ETV Bharat / state

DU में 29 अगस्त को होगा डूटा का चुनाव, ये मुद्दे रहेंगे अहम

author img

By

Published : Aug 20, 2019, 12:56 PM IST

29 अगस्त को होगा डूटा का चुनाव ETV BHARAT

डीयू में शिक्षक संघ के 29 अगस्त को चुनाव होने वाले हैं. जिसे लेकर ईटीवी भारत ने डूटा के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण से बातचीत की. प्रोफेसर ने बताया इस बार चुनाव में सबसे अहम मुद्दा ईडब्ल्यूएस कोटा है.

नई दिल्ली: डीयू में शिक्षक संघ के 29 अगस्त को चुनाव होने वाले हैं. जिसमें इस साल डीयू शिक्षक संघ का नया अध्यक्ष चुना जाएगा और जो चुनाव के बाद जीतकर शिक्षक संघ का अध्यक्ष बनेगा. वह तमाम शिक्षकों के मुद्दों को लेकर काम करेगा.

हालांकि, इस बार चुनाव में शिक्षकों के कई अहम मुद्दे है जो चर्चा में बने हुए हैं. इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखकर हर एक शिक्षक अपना अध्यक्ष चुनेगा. आखिरकार क्या कुछ इस बार चुनाव में मुद्दे हैं. इस पर ईटीवी ने डूटा के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण से बात की.

चुनाव में सबसे अहम मुद्दा ईडब्ल्यूएस कोटा

ईडब्ल्यूएस कोटे को लागू करने से हुई शिक्षकों को परेशानी
प्रोफेसर आदित्य नारायण ने बताया इस बार चुनाव में सबसे अहम मुद्दा है. ईडब्ल्यूएस कोटे को लेकर है. सरकार की ओर से ईडब्ल्यूएस कोटा जारी किया गया. जिसको लेकर एडिशनल भर्तियां भी सरकार की तरफ से नहीं दी गई. बल्कि जो स्टाफ पहले से काम कर रहा है. उन्हीं को इस कोटे में एडजस्ट करने को लेकर कहा गया. और जो नहीं हुआ उसे बाहर जाने के लिए कह दिया गया. जो कहीं ना कहीं हर शिक्षक के लिए चिंता का विषय है क्योंकि यहां करीब 4500 शिक्षक डीयू में पढ़ा रहे हैं. ऐसे में अचानक से उन्हें निकलने को कहना गलत है.

जनता को गुमराह किया जा रहा है
डूटा के पूर्व अध्यक्ष का कहना था कि प्रशासन की तरफ से प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर में भी रिजर्वेशन लेकर आया गया हैं. लेकिन कहीं ना कहीं यह जनता को धोखा देने जैसा है. यदि ईडब्ल्यूएस कोटे के अंतर्गत किसी प्रोफेसर को नियुक्ति दी जाती है. तो 1 साल के बाद ही वह टीचर बाहर हो जाएगा. क्योंकि वह 1 साल के भीतर ही 10 लाख रुपये तक कमा लेगा.

इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यवस्था पर पड़ रहा असर
उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से टीचर एसोसिएशन को दी जाने वाली धनराशि में कटौती की गई है. उस कटौती से शिक्षा व्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर असर पड़ा है. लाइब्रेरी में किताबें नहीं है, लैब्स में केमिकल नहीं है. जिसका असर छात्रों की शिक्षा पर पड़ रहा है.

प्रोफेसर आदित्य नारायण का कहना था कि यूनिवर्सिटी में एडिशनल भर्तियां नहीं की जा रही है. जिसके कारण मौजूदा टीचर हैं पर अतिरिक्त भार बढ़ रहा है. एक टीचर कई जिम्मेदारियों के कारण ठीक से काम नहीं कर पा रहा है.

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट से राजीव रे ही उम्मीदवार
फिलहाल डीयू में 29 अगस्त को शिक्षक संघ के चुनाव होने हैं जिसके लिए बीजेपी समर्थक संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) की तरफ से अध्यक्ष पद पर एके भागी को एक उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया है. वहीं डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के लिए एक बार फिर वर्तमान अध्यक्ष राजीव रे चुनाव लड़ेंगे.

Intro:दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षक संघ के 29 अगस्त को चुनाव होने हैं जिसमें इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का नया अध्यक्ष चुना जाएगा, और जो चुनाव के बाद जीतकर शिक्षक संघ का अध्यक्ष बनेगा वह तमाम शिक्षकों के मुद्दों को लेकर काम करेगा, हालांकि इस बार चुनाव में शिक्षकों कई अहम मुद्दे हैं जो चर्चा में बने हुए हैं और इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखकर हर एक शिक्षक अपना अध्यक्ष सुनेगा आखिरकार क्या कुछ इस बार चुनाव में मुद्दे हैं इस पर हम ने लूटा के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण से बात की.


Body:ईडब्ल्यूएस कोटे को लागू कर हुई शिक्षकों को परेशानी
प्रोफेसर आदित्य नारायण ने बताया इस बार जो चुनाव में सबसे अहम मुद्दा है वह ईडब्ल्यूएस कोटे को लेकर है क्योंकि सरकार की ओर से ईडब्ल्यूएस कोटा जारी किया गया जिसको लेकर एडिशनल भर्तियां भी सरकार की तरफ से नहीं दी गई बल्कि जो स्टाफ पहले से काम कर रहा है उन्हीं को इस कोटे में एडजस्ट करने को लेकर कहा गया और जो नहीं हुआ उसे बाहर जाने के लिए कह दिया गया जो कहीं ना कहीं हर शिक्षक के लिए चिंता का विषय है क्योंकि यहां करीब साढे 4000 शिक्षक दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे हैं ऐसे में अचानक से उन्हें निकालने को कहना गलत है.

किया जा रहा है जनता को गुमराह
डूटा के पूर्व अध्यक्ष का कहना था कि प्रशासन की तरफ से प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर में भी रिजर्वेशन लेकर आए हैं लेकिन कहीं ना कहीं यह जनता को धोखा देने जैसा है क्योंकि यदि ईडब्ल्यूएस कोटे के अंतर्गत किसी प्रोफेसर को नियुक्ति दी जाती है तो 1 साल के बाद ही वह टीचर बाहर हो जाएगा क्योंकि वह 1 साल के भीतर ही 10 लाख रुपये तक कमा लेगा.

इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यवस्था पर पड़ रहा असर
उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से जो टीचर एसोसिएशन को दी जाने वाली धनराशि में कटौती की गई है उससे शिक्षा व्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर असर पड़ा है क्योंकि लाइब्रेरी में किताबें नहीं है लैब्स में केमिकल नहीं है जिसका असर छात्रों की शिक्षा पर पड़ रहा है प्रोफेसर आदित्य नारायण का कहना था कि यूनिवर्सिटी में एडिशनल भर्तियां नहीं की जा रही है जिसके कारण जो मौजूदा टीचर हैं उन पर अतिरिक्त भार बढ़ रहा है एक टीचर कई जिम्मेदारियों के कारण ठीक से काम नहीं कर पा रहा है.



Conclusion:डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट से राजीव रे ही उम्मीदवार
फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में 29 अगस्त को शिक्षक संघ के चुनाव होने हैं जिसके लिए बीजेपी समर्थक संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) की तरफ से अध्यक्ष पद पर एके भागी को एक उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया है वहीं डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के लिए एक बार फिर वर्तमान अध्यक्ष राजीव रे चुनाव लड़ेंगे.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.