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हरियाणाः धान लगाते ही सरकार ने कर दिया पराली का इंतजाम, किसान ऐसे उठाएं फायदा

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Published : Jul 19, 2021, 10:13 PM IST

Updated : Jul 19, 2021, 10:35 PM IST

parali execution scheme haryana
parali execution scheme haryana

हरियाणा सरकार ने पराली निष्पादन योजना के लिए पोर्टल खोल दी है. हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने प्रदेश के किसानों से अपील की है कि वे फसल अवशेष प्रबंधन अपनाएं ताकि पराली जलाने की नौबत ही ना आये और आर्थिक लाभ भी हो.

चंडीगढ़: हरियाणा में पराली के निष्पादन के लिए सरकार ने पोर्टल खोल दी है. योजना का लाभ लेने के लिए किसान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के पोर्टल https://agriharyana.gov.in पर अपना पंजीकरण करवाएं. किसान पोर्टल पर क्रॉप रेसिडु मैनेजमेंट लिंक पर जाकर पराली की गांठ/बेल के उचित निष्पादन हेतू 'पंजीकरण' शीर्षक पर क्लिक करके पंजीकरण कर सकते हैं.

अधिक जानकारी के लिए किसान अपने निकटतम कृषि अधिकारी या टोल फ्री नम्बर 1800 180 2117 पर सम्पर्क कर सकते हैं. ये पोर्टल किसानों और उद्योगों को पराली की मांग और आपूर्ति के लिए मंच प्रदान करता है. इस पोर्टल पर किसान और उद्योग पराली की गाठों/बेलों का क्रय-विक्रय कर सकते हैं. हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने प्रदेश के किसानों से अपील की है कि वे फसल अवशेष प्रबंधन अपनाएं ताकि पराली जलाने की नौबत ही ना आये और आर्थिक लाभ भी हो.

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उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल (2021-22) भी जो किसान स्ट्रॉ बेलर द्वारा पराली की गांठ/बेल बनाकर या बनवाकर उसका निष्पादन किसी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम व अन्य औद्योगिक इकाईयों में करेगा, उसे 1000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. ये राशि 50 क्विंटल एवं 20 क्विंटल प्रति एकड़ पराली उत्पादन को मानते हुए दी जाएगी. इस योजना के लिए सरकार ने 230 करोड़ रुपये का बजट तय किया है.

वहीं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि साल 2020-21 में 24409 किसान पोर्टल पर पंजीकृत हुए थे. इस पोर्टल पर 147 औद्योगिक इकाईयां द्वारा 896963.4 मीट्रिक टन पराली की आवश्यकता के लिए अपना पंजीकरण करवाया गया था. स्कीम का उद्देश्य किसानों को प्रोत्साहित कर पराली का उचित निष्पादन करना है. पराली की गाठें बनाने वाली स्ट्रा बेलर युनिट भी किसानों को अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाता है. इस प्रकार पराली जलाने की समस्या से निजात मिलेगी और इसके द्वारा वातावरण दूषित होने से भी बचाया जा सकेगा.

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Last Updated :Jul 19, 2021, 10:35 PM IST
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