ETV Bharat / state

भावांतर भरपाई योजना के लिए किसान 31 जुलाई तक करवा सकते हैं पंजीकरण

author img

By

Published : Jul 4, 2020, 2:01 PM IST

farmers can apply bhavantar bharpayee yojana till 31 july
भावांतर भरपाई योजना के लिए पंजीकरण इस तारीख तक आवेदन कर सकते हैं किसान

कृषि मंत्री ने कहा कि भावांतर भरपाई योजना बागवानी किसानों को सब्जियों और फलों के लिए उचित दाम दिलाना सुनिश्चित करती है और ये योजना किसानों को फसल विविधीकरण की तरफ प्रोत्साहित करने में एक सही कदम है.

भिवानी: हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि सरकार की भावांतर भरपाई योजना बागवानों और सब्जी उत्पादकों के लिए वरदान साबित हो रही है. जिन किसानों ने अपनी फसलों का इस योजना के तहत पंजीकरण नहीं करवाया है, वो 31 जुलाई तक पंजीकरण करवा सकते हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि भावांतर भरपाई योजना बागवानी किसानों को सब्जियों और फलों के लिए उचित दाम दिलाना सुनिश्चित करती है और ये योजना किसानों को फसल विविधीकरण की तरफ प्रोत्साहित करने में एक सही कदम है. उन्होंने कहा कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत बागवानी फसलों में विविधीकरण करने पर 7 हजार प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त ये फसलें भावांतर भरपाई योजना में शामिल कर ली गई है.

उन्होंने बताया कि भावांतर भरपाई योजना के मुताबिक सरकार ने फसलों के मुल्य निर्धारित कर दिए हैं. किसानों की फसल निर्धारित मूल्य से कम मूल्य पर बिकने पर अंतर की भरपाई सरकार करेगी. ऐसे में अभी तक पंजीकरण से वंछित किसान अपनी फसलों का पंजीकरण करवाते हुए योजना का लाभ ले सकते हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि खरीफ की 6 फसलों घीया, करेला, भिंडी, फूल गोभी, बैंगन और प्याज सहित फल और सब्जियों का पंजीकरण करवाने के लिए समय अवधि निश्चित की गई है. ऐसे में इनकी खेती करने वाले किसान मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं. इसके अलावा किसान निकटवर्ती ई-दिशा के साथ मार्केटिंग बोर्ड और बागवानी विभाग के कार्यालय में आकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं. इससे किसानों की फसल का सुरक्षित भाव हो जाएगा.

ये भी पढ़िए: 'हरियाणा में बनेगा 1280 करोड़ का इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब, मेट्रो विस्तार में आएगी तेजी'

कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से फल और सब्जियों के दाम तय किए गए हैं.

  1. प्याज का 650 रुपये प्रति क्विंटल
  2. भिंडी का 1050 रुपये प्रति क्विंटल
  3. घीया का 450 रुपये प्रति क्विंटल
  4. करेला का 1350 रुपये प्रति क्विंटल
  5. बैंगन का 500 रुपये प्रति क्विंटल
  6. गोभी का 750 रुपये प्रति क्विंटल

क्या है योजना ?
सरकार ने ये योजना उस अवधि के लिए चलाई है, जब किसानों की सब्जी की फसल का उत्पादन अपने चरम पर होता है और मार्केट में सब्जियों की आवक तेज होती है. इस दौरान सब्जी की कीमत कम हो जाती है. जिससे किसानों को कई बार अपनी लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है. इस जोखिम को कम करने के लिए सरकार ने भावांतर भरपाई योजना चलाई है और सरकार की ओर से निर्धारित अवधि के दौरान मंडी में फसल की ब्रिकी पर किसान को यदि नुकसान होता है. तो किसान को मिलने वाले दाम और किसान के लागत की बीच के अन्तर का जो नुकसान होता है. सरकार उसकी भरपाई करती है.

योजना में शामिल सब्जियों की फसलें
1 जनवरी 2018 को जब योजना की शुरूआत हुई तो सरकार ने इसमें आलू, प्याज, टमाटर और फूल गोभी को शामिल किया था. लेकिन 13 नवंबर 2019 को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने इस योजना का विस्तार किया और इसमें चार और सब्जियों बैंगन, गाजर, शिमला मिर्च, मटर और दो फलों अमरूद और किन्नू को भी शामिल किया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.