अंबाला: सुशासन दिवस के मौके गुरुग्राम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 22 जिलों को संबोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने ई-गवर्नेंस से जुड़ी सेवाओं को शुरू भी किया. मुख्यमंत्री ने जन प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन और कुशासन में फर्क होता है. भ्रष्टाचार कुशासन की निशानी है.
नंबर 1 अंबाला !
कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अंबाला के अधिकारी और जन प्रतिनिधि भी जुड़े. कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए डीसी अशोक शर्मा ने कहा अंबाला सभी सेवाओं में नंबर 1 पर है, आगे भी ये स्तर कायम रहेगा.
सुशासन दिवस पर कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री का संबोधन काफी अहम रहा. मुख्यमंत्री ने सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, जन प्रतिनिधियो को कई नसीहतें भी दीं, लेकिन अंबाला में सरकारी बाबू इसके प्रति गंभीर दिखाई नहीं दिए. कोई आपस में बात करता रहा तो कोई अपने मोबाइल फोन में बिजी रहा.
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कुछ लोग तो कुछ मोबाईल पर गेम खेल समय व्यतीत कर रहे थे. इतना ही नहीं कुछ लोगों ने संबोधन में रुचि ही नहीं दिखाई वे कॉरिडोर में घूमते रहे. इसको लेकर डीसी अंबाला से सवाल किया तो डीसी ने कर्मचारियों का बचाव करते दिखे और उन्होंने कहा कि कहा ऐसा कुछ नहीं है, सभी ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया है.
क्यों मनाया जाता है सुशासन दिवस ?
भारत में सुशासन दिवस हमारे पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में 25 दिसंबर को मनाया जाता है. उन्हें राष्ट्र के लिए नेतृत्व, सेवा, सही निर्णय और एक जबरदस्त राजनीतिक माइंडसेट के लिए जाता है. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में 25 दिसंबर को 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की. ये राष्ट्र की सभी नीतियों और निर्णयों को मनाने का दिन है. भारत सरकार द्वारा घोषित सुशासन दिवस पर पूरे दिन काम किया जाता है.