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पीएसीएल चिटफंड घोटाला: पीड़ित निवेशकों ने सांसद धर्मबीर सिंह को सौंपा ज्ञापन

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Published : Sep 18, 2022, 9:34 PM IST

पीएसीएल चिटफंड घोटाले (pacl chit fund scam) के बाद से निवेशक अपनी मेहनत की कमाई वापस दिलवाए जाने की मांग कर रहे हैं. पीएसीएल निवेशकों ने रविवार को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सांसद धर्मबीर सिंह (mp dharambir singh) को ज्ञापन सौंपा.

mp dharambir singh
mp dharambir singh

भिवानी: पीएसीएल चिटफंड घोटाले (pacl chit fund scam) के बाद से निवेशक अपनी मेहनत की कमाई वापस दिलवाए जाने की मांग को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी उनके रुपये वापस नहीं मिले हैं. इसी चीट फंड का शिकार भिवानी जिले के करीबन 6 लाख नागरिक भी हुए हैं, जो करीब 800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं.

अपने रुपये वापस दिलवाए जाने की मांग को लेकर संघर्षरत्त हैं. इसी कड़ी में पीएसीएल निवेशकों ने रविवार को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सांसद धर्मबीर सिंह (mp dharambir singh) को ज्ञापन सौंपा तथा संसद शीतकालीन सत्र में ये मांग उठाकर देश के करीबन पांच करोड़ 85 लाख तथा भिवानी के करीबन 6 लाख निवेशकों को न्याय दिलाने की मांग की.

चीट फंड घोटाले का शिकार हुए निवेशकों ने कहा कि हमने कभी जंतर-मंतर पर, कभी सेबी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया गया. इसके अलावा प्रदेश भर के सांसद, विधायक व मंत्री से गुहार लगाई गई. इसके बावजूद भी समस्या का कोई हल नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि पीएसीएल कंपनी में मेहनत-मजूदरी कर अपना घर चलाने वाले देश के करोड़ों लोगों ने निवेश किया, लेकिन इस कंपनी ने सभी लोगों को चूना लगाने का काम किया.

जिसके बाद से सभी निवेशक कंपनी में निवेश की गई अपनी मेहनत की कमाई वापस लेने की मांग को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है, लेकिन उनकी कही कोई सुनवाई नहीं की जा रही. उन्होंने कहा कि इस मामले में फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी गठित कर सेबी को जमीन बेचकर पैसा भुगतान के निर्देश दिए थे, लेकिन आज तक उस कार्य को पूरा नहीं किया गया है.

जिसके लिए देश भर के निवेशक कभी सांसद, कभी विधायक तो कभी मंत्री के दरों की धूल फांकने को मजबूर हो रहे हैं, लेकिन उनके हाथ सिर्फ निराशा ही लगी है. सांसद दरबार पहुंचे सभी निवेशकों (pacl chit fund scam victims) ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनका निवेश किया गया रुपया जल्द उन्हें वापस नहीं मिला तो वे मजबूरन अपना आंदोलन तेज करेंगे.

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