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सिर्फ बीमारियों से ही नहीं बचाती, पोषण भी देती है व्हीटग्रास

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Published : May 31, 2022, 9:54 PM IST

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सिर्फ बीमारियों से ही नही बचाती, पोषण भी देती है व्हीटग्रास

सिर्फ भारत में ही नहीं दुनिया भर में आजकल व्हीटग्रास के गुणों को काफी ज्यादा माना जा रहा है. इसके गुणों तथा इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ को लेकर फैली जागरूकता का नतीजा है कि भारत के अलावा अमेरिका, यूरोप और एशिया के कई देशों में लोगों में इसकी खपत काफी ज्यादा बढ़ रही है.

व्हीटग्रास आज के दौर में स्वास्थ्य व फिटनेस प्रेमियों की पहली पसंद बना हुआ है. ना सिर्फ देश में बल्कि दुनिया में लोग इसके मुरीद होते जा रहे हैं. दरअसल इसमें पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जिससे शरीर में पोषण की कमी पूरी होती है , वहीं इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण सहित कई तरह के रोग निवारक गुण पाए जाते हैं जो कई बीमारियों व समस्याओं से बचाव कर सकते हैं.

पोषक तत्वों से भरपूर होता है व्हीटग्रास
मुंबई की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ रूशेल जॉर्ज बताती हैं कि व्हीटग्रास का नियमित रूप से तथा नियंत्रित मात्रा में सेवन करने से ना सिर्फ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, मेटाबोलिज़्म बेहतर होता है बल्कि डेंगू, मलेरिया, रक्त की कमी, ह्रदय रोग, पाचन संबंधी तथा मधुमेह सहित कई प्रकार की समस्याओं में भी राहत मिल सकती है.

वह बताती हैं कि व्हीटग्रास में, जिसे हिन्दी में गेंहू के जवारे भी कहा जाता है, कई सारे पोषक तत्व मिलते हैं- जैसे आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, सभी 20 प्रकार के अमीनो एसिड, क्लोरोफिल, सेलेनियम और प्रोटीन, विटामिन-ए, सी, ई, के, और बी कांपलेक्स सहित 13 प्रकार के विटामिन आदि. इसके अलावा इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं.

व्हीटग्रास के फायदे
रूशेल जॉर्ज बताती हैं कि वैसे तो बाजार में व्हीटग्रास का पाउड़र व लिक्विड ड्रॉप सरलता से मिलते हैं, लेकिन इसके ताजे बने जूस का सेवन करने से इसके फायदे दोगुने हो जाते हैं. व्हीटग्रास शरीर को पोषण देने के साथ ही कई रोगों व समस्याओं में भी फायदे पहुंचाता है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • गेहूं के जवारे के रस को ग्रीन ब्लड भी कहा जाता है क्योंकि इसका सेवन करने से शरीर में रक्त ज्यादा मात्रा में बनता है.
  • डेंगू तथा मलेरिया होने पर पीड़ित को इसके रस का सेवन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह रक्त में प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है. इसके अलावा यह सर्दी, खांसी, दमा और एग्जिमा जैसी समस्याओं में भी आराम दिलाता है.
  • इसके सेवन से रक्त संबंधी रोगों, रक्त की कमी तथा मधुमेह, कैंसर, त्वचा रोग, किडनी, और पेट संबंधी समस्याओं में भी राहत मिलती है .
  • यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करता है .
  • शरीर को डिटॉक्स करने में भी व्हीटग्रास काफी लाभकारी होता है. इसमें मौजूद क्लोरोफिल तथा अन्य पोषक तत्व शरीर के टॉक्सिन यानी विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं.
  • चूंकि इसमें फाइबर काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, इसलिए वजन कम करने में भी यह काफी फायदेमंद माना जाता है
  • इसमें फाइबर के साथ मैग्नीशियम भी काफी मात्रा में पाया जाता है , इसलिए यह मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखता है.
  • इसके पाउडर में एल्केलाइन मिनरल या क्षारीय खनिज होते हैं, जिससे कब्ज, अल्सर और दस्त जैसी समस्याओं में राहत मिलती है.
  • सिर्फ व्हीटग्रास का जूस ही नहीं, बल्कि इसके ताजे ज्वारे की पत्तियों को चबाने से भी गले की खराश और मुंह की बदबू दूर होती है. यही नहीं इसके रस के गरारे करने से दांत और मसूड़ों के संक्रमण में भी लाभ मिलता है.
  • इसके पाउडर को पानी में मिलाकर बनाए गए लेप को चेहरे या हाथों पर लगाने से टैन हुई त्वचा में काफी ज्यादा सुधार होता है, मुहांसों से छुटकारा मिलता है तथा त्वचा में चमक आती है.
  • बालों में व्हीटग्रास के पाउडर व पानी का पेस्ट बनाकर लगाने से बालों को भी कई तरह के फायदे होते हैं जैसे बालों का सफेद होना कम होता है, सिर की त्वचा से डेड सेल्स हटते हैं, बाल तेजी से बढ़ते हैं, आदि. इसके अलावा अपने नियमित शैंपू में एक चम्मच व्हीटग्रास पाउडर मिलाकर लगाने से बालों का झड़ना दूर होता है तथा डैंड्रफ जैसी समस्या से भी राहत मिलती है.

कैसे करें सेवन
रूशेल बताती हैं कि इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि व्हीटग्रास का सेवन प्रतिदिन कितनी मात्रा में किया जा रहा है. ज्यादा मात्रा में लेने पर यह शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है. यदि आप पहली बार इसका सेवन शुरू कर रहें है तो ध्यान रहे कि शुरुआत में इसकी मात्रा बेहद कम होनी चाहिए. जैसे यदि आप लिक्विड ड्रॉप लेते हैं तो शुरुआत में 1-4 बूंद से ज्यादा ना लें. वहीं अगर पाउडर का इस्तेमाल कर रहें हैं तो प्रतिदिन 1 टीस्पून व्हीटग्रास पाउडर से ज्यादा ना लें. वही अगर इसका ताजा जूस लिया जा रहा है तो शुरुआत में 10 मिलीलीटर से ज्यादा मात्रा में उसका सेवन करने ना करें. एक बार इसका सेवन शुरू करने के बाद दो से तीन हफ्ते के उपरांत इसकी मात्रा थोड़ी बहुत बढ़ाई जा सकती है.

इसके अलावा इसे हमेशा खाली पेट पीना चाहिए तथा इसके बाद 1 घंटे तक किसी भी प्रकार के आहार या पेय पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही ध्यान रहे कि अगर आप ताजे रस का सेवन के रहें है तो उसे निकालने के 10 मिनट के अंदर-अंदर उस जूस का सेवन कर लेना चाहिए.

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यदि शुद्ध व्हीटग्रास के जूस का सेवन करने में स्वाद की वजह से कोई समस्या हो रही हो तो इसमें सब्जियों या फल के रस को मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है. लेकिन जहां तक संभव हो इसे नींबू या संतरे जैसे खट्टे फलों के रस के साथ नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इससे ज्वारे में मौजूद एंजाइम कम या समाप्त हो सकते हैं. वहीं इसके सेवन से पहले यह भी जांच लेना चाहिए कि कही व्यक्ति को गेंहू से किसी प्रकार की आहार एलर्जी तो नहीं है.

शुरुआत में इसका सेवन करने पर कुछ लोगों को कुछ आम समायाओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे सिरदर्द, पेट खराब रहना, बुखार, उबकाई आना, कब्ज आदि . ये सभी लक्षण आमतौर पर दो से ढाई हफ्तों में चले जाते हैं. लेकिन अगर ये लक्षण ज्यादा लंबे समय तक परेशान करें तो एक बार चिकित्सक से संपर्क करना बेहतर होता है, जिससे पता चल सके की कही इसका आपकी सेहत पर कोई नुकसान तो नही पड़ रहा है.

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