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Delhi flood: 1978 में दिल्ली को डुबोने वाला यमुना का पॉइंट अब भी नाजुक, कर सकता है बड़ी तबाही!

1978 में दिल्ली को डुबोने वाला यमुना का पॉइंट अब भी नाजुक स्थिति में है. हरियाणा के हिस्से में वह पॉइंट है. प्रशासन का इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं है. यही पॉइंट इस बार भी बड़ी तबाही कर सकता है.

1978 में दिल्ली को डुबोने वाला यमुना का पॉइंट
1978 में दिल्ली को डुबोने वाला यमुना का पॉइंट
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Published : Jul 13, 2023, 9:00 PM IST

1978 में दिल्ली को डुबोने वाला यमुना का पॉइंट

नई दिल्ली: दिल्ली में बाढ़ का खतरा लगातार मंडरा रहा है. दिल्ली से सटे हरियाणा के हिस्से में यमुना का बांध दो जगह से क्षतिग्रस्त है. गांव के लोगों ने बोरिया लगाकर बांध को रोका हुआ है. दिल्ली सरकार यमुना के बांध को टूटने से बचाने के लिए राजधानी में तो कड़ी मशक्कत कर रही है, लेकिन जहां यमुना पल्ला के जीरो पॉइंट से एंट्री करती है, वहां से करीब 2 किलोमीटर दूर हरियाणा के बहरा गांव में स्थिति नाजुक बनी हुई है. इस गांव में किसी भी वक्त यमुना पॉइंट टूट सकती है. यदि इस गांव से पॉइंट टूटी तो हरियाणा का तो सिर्फ एक गांव आएगा. जबकि, इसकी चपेट में पूरी दिल्ली आ जाएगा.

दिल्ली पर मंडरा रहा यमुना का खतरा: स्थानीय निवासियों ने बताया कि 1978 की दिल्ली में बाढ़ इसी पॉइंट के टूटने से आई थी. वही पॉइंट् दिल्ली को डुबोने के लिए फिर तैयार है, लेकिन प्रशासन का इस पॉइंट पर अभी तक कोई ध्यान नहीं है. 1978 में जब बाढ़ आई थी और दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो गए थे उस वक्त भी हरियाणा का यही आठ नंबर ड्रेन टूटा था.

यहीं से पानी दिल्ली के बख्तावरपुर, पल्ला, बुरारी, संत नगर, मुखर्जी नगर और मॉडल टाउन तक पहुंच गया था. यह तमाम इलाके पूरी तरीके से जलमग्न हो गए थे. फिलहाल लोगों का कहना है कि दिल्ली को अभी भी खतरा है. अगर जल्द इन जगहों पर रिसाव को कम करने के लिए परमानेंट उचित व्यवस्था नहीं की गई तो बांध का रिसाव बढ़ सकता है और पानी दिल्ली की तरफ तेजी से पहुंच जाएगा.

गोपाल राय ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा: दिल्ली में लगातार यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. यमुना ने 45 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1978 में दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ आई थी. उस समय से भी ज्यादा पानी इस बार यमुना में देखा जा रहा है. बाढ़ का सबसे ज्यादा असर निचले इलाकों में देखा जा रहा है. वही अब रिहायशी इलाकों में भी पानी के पहुंचने का खतरा बना हुआ है.

इन सबके बीच में दिल्ली सरकार द्वारा बुराड़ी पुस्ते पर कई जगहों पर राहत कैंप भी लगाए गए हैं. जहां लोगों के ठहरने की जगह और उनके खाने का इंतजाम किया गया है. इन तमाम इंतजामों का जायजा लेने के लिए दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय और स्थानीय विधायक संजीव झा पुस्ते पर पहुंचे. उन्होंने पूरे तैयारियों का जायजा लिया.

गोपाल राय ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा
गोपाल राय ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा

उनका कहना है कि डरने की कोई बात नहीं है. यमुना का जलस्तर जरूर लगातार बढ़ रहा है लेकिन दिल्ली सरकार की तैयारियां भी पूरी हैं. कोई भी व्यक्ति यमुना के नजदीक ना जाए. पूरे पुस्ते पर सिविल डिफेंस के जवानों को भी तैनात किया गया है. बता दें, पिछले कुछ सालों में यमुना बुराड़ी पुस्ते को तैयार किया गया जिसे 5 से 6 फीट तक बढ़ाया गया है, जिसकी वजह से बुराड़ी के रिहायशी इलाके में लोग सुरक्षित हैं.

ये भी पढ़ें: Delhi flood Explainer: यमुना के सैलाब में डूूबी दिल्ली, बाढ़ आने की क्या वजह है? समझें पूरी कहानी

ये भी पढ़ें: Delhi flood: पहली बार दिल्ली में इतनी बाढ़, राजधानी ठप

1978 में दिल्ली को डुबोने वाला यमुना का पॉइंट

नई दिल्ली: दिल्ली में बाढ़ का खतरा लगातार मंडरा रहा है. दिल्ली से सटे हरियाणा के हिस्से में यमुना का बांध दो जगह से क्षतिग्रस्त है. गांव के लोगों ने बोरिया लगाकर बांध को रोका हुआ है. दिल्ली सरकार यमुना के बांध को टूटने से बचाने के लिए राजधानी में तो कड़ी मशक्कत कर रही है, लेकिन जहां यमुना पल्ला के जीरो पॉइंट से एंट्री करती है, वहां से करीब 2 किलोमीटर दूर हरियाणा के बहरा गांव में स्थिति नाजुक बनी हुई है. इस गांव में किसी भी वक्त यमुना पॉइंट टूट सकती है. यदि इस गांव से पॉइंट टूटी तो हरियाणा का तो सिर्फ एक गांव आएगा. जबकि, इसकी चपेट में पूरी दिल्ली आ जाएगा.

दिल्ली पर मंडरा रहा यमुना का खतरा: स्थानीय निवासियों ने बताया कि 1978 की दिल्ली में बाढ़ इसी पॉइंट के टूटने से आई थी. वही पॉइंट् दिल्ली को डुबोने के लिए फिर तैयार है, लेकिन प्रशासन का इस पॉइंट पर अभी तक कोई ध्यान नहीं है. 1978 में जब बाढ़ आई थी और दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो गए थे उस वक्त भी हरियाणा का यही आठ नंबर ड्रेन टूटा था.

यहीं से पानी दिल्ली के बख्तावरपुर, पल्ला, बुरारी, संत नगर, मुखर्जी नगर और मॉडल टाउन तक पहुंच गया था. यह तमाम इलाके पूरी तरीके से जलमग्न हो गए थे. फिलहाल लोगों का कहना है कि दिल्ली को अभी भी खतरा है. अगर जल्द इन जगहों पर रिसाव को कम करने के लिए परमानेंट उचित व्यवस्था नहीं की गई तो बांध का रिसाव बढ़ सकता है और पानी दिल्ली की तरफ तेजी से पहुंच जाएगा.

गोपाल राय ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा: दिल्ली में लगातार यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. यमुना ने 45 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1978 में दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ आई थी. उस समय से भी ज्यादा पानी इस बार यमुना में देखा जा रहा है. बाढ़ का सबसे ज्यादा असर निचले इलाकों में देखा जा रहा है. वही अब रिहायशी इलाकों में भी पानी के पहुंचने का खतरा बना हुआ है.

इन सबके बीच में दिल्ली सरकार द्वारा बुराड़ी पुस्ते पर कई जगहों पर राहत कैंप भी लगाए गए हैं. जहां लोगों के ठहरने की जगह और उनके खाने का इंतजाम किया गया है. इन तमाम इंतजामों का जायजा लेने के लिए दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय और स्थानीय विधायक संजीव झा पुस्ते पर पहुंचे. उन्होंने पूरे तैयारियों का जायजा लिया.

गोपाल राय ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा
गोपाल राय ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा

उनका कहना है कि डरने की कोई बात नहीं है. यमुना का जलस्तर जरूर लगातार बढ़ रहा है लेकिन दिल्ली सरकार की तैयारियां भी पूरी हैं. कोई भी व्यक्ति यमुना के नजदीक ना जाए. पूरे पुस्ते पर सिविल डिफेंस के जवानों को भी तैनात किया गया है. बता दें, पिछले कुछ सालों में यमुना बुराड़ी पुस्ते को तैयार किया गया जिसे 5 से 6 फीट तक बढ़ाया गया है, जिसकी वजह से बुराड़ी के रिहायशी इलाके में लोग सुरक्षित हैं.

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