के दौरान बना था वह अलग है. जब कांग्रेस सरकार में अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनी थी, तो पंजाब में इसका बहुत विरोध हुआ था. हरियाणा के सिखों का मानना था कि उनके राज्य में गुरुद्वारों की संपत्ति पर उनका हक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का भी आभार व्यक्त करना चाहिए, जिन लोगों ने अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाने की लड़ाई लड़ी थी. सरकार ने उनको कमेटी से बाहर कर दिया जो गलत है. सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजनीतिक फायदा नहीं उठाना चाहिए. (haryana assembly winter session)

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार को आम चुनाव के लिए 18 महीने का वक्त नहीं देना चाहिए था. क्योंकि कोई भी आदमी दोबारा कोर्ट जा सकता है. इस दौरान यदि कोई दूसरा फैसला आ गया तो सरकार क्या करेगी. सरकार को 6 महीने में चुनाव करवाने चाहिए. उन्होंने कहा कि, मामला दोबारा कोर्ट में जाता है, तो जीती हुई लड़ाई खटाई में जा सकती है. कानून में जो संरक्षक की भूमिका बनाई गई है, उसे सरकार को वापस संशोधन करना चाहिए. विधायक वरुण मुलाना ने भी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी संशोधन पर सवाल उठाए.

कांग्रेस विधायक ने कहा कि सरकार कानून में संशोधन कर रही है कि यदि अगले 18 महीने में चुनाव नहीं हुए तो, अगले 18 महीने में चुनाव करवाए जाएंगे. यह सरकार का फैसला सही नहीं है. कांग्रेस विधायक शीशराम केहरवाला ने भी संशोधन का विरोध किया. विधायक राम कुमार गौतम ने कहा कि सिख और हिंदुओं को अलग नहीं देखा जा सकता. इनके अंदर रोटी और बेटी का रिश्ता है. कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि कमेटी में हिंदू और सिख का झगड़ा नहीं है, जो लोग गुरु नानक देव के शिक्षाओं को मानते हैं वह सारे सिख हैं. उन्होंने कहा कि, एक राजनीतिक विचारधारा का सदस्य अध्यक्ष न बने इस बात को लेकर ऐतराज है. शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि सिख धर्म में गुरु नानक देव को ही पैटर्न बनाया जाना चाहिए, जो पैटर्न सरकार बना रही है वह बिल्कुल गलत है. इसके साथ ही कांग्रेस के कई विधायकों ने भी ऐतराज जताया है.

गृह मंत्री और शिक्षा मंत्री का पलटवार: वहीं, हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने पलटवार करते हुए कहा कि अमृतसर में एसपीजी के अंदर भी कई लोग राजनीतिक विचारधारा के पदभार संभाल चुके हैं. इसके अलावा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी संशोधन बिल पर गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि, हरियाणा सरकार अलग कमेटी में कोई दखल नहीं देना चाहती. लेकिन 2014 में जो कानून बना था उसमें चुनाव को लेकर कोई जिक्र नहीं था. इसलिए हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी थी कि हम एक एडहॉक कमेटी बनाएं. (HSGPC Amendment Act)

उन्होंने कहा कि, हमने चुनाव कमिश्नर जस्टिस एचएस बल्ला नियुक्त कर दिया है. अब वही चुनाव प्रक्रिया पूरी करवाएंगे. सरकार ने कानून में पैटर्न बनाने का जो प्रावधान किया है, वह प्रावधान कमेटी के सदस्यों में से ही चुना जाएगा. सरकार अपना पैटर्न नहीं बिठाने वाली है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आरएसएस देश प्रेम राष्ट्रीयता सिखाती है, उस पर सवाल उठाना गलत है.

संशोधन बिल में सीएम मनोहर लाल का जवाब: संशोधन बिल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी सदन में जवाब दिया है. सीएम ने कहा कि, हमने चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया है. अब वहीं पूरी प्रक्रिया देखेंगे, सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है. उसके बाद इलेक्टेड बॉडी अपना कार्यभार संभाल लेगी और संरक्षक की भूमिका खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि, सरकार संरक्षक के तौर पर किसी भी IAS या अन्य अधिकारी को अप्वॉइंट नहीं करेगी. वहीं व्यक्ति संरक्षक बनेगा जो केसधारी और सिख धर्म की मर्यादाओं को मानता होगा.

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, इटली कमेटी में 15 ऐसे सदस्य थे, जो पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों में सदस्य थे जिनमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन अब जो सदस्य हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का सदस्य बनेगा उसको अन्य कमेटियों से इस्तीफा देना होगा. संरक्षक की भूमिका सिर्फ समन्वय बनाने की होगी. जगदीश झींडा और दिलदार सिंह नलवी जैसे लोगों ने लड़ाई लड़ी थी. वह अब भी कमेटी के सदस्य हैं. (haryana government big announcement) (Haryana Home Minister Anil Vij)

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