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सीएम ने अंबाला में शहीद स्मारक के निर्माण कार्यों का जायजा लिया, बोले- आने वाली पीढ़ियों को मिलेगी प्रेरणा

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Published : Feb 4, 2022, 7:04 PM IST

हरियाणा के मुख्मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को अंबाला छावनी में बन रहे आजादी की पहली लड़ाई के शहीद स्मारक के निर्माण कार्यों को जायजा (Manohar Lal Khattar inspects Ambala martyr memorial) लिया. इस दौरान हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी मौजूद रहे.

martyr memorial in Ambala
martyr memorial in Ambala

अंबाला: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज अम्बाला छावनी में बनाए जा रहे आजादी की पहली लड़ाई के शहीद स्मारक के निर्माण कार्यों का जायजा (Manohar Lal Khattar inspects Ambala martyr memorial) लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष आजादी का 75वां वर्ष है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. सीएम ने कहा कि आजादी की गाथा बहुत लंबी है और इस महोत्सव के दौरान युवाओं को आजादी के संग्राम और शहीदों के बारे में जानकारी मिले, इसलिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

इस अवसर पर हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी मौजूद रहे. शहीद स्मारक के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के दौरान सीएम मनोहर लाल ने 1857 स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति, जो अम्बाला छावनी से शुरू हुई थी, उसके बारे में जानकारी ली. बता दें कि यह शहीद स्मारक 22 एकड़ में 261 करोड़ की लागत से बनाया (martyr memorial in Ambala) जा रहा है और इसका लगभग 80 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है. इस स्मारक में इंटरप्रीटेशन सेंटर, ओपन एयर थियेटर, म्यूजियम, ओडिटोरियम, वाटर बॉडी एंड कनैक्टिंग ब्रिज, मेमोरियल टावर, अंडर ग्राउंड डबल बेसमैंट पार्किंग, इन्फोरमेशन सेंटर, हैलीपैड आदि का निर्माण किया जा (Ambala martyr memorial construction works) रहा है.

martyr memorial in Ambala
शहीद स्मारक के निर्माण कार्यों का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री और गृहमंत्री

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अंबाला से शुरू हुई थी स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी: सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पहले यह माना जाता था कि 1857 की क्रांति मेरठ से शुरू हुई थी, लेकिन तथ्यों और इतिहासकारों के द्वारा यह बताया गया कि मेरठ से 10 घंटे पहले स्वतंत्रता संग्राम की पहली चिंगारी अंबाला छावनी में उठी थी. जोकि धीरे-धीरे हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों तथा देश के विभिन्न हिस्सों तक फैल गई. उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति और शहीदों की याद में यह महत्वपूर्ण स्मारक बनाया जा रहा है. जिससे आने वाली पीढियों को प्रेरणा मिलेगी और उन्हें अपने क्रांतिकारी वीर शहीदों के जीवन के बारे में जानकारी मिल पायेगी.

सीएम ने सुनाई कविता की पंक्तियां: मुख्यमंत्री ने कहा कि किताबों कहानियों के द्वारा इतिहास कई प्रकार से जाना जा सकता है, लेकिन इस प्रकार के ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण होने से देखने वालों को प्रत्यक्ष रूप से इतिहास की जानकारी मिलती है. उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक से जन-जन में देश के प्रति और अधिक प्रेम की भावना जागृत होगी. उन्होंने कविता की पंक्तियों, 'जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं, वह ह्रदय नहीं है पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं' के द्वारा देश-प्रेम के बारे अपने भाव व्यक्त किए.

martyr memorial in Ambala
सीएम का स्वागत करते गृहमंत्री अनिल विज

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अनिल विज ने किया सीएम का स्वागत: इस अवसर पर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री का अंबाला छावनी में पहुंचने पर स्वागत किया. साथ ही अनिल विज ने कहा कि वे सन 2000 से विधानसभा में यह विषय रखते आए हैं कि 1857 की स्वतंत्रता संग्राम की पहली चिंगारी अंबाला छावनी से शुरू हुई थी और उन अनसंग हीरों की याद में अंबाला छावनी में एक स्मारक बनना चाहिए. इसके लिए वे लगातार आवाज उठाते आ रहे थे. उनका ध्येय भी यही था कि आजादी की जो चिंगारी अंबाला छावनी से शुरू हुई थी, उसके बारे में जन-जन को जानकारी मिले और शहीद स्मारक के माध्यम से लोग अपने शहीदो की कुर्बानियों एवं बलिदानों को याद कर उनसे प्रेरणा ले पाएं.

विज ने राजनीतिक दलों पर किया वार: इस दौरान गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि कुछ दलों ने शुरू से यह इतिहास पढाया कि आजादी की लड़ाई उन्होंने लड़ी, जबकि यह लड़ाई 1857 में शुरू हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि इससे यह बात साफ होती है कि हिन्दुस्तान के लोगों में आजाद होने का जज्बा पहले से ही था और उन्होंने आजादी की पहली अलख 1857 में ही जगा दी थी. ऐसे क्रांतिकारी वीर शहीदों का नाम कहीं आगे नहीं आने दिया गया और उनके जीवन के बारे में पढाया नहीं गया और न ही उन्हें याद किया गया. गृहमंत्री ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी और उन्होंने शहीद स्मारक की बात मुख्यमंत्री के सामने रखी तो उन्होंने इसे तुरंत स्वीकृति दे दी.

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हिंदुस्तान का सबसे बेहतरीन आर्किटैक्चर होगा: अनिल विज ने कहा कि यह शहीद स्मारक हिंदुस्तान का सबसे बेहतरीन आर्किटैक्चर शहीद स्मारक बन रहा है और इसके लिए इतिहासकारों की एक कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में प्रो. युवी सिंह को भी लिया गया है तथा इतिहासकार स्वर्गीय के.सी. यादव के रिसर्च एवं दस्तावेजों के माध्यम से भी यह साबित होता है कि आजादी की पहली लड़ाई जो 1857 में शुरू हुई थी वह मेरठ से लगभग 10 घंटे पहले अंबाला छावनी से शुरू हुई थी. विज ने कहा कि जीटी रोड़ से गुजरने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस शहीद स्मारक पर अवश्य रूकेगा.

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