ETV Bharat / state

जहांगीरपुरी हिंसा : साप्ताहिक बाजार नहीं लगने से लोगों की रोजी-रोटी पर संकट

author img

By

Published : Apr 23, 2022, 2:23 PM IST

Jahangirpuri Violence
Jahangirpuri Violence

जहांगीर पुरी की स्थानीय जनता ने बातचीत के दौरान बताया कि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन हिंसक झड़प के दौरान बड़े स्तर पर उपद्रवियों ने न सिर्फ तोड़फोड़ की, बल्कि उनके रास्ते में जो भी चीज आई उसे नुकसान पहुंचाया और आग के हवाले कर दिया. उस दिन दुकानों के अंदर उपद्रवियों के द्वारा जमकर लूटपाट भी किया गया. साथ ही लोगों के साथ मारपीट भी की गई. 16 अप्रैल के बाद जहांगीरपुरी के स्थानीय लोगों के जीवन में काफी बदलाव आया है. अलग-अलग चार जगह पर हफ्ते के चार दिन लगने वाले बाजारों के बंद होने की वजह से लोगों की रोजी-रोटी पर न सिर्फ संकट मंडरा रहा है, बल्कि सामान्य जीवन पर भी इसका बुरा असर पड़ा है. लोगों को जरूरत की चीजों की खरीदारी के लिए दूर जाना पड़ रहा है.

नई दिल्ली: 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन शोभा यात्रा निकालने के दौरान जहांगीरपुरी के क्षेत्र में दो गुटों के बीच में हुई हिंसक झड़प के बाद से माहौल पूरी तरीके से गरमाया हुआ है. जिसकी राजधानी दिल्ली के सियासी गलियारों में कई दिन बीत जाने के बाद भी तपिश महसूस की जा रही है. हालातों का अंदाजा इसी तरह से लगाया जा सकता है कि दिल्ली का जहांगीरपुरी अब तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए टूरिस्ट प्लेस बन गया है, जहां पिछले दो दिनों से नेताओं के आने का तांता लगा हुआ है.

जहांगीरपुरी हिंसा के बाद वहां के लोगों का जीवन कैसा बीत रही है, वहां के लोग किस तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं, इसी को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता पहुंचे जहांगीरपुरी की गलियों में. ईटीवी भारत ने वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत कर जाना कि 16 अप्रैल के बाद लोगों के जीवन में क्या बदलाव आया है.

जहांगीरपुरी हिंसा के बाद लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट

जहांगीरपुरी की बात करें तो इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में गरीब तबके से आने वाले लोग रहते हैं. जो हर रोज कुआं खोदकर कमा करके खाते हैं. ज्यादातर लोग रेहड़ी पटरी लगाते हैं या फिर कहीं मजदूरी करते हैं या फिर आसपास की जगह पर हफ्ते में चार अलग-अलग दिन लगने वाले विभिन्न बाजारों में पटरी लगाकर अपने और अपने परिवार का पेट भरते हैं. जहांगीरपुरी के क्षेत्र में हफ्ते में चार दिन रविवार, सोमवार, मंगलवार और शनिवार पटरी बाजार लगते हैं, जिससे सीधे तौर वहां के स्थानीय निवासी जुड़े हुए हैं और उनकी रोजी-रोटी इन्हीं बाजारों के माध्यम से चलती है. जहांगीर पुरी के वर्तमान हालातों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन हुई हिंसक झड़प के बाद रविवार, सोमवार, मंगलवार के दिन झांगीरपुरी के सी ब्लॉक के आसपास लगने वाले किसी भी सप्ताहिक बाजार को लगने नहीं दिया गया, जिसेस बड़े स्तर पर जहांगीरपुरी के स्थानीय लोगों को आर्थिक तौर पर नासिक नुकसान हुआ है बल्कि लोगों की रोजी-रोटी पर भी बनाई है.

जहांगीरपुरी के अंदर हिंसा ग्रस्त इलाके के साथ सटे हुए जी ब्लॉक के क्षेत्र में ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब स्थानीय निवासियों से बातचीत की. जी ब्लॉक के ही निवासी आरके कश्यप जो जहांगीरपुरी के अंदर ही छोले भटूरे की रेहड़ी लगाते हैं और उससे ही अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि 16 तारीख के बाद हालात पूरी तरह से बदल गए हैं और उनकी रोजी-रोटी पर बन आई है. पहले वह हफ्ते में चार दिन जहांगीरपुरी के क्षेत्र में लगने वाले विभिन्न सप्ताहिक बाजारों में छोले-भटूरे की रेहड़ी लगाकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. जिससे न सिर्फ ठीक-ठाक आमदनी हो जाती थी बल्कि परिवार के लिए दाल रोटी का भी इंतजाम हो जाता था. लेकिन 16 तारीख के बाद से बदले हालातों के बीच सप्ताहिक बाजार नहीं लगने से बड़े स्तर पर आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो उनका कामकाज पूरी तरह ठप हो जाएगा और उन्हें मजबूरन भीख मांगनी पड़ेगी. उन्होंने अपे बातचीत में कहा कि पिछले कुछ सालों में सी ब्लॉक के क्षेत्र के अंदर अपराध काफी ज्यादा बढ़ा है. वहां पर महिलाएं आजादी के साथ न तो घूम सकती हैं और न ही वह इलाका सुरक्षित है. दिनदहाड़े लोगों के साथ न सिर्फ लूटपाट होती है बल्कि चैन स्नैचिंग, फोन स्नैचिंग के साथ चाकू दिखाकर पैसे लूटने जैसी वारदातें भी आम हैं. वहीं पुलिस भी ऐसी वारदातों को लेकर कोई सख्त कार्रवाई नहीं करती है.

जहांगीरपुरी के ही रहने वाले युवक ने बातचीत में बताया कि 16 तारीख को सब कुछ सामान्य की तरह चल रहा था लेकिन शोभायात्रा निकालने के वक्त एकदम से भगदड़ मच गई और दोनों तरफ से पत्थर चलने शुरू हो गए. उपद्रवियों ने बड़ा स्तर न सिर्फ तोड़फोड़ की गई, बल्कि रास्ते में आने वाली हर एक चीज को नुकसान पहुंचाया. उसने बताया कि हर रोज कमा कर खाने वालों के जीवन पर इसका बहुत ही बुरा असर पड़ा है.

जहांगीरपुरी सी ब्लॉक के एक अन्य स्थानीय निवासी और बुजुर्ग ने बातचीत के दौरान बताया कि 16 अप्रैल को बहुत भयावह मंजर था. लोग की हाथों में नंगी तलवारें लेकर घूम रहे थे, लेकिन कोई रोकने वाला नहीं था. लोगों को उनके घर के अंदर घुस के उपद्रवियों द्वारा मारा पीटा गया है. 16 तारीख को यह उपद्रव सिर्फ लूटपाट करने के लिए किया गया था. जिसका सबसे ज्यादा बुरा असर जहांगीरपुरी की जनता और आम नागरिकों के ऊपर पड़ा है.

बता दें कि जहांगीरपुरी हिंसा के दौरान स्थानीय लोगों के साथ उपद्रवियों ने मारपीट की, यही नहीं उसके सामानों को भी नुकसान पहुंचाया. फिलहाल जहांगीरपुरी में शांती है लेकिन वहां के स्थानीय लोगों में अभी भी दहशत है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.