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अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस: बुजुर्गों के बिना घर है अधूरा, कोरोना महामारी में रखें उनका भी ख्याल

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Published : Oct 1, 2021, 1:24 PM IST

Updated : Oct 1, 2021, 1:31 PM IST

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अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस: बुजुर्गों के बिना घर है अधूरा, कोरोना महामारी में रखें उनका भी ख्याल

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Elderly Day) हर साल एक अक्टूबर को मनाया जाता है. इस अवसर पर अपने बड़े, बुजुर्ग नागरिकों का सम्मान करने और उनके बारे में चिंता करना आवश्यक होता है.

चंडीगढ़: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 दिसंबर 1990 में एक अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Elderly Day) के रूप में नामित किया था. इससे पहले वियना इंटरनेशनल प्लान ऑफ एक्शन पर एजिंग को लेकर पहल की गई थी, जिसे 1982 में वर्ल्ड असेंबली ने अपनाया था और उसी साल इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा का समर्थन भी मिला.

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के बारे में कुछ तथ्य

  • इस साल 2021 में 31 वां अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जा रहा है.
  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के अनुसार 'कोविड-19 महामारी दुनिया भर के वृद्ध लोगों के लिए भय और पीड़ा का कारण बन रही है. यह महामारी स्वास्थ्य के अलावा, वृद्ध लोगों को गरीबी और भेदभाव के खतरे में डाल रही है, जिससे विकासशील देशों में पुराने लोगों पर विशेष रूप से विनाशकारी प्रभाव पड़ने की संभावनाएं हैं.
  • 2021 का अवलोकन स्वस्थ आयु (2020-2030) के दशक को भी बढ़ावा देगा और संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों, नागरिक समाज, सरकार और स्वास्थ्य व्यवसायों को एक साथ लाने के लिए वैश्विक रणनीति और एजिंग, स्वास्थ्य पर कार्य योजना के पांच महत्वपूर्ण उद्देश्यों पर चर्चा करने में मदद करेगा.

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का महत्व

दुनियाभर में रह रहे वृद्धों और उम्रदराज लोगों के साथ होने वाले भेदभाव, अपमानजनक व्यवहार, उपेक्षा और अन्याय पर रोक लगाने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाया जाता है. इस दिन खासतौर पर कई स्वयंसेवा संस्था विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए देशभर में वृद्धजनों के साथ हो रहे अन्याय को सबके सामने रखकर लोगों में उनके प्रति सम्मान को जगाने के जागरुकता अभियान भी चलाती हैं.

इतिहास

  • 1991 में, महासभा ने वृद्ध व्यक्तियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों (प्रस्ताव 46/91) को अपनाया था.
  • 2002 में द्वितीय विश्व सभा ने 21वीं सदी में बढ़ती उम्र के अवसरों और चुनौतियों का जवाब देने और सभी उम्र के लिए एक समाज के विकास को बढ़ावा देने के लिए मैड्रिड इंटरनेशनल प्लान ऑफ एक्शन को अपनाया.
  • हाल के दशकों में दुनिया की आबादी की संरचना में नाटकीय रूप से बदलाव आया है. 1950 और 2010 के बीच, दुनिया भर में जीवन प्रत्याशा 46 से 68 वर्ष तक बढ़ी.
  • 2019 में वैश्विक रूप से 65 या उससे अधिक आयु के 703 मिलियन व्यक्ति थे.
  • पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया का क्षेत्र सबसे बड़ी संख्या में पुराने व्यक्तियों (261 मिलियन) का घर था, इसके बाद यूरोप और उत्तरी अमेरिका (200 मिलियन से अधिक) का स्थान था.
  • अगले तीन दशकों में, दुनिया भर में वृद्ध व्यक्तियों की संख्या दोगुनी से अधिक होने का अनुमान है, जो 2050 में 1.5 बिलियन से अधिक व्यक्तियों तक पहुंच गया है.
  • सभी क्षेत्रों में 2019 और 2050 के बीच पुरानी आबादी के आकार में वृद्धि देखी जाएगी. सबसे बड़ी वृद्धि (312 मिलियन) पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया में होने का अनुमान है, जो 2019 में 261 मिलियन से बढ़कर 2050 में 573 मिलियन हो जाएगा.

बुजुर्गों पर पड़ा कोविड-19 का प्रभाव

मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला कि 51% मौतें वरिष्ठ नागरिकों में से हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट किया, '54% कोविड-19 मामले 18-44 वर्ष आयु वर्ग में हैं, लेकिन 51% मौत 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग में हैं.'

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Last Updated :Oct 1, 2021, 1:31 PM IST
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