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बच्चे की प्लानिंग कर रहे हैं, तो स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सचेत रहें पुरुष!

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Published : Dec 12, 2021, 7:16 AM IST

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स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सचेत रहे पुरुष

पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य में समस्या के लिए आसीन तथा तनावपूर्ण जीवन शैली तथा आहार में अनुशासनहीनता के साथ ही और भी कई कारणों को जिम्मेदार माना जा सकता है. लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखकर पुरुष अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही अपनी प्रजनन क्षमता को भी दुरुस्त रख सकते हैं. विशेषतौर पर ऐसे पुरुष जो निकट भविष्य में पिता बनने की तयारी कर रहे हैं उन्हें अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है.

गर्भधारण में देरी के लिए सिर्फ महिलाओं को जिम्मेदार मानना गलत होता है. किसी महिला के गर्भवती होने में देरी या उसके गर्भधारण ना हो पाने के लिए पुरुष भी जिम्मेदार हो सकते हैं. पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य में समस्या, विशेष कर उसके स्पर्म की संख्या में कमी या उनकी गुणवत्ता में कमी महिलाओं के गर्भधारण में देरी या समस्या होने का कारण बन सकती है. दरअसल पुरुषों के स्पर्म के महिलाओं के अंडाणु के साथ निषेचन (fertilization) होने पर ही महिलाएं गर्भधारण कर पाती हैं. लेकिन यदि पुरुष के स्पर्म की गुणवत्ता खराब है या उसकी संख्या में कमी है तो महिलाओं के लिए सामान्य तरीके से गर्भधारण करना संभव नहीं होता है या काफी मुश्किल होता है. पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य में समस्या के लिए सिर्फ शारीरिक रोग ही नहीं, बल्कि जीवनशैली से जुड़े कई अन्य कारक भी जिम्मेदार हो सकते हैं.

बेंगलुरु के एंड्रोलॉजिस्ट डॉ शेखर के. राव बताते हैं कि वर्तमान समय में पुरुषों में प्रजनन स्वास्थ्य में समस्या विशेष तौर पर स्पर्म संबंधी समस्याएं होना काफी आम हो गया है. जिसके लिए उनकी आसीन जीवनशैली, उनके वर्क कल्चर तथा स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सचेत ना रहने की आदत को भी जिम्मेदार माना जा सकता है. ऐसे में जो पुरुष निकट भविष्य में पिता बनने की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए बहुत जरूरी है कि वे स्वास्थ्य संबंधी स्वस्थ आदतों तथा स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं और अपनी दिनचर्या व आहार को लेकर सचेत रहें.

स्पर्म में समस्या के कारण

वर्तमान समय में सरकारी तथा निजी सभी तरह की नौकरियों में ज्यादातर कार्य करने की निर्धारित समय अवधि का पालन नहीं किया जाता है. इसके अलावा कार्यस्थल पर हद से ज्यादा प्रतियोगिता बढ़ने तथा अन्य कारणों से उत्पन्न तनाव का असर व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही उसके प्रजनन स्वास्थ्य पर भी पड़ता है.

डॉ. शेखर बताते हैं कि वर्तमान समय में ज्यादातर लोगों का ना तो खाना खाने का समय निर्धारित होता है और ना सोने का समय और ना नींद की अवधि निर्धारित होती है. वहीं समय की कमी के अभाव के चलते बड़ी संख्या में पुरुष व्यायाम से भी दूर रहते हैं. नतीजतन आहार, दिनचर्या तथा जीवन शैली में असंतुलन के चलते समय से काफी पहले ही लोगों में कई प्रकार की मानसिक तथा कोलेस्ट्रोल, ओबेसिटी (obesity), मधुमेह तथा हृदय रोग जैसी समस्याओं के लक्षण नजर आने लगते हैं. जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं तथा उनकी स्पर्म की संख्या तथा उसकी गुणवत्ता पर भी असर डालता है. यही कारण है कि वर्तमान समय में बड़ी संख्या में पुरुषों में इनफर्टिलिटी (infertility) तथा उससे जुड़ी कई समस्याएं नजर आने लगी हैं.

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डॉ. शेखर बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति बच्चे के लिए प्लानिंग कर रहा है तो बहुत जरूरी है कि सबसे पहले वह अपनी जीवनशैली को सुधारें. सही समय पर संतुलित आहार और व्यायाम पुरुषों के शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है. इसके अलावा कुछ अन्य बातें भी हैं जिनका ध्यान रखने से पुरुषों का प्रजनन स्वास्थ्य बेहतर होता है, जो इस प्रकार हैं:

नियमित व्यायाम

विशेष तौर पर व्यायाम की बात की जाए तो जरूरी नहीं है कि व्यक्ति प्रतिदिन व्यायाम करें. हफ्ते में तीन से चार दिन किसी भी प्रकार का योग या व्यायाम सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को फायदा पहुंचा सकता है. जिसका सकारात्मक असर पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य पर भी पड़ता है.

संतुलित आहार

आहार अनुशासन ना सिर्फ पुरुषों बल्कि सभी के लिए बहुत जरूरी होता है. नियमित समय पर पोषण से भरपूर सुपाच्य तथा संतुलित आहार शरीर में कई प्रकार की समस्याओं को होने से पहले ही रोक देता है. साथ ही शरीर के सभी तंत्रों का पोषण करने के अलावा वह उन्हें सुचारू रूप से कार्य करने में भी मदद करता है. वहीं जरूरत से ज्यादा जंक फूड का सेवन, समय पर खाना ना खाने की आदत या हमेशा तेज मिर्च मसालों या ज्यादा तेल वाला भोजन करना भी शरीर को नुकसान पहुंचाता है और कई रोगों का कारण बनता है.

सिर्फ असंतुलित आहार ही नहीं बल्कि धूम्रपान या नशे की आदत भी लोगों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, ओबेसिटी यानी मोटापे तथा कोलेस्ट्रोल का कारण बन सकती है. चिंता की बात यह है कि सिर्फ यह समस्याएं ही नहीं बल्कि कई बार कुछ विशेष समस्याओं को लेकर दी जाने वाली दवाइयां भी पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर असर डाल सकती हैं. इसलिए बहुत जरूरी है कि पुरुष अपने जीवन में आहार अनुशासन अपनाएं.

तनाव से बचें

दफ्तर में काम के दबाव को कम करना ज्यादातर संभव नहीं हो पाता है, लेकिन उस दबाव के चलते उत्पन्न होने वाले तनाव, चिंता, एंग्जायटी तथा घबराहट जैसी समस्याओं को कम करने के लिए प्रयास अवश्य किया जा सकता है. इस कार्य में व्यायाम के साथ-साथ ध्यान तथा मेडिटेशन भी काफी मददगार हो सकते हैं.

डॉ. शेखर बताते हैं कि शरीर में कई बार किसी जरूरी पोषक तत्व की कमी भी प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है. इसलिए यदि कोई पुरुष बच्चे की प्लानिंग कर रहा हैं, लेकिन प्राकृतिक रूप से उसमें देरी हो रही हो तो उसे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए तथा उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए.

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