नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली स्थित स्वरूप नगर थाना इलाके के नत्थूपुरा में पिछले कई महीनों से रह रहे मजदूर लगातार एक के बाद एक मार झेल रहे हैं. आखिरकार जब रविवार को आंधी आई तो इनका आशियाना भी उजड़ गया. जब कुछ नहीं बचा तो, लोग पैदल ही अपने घर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को निकल पड़े. बुराड़ी इलाके में पुलिस ने रोका और सारी बातें जानने के बाद राशन, छत मुहैया करा दिया गया है.
दरअसल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के रहने वाले कुछ मजदूर पिछले कई महीनें से नत्थूपुरा इलाके में झोपड़ी डालकर रह रहे थे. यह लोग यहां पर सड़क बनाने के काम कर रहे थे और ठेकेदार इनको खास तौर पर इसी काम के लिए गांव से लेकर आया था. फिलहाल इनके पास रहने का कोई पक्का आशियाना नहीं है.
बिना पैसे दिए गायब हो गया ठेकेदार
लॉकडाउन के दौरान ठेकेदार इन्हें बिना मजदूरी दिए ही गायब हो गया. धीरे-धीरे उनकी समस्याएं और भी ज्यादा बढ़ने लग गई. किसी तरीके से सरकार द्वारा दिया हुआ खाना खाकर यह लोग अपनी जीवन चला रहे थे. अब इनका कहना है कि सरकार द्वारा रोज सुबह-शाम चावल दिया जा रहा है, जिसको खा कर अब इन लोगों की तबीयत भी खराब होने लग गई है.
बच्चे भी हो रहे बीमार, रोटी-सब्जी मांगी
मजदूरों ने बताया कि बच्चे भी बीमार हो रहे हैं. रोटी-सब्जी चाहिए, लेकिन सरकार बस चावल ही खिला रही है. समस्याएं लगातार बढ़ रही थी लेकिन, रविवार रात को आंधी आने से इनकी छत पर आशियाना तक उजड़ गया तो, फिर पैदल गांव चलने का निर्णय लिया. वहीं बुराड़ी एसएसओ रमन कुमार ने इन सभी मजदूरों के लिए 15 दिन का राशन और रहने की व्यवस्था कराया है.