नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट सुनहरी बाग स्थित मस्जिद मामले में दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर 19 जनवरी को सुनवाई करेगा. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने यह आदेश दिया. दरअसल, मज्सिद के इमाम अब्दुल अजीज की ओर से दायर याचिका में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की ओर से एक अखबार में जारी उस इश्तेहार को चुनौती दी गई है, जिसमें मस्जिद को हटाने को लेकर लोगों की राय मांगी गई है.
याचिका में कहा गया है कि मस्जिद डेढ़ सौ साल पुरानी है और ये दिल्ली की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है. मांग की गई है कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और केंद्रीय गृह और शहरी मामलों के मंत्रालय को इस मस्जिद को कोई भी नुकसान करने से रोका जाए. याचिका में कहा गया है कि इस मस्जिद के मामले में कोई हिन्दू-मुस्लिम एजेंडा नहीं है, जैसा कि कुछ राजनीतिक दल कह रहे हैं. इसका आगामी चुनावों से भी कोई लेना-देना नहीं है.
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नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने ट्रैफिक की समस्या बताकर इश्तेहार दिया है. याचिका में कहा गया है कि सुनहरी बाग स्थित इस मस्जिद से ट्रैफिक संचालन में कोई समस्या पैदा नहीं हुई. ये मस्जिद करीब सौ सालों से अपनी जगह पर है और कभी भी ट्रैफिक के लिए बाधा नहीं बनी. याचिका में कहा गया है कि ट्रैफिक में कोई भी बाधा मस्जिद के बाद बनी इमारतों की वजह से है. अब जब ट्रैफिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी ने काफी प्रगति कर ली है तो सांस्कृतिक विरासत के इस मस्जिद को कोई नुकसान हुए बिना तकनीक से ट्रैफिक की समस्या को दूर किया जा सकता है.
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