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राम रहीम के डाक से परेशान कर्मचारी, ऑटो में लादकर लाने पड़ते हैं राखियों से भरे बोरे

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Published : Aug 11, 2022, 4:02 PM IST

राम रहीम के राखियों के डाक
राम रहीम के राखियों के डाक

रक्षाबंधन के त्योहार पर अमूमन लोग परिवार के साथ खुशियां मनाते हैं लेकिन रोहतक के डाक विभाग के कर्मचारियों पर मानो मुसीबत टूट पड़ती है. इसकी वजह है सुनारिया जेल में बंद राम रहीम के नाम से आने वाली राखियों (Rakhi for Ram Rahim) के डाक. राम रहीम को उसके अनुयायी इतनी बड़ी संख्या में राखी भेजते हैं कि उन लिफाफों को बोरियों में भरकर और ऑटो में लादकर लाना पड़ता है. इन्हें छांटने के लिए देर रात तक कर्मचारियों को काम करना पड़ता है.

रोहतक: जेल में बंद डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के लिए इन दिनों रोजाना हजारों राखियां (Rakhi for Ram Rahim) और कार्ड सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के डाकघर में आ रहे हैं. पहले ये राखियां व कार्ड मुख्य डाकघर रोहतक में आती हैं. उसके बाद उन्हें ऑटो रिक्शा के जरिए सुनारिया डाकघर पहुंचाया जाता है. राम रहीम के नाम की जो डाक होती हैं वो इतनी ज्यादा होती हैं कि उन्हें बोरों में भरकर लाना पड़ता है. राम रहीम 25 अगस्त 2017 से रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है.

रक्षाबंधन के त्योहार पर हर साल रोहतक डाक विभाग की मुसीबत बढ़ जाती है. गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim Singh) ने नाम से राखियों के लिफाफे इतने ज्यादा आते हैं कि उसके लिए अलग से कर्मचारी लगाने पड़ते हैं. जब भी रक्षाबंधन का त्योहार आता है तो करीब 10 से 15 दिन तक लगातार रोहतक की सुनारिया जेल (Rohtak jail Sunarian) में राम रहीम के नाम से डाक आती रहती हैं. रक्षाबंधन से 5 दिन पहले से 10-15 दिन बाद तक ये डाक आती रहती हैं. राम रहीम के डाक की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि उसे बोरे में भरकर ऑटो से लाना पड़ता है.

राम रहीम के डाक से परेशान कर्मचारी, ऑटो में लादकर लाने पड़ते हैं राखियों से भरे बोरे

डाक विभाग के कर्मचारी अजमेर सिंह ने बताया कि पिछले 4 साल से इसी तरह के हालात बन जाते हैं. रक्षाबंधन का त्यौहार जाने के बाद भी 10-15 दिन तक डाक आती रहती हैं, जिनमें ज्यादातर राखियां और ग्रीटिंग्स कार्ड होते हैं. इन्हें वे छांटकर रोहतक जेल प्रशासन को भेज देते हैं. इन दिनों इतना काम बढ़ जाता है कि देर रात तक ही वे छंटनी करते रहते हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से यहां पर राम रहीम के नाम की डाक आती हैं.

अब तक 7-8 बैग आ चुके हैं. एक बैग में हजार के करीब राखियां होती हैं. इनको मुख्य डाकघर रोहतक से ऑटो करके लाना पड़ता है. एक दिन में करीब तीन हजार राखियां आ रही हैं. ये लिफाफे इतने ज्यादा होते हैं कि राखियां छांटने में हमारा पूरा दिन निकल जाता है. राखी जाने के बादे भी कम से कम 15 दिन तक इसी तरह राखियां आती रहेंगी. पिछले साल करीब 40 हजार राखियां आई थी. इस बार और ज्यादा आने की उम्मीद है. अजमेर सिंह, कर्मचारी, डाक विभाग, रोहतक

राम रहीम के राखियों के डाक
राम रहीम की राखी छांटता कर्मचारी.

सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 2 साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति व पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई है. राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को रोहतक की सुनारिया जेल में लाया गया था. पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में पेशी के दौरान व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी. इसके बाद हेलीकॉप्टर के जरिए उसे सुनारिया जेल लाया गया. 28 अगस्त को जेल परिसर में ही सीबीआई की विशेष कोर्ट लगी और सीबीआई जज जगदीप सिंह ने राम रहीम को दो साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई थी.

राम रहीम के राखियों के डाक
बोरे में भरकर लिफाफे लाने पड़ते हैं.

जनवरी 2019 में सीबीआई की विशेष अदालत ने पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अक्टूबर 2021 में डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में भी राम रहीम को उम्रकैद की सजा हुई थी. जेल परिसर में राम रहीम को अलग बैरक में रखा गया है. जेल परिसर में राम रहीम से समय-समय पर परिजन और वकील मुलाकात करते रहते हैं. राम रहीम 2017 से जेल में बंद है लेकिन इस दौरान वह कभी पैरोल, कभी फरलो और कभी इलाज के नाम पर जेल से बाहर भी आया है.

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