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हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, पराली प्रबंधन के लिए किसानों को दिए जाएंगे 1000 रुपए

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Published : Nov 11, 2019, 4:51 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अमल करते हुए हरियाणा सरकार ने अब पराली प्रबंधन के लिए एक हजार रुपये देने का फैसला लिया है.

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला

चंडीगढ़: पराली को लेकर हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अमल करते हुए सरकार ने अब पराली प्रबंधन के लिए एक हजार रुपये देने का फैसला लिया है.

मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
आपको बता दें कि मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलों के अधिकारियों के साथ पराली प्रबंधन योजना की समीक्षा की और प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिलों में स्ट्रा बेलर भिजवाए गए. उपायुक्तों को पराली प्रबंधन कार्य की प्रतिदिन समीक्षा करके रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

इन जिलों में 5 ACS अफसरों की हुई नियुक्ति
इतना ही नहीं सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, कैथल और जींद जिलों में पराली प्रबंधन के लिए 5 ACS स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है.

जानें क्या है हरियाणा सरकार का फैसला

  • पराली जलाने की प्रत्येक घटना पर लें कड़ा संज्ञान
  • पराली जलाने वाले किसानों पर लगाया जाएगा जुर्माना
  • लघु सीमांत किसानों को गैर-बासमती धान पर मिलेगा 100रुपये प्रति क्विंटल बोनस
  • उपकरणों के माध्यम से पराली प्रबंधन करने पर 1000रुपये प्रति एकड़ की दर से दी जाएगी आर्थिक सहायता
  • सभी जिलों में स्ट्रा बेलर भिजवाए गए, जिनकी मदद से किसान अपने खेत में कर सकते हैं पराली प्रबंधन

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पराली को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला । छोटे किसानों को गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस के साथ साथ पराली प्रबंधन करने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी । मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलों के अधिकारियों के साथ पराली प्रबंधन योजना की समीक्षा की । प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिलों में स्ट्रा बेलर भिजवाए गए
पराली को आग लगाने पर पुलिस कार्रवाई के साथ साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा । 6 से 15 नवंबर के बीच मंडियों में गैर बासमती धान बेचने वाले किसानों को इस योजना का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के अंतर्गत लाभ मिलेगा । सभी उपायुक्तों को पराली प्रबंधन कार्य की प्रतिदिन आधार पर समीक्षा करके रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश । सिरसा हिसार फतेहाबाद कैथल और जींद जिलो में पराली प्रबंधन के लिए 5 ACS स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है । हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलों के अधिकारियों के साथ आयोजित पराली प्रबंधन योजना की समीक्षा भी की ।Body:वीओ -
गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल व पराली प्रबंधन पर 1000 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे । इसको लेकर हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से की पराली प्रबंधन कार्य की समीक्षा
पराली जलाने की प्रत्येक घटना पर कड़ा संज्ञान लेने व एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए । सरकार द्वारा लघु व सीमांत किसानों को गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस तथा उपकरणों के माध्यम से पराली प्रबंधन करने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी । सभी जिलों में स्ट्रा बेलर भिजवाए गए हैं जिनकी मदद से किसान अपने खेत में पराली प्रबंधन कर सकते हैं । इसके बावजूद यदि कोई किसान खेतों में पराली को आग लगाता है तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाए और उस पर जुर्माना लगाया जाए । उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रदेश में पराली जलाने की एक भी घटना न होने दी जाए और यदि कहीं चोरी-छिपे आग लगाई जाती है तो उसके लिए जिम्मेदार किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले में कोई ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी । मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रेरित करने की दिशा में सरकार ने गैर बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि 6 से 15 नवंबर के बीच मंडियों में गैर बासमती धान बेचने वाले किसानों को इस योजना का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के अंतर्गत लाभ मिलेगा। इसके साथ ही अपनी पराली का जलाने की बजाय उपकरणों की मदद से प्रबंधन करने वाले लघु व सीमांत किसानों को 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके लिए किसान को एक फार्म के माध्यम से अंडरटेकिंग देनी होगी कि उसने अपनी पराली का प्रबंधन उपकरणों की मदद से किया है। इस फार्म पर सरपंच के भी हस्ताक्षर होंगे । उन्होंने बताया कि किसान द्वारा दी गई अंडरटेकिंग को वेरीफाई करने के लिए प्रत्येक गांव में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा । यदि किसी किसान ने अपने खेत में पराली को आग लगाई है तो उसे किसी प्रकार का लाभ नहीं दिया जाएगा । उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पात्र किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित सभी लाभ प्राथमिकता के आधार पर प्रदान करें। उन्होंने जरूरत के अनुसार जिलों में स्ट्रा बेलर्स की संख्या में बढ़ोतरी करने को भी कहा। उन्होंने सभी उपायुक्तों को पराली प्रबंधन कार्य की प्रतिदिन आधार पर समीक्षा करके उन्हें रिपोर्ट भिजवाने को कहा।
मुख्य सचिव ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों में पराली के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के संबंध में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक को नोडल अधिकारी बनाया गया है जो इस संबंध में सभी संभावनाएं तलाश करेंगे । उन्होंने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में स्ट्रा-पेपर मिल्स, ऊर्जा उत्पादक इकाइयों व बायो-फ्यूल्स यूनिट्स में पराली का उपयोग किया जा रहा है । उन्होंने अधिकारियों को पराली के इस्तेमाल के और अधिक विकल्प तलाशने के संबंध में भी विशेष दिशा-निर्देश दिए ।Conclusion:वीओ -
सरकार की तरफ से लघु व सीमांत किसानों को गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस तथा उपकरणों के माध्यम से पराली प्रबंधन करने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी । सभी जिलों में स्ट्रा बेलर भिजवाए गए हैं जिनकी मदद से किसान अपने खेत में पराली प्रबंधन कर सकते हैं । इसके बावजूद यदि कोई किसान खेतों में पराली को आग लगाता है तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाए और उस पर जुर्माना लगाया जाए ।
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