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डूसिब के आश्रय गृहों की सुरक्षा और सोशल ऑडिट कर दिल्ली सरकार: दिल्ली हाई कोर्ट

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 13, 2023, 8:29 PM IST

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दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को छह हफ्ते में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के तहत आश्रय घरों की सुरक्षा और सामाजिक ऑडिट करने का निर्देश दिया है. Delhi Urban Shelter Improvement Board

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के तहत आश्रय घरों की सुरक्षा और सामाजिक ऑडिट करने का निर्देश दिया है. तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा (अब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश) और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि इस काम को छह सप्ताह के भीतर किया जाना चाहिए.

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यह आदेश तब आया जब अदालत ने कहा कि यह सुरक्षा का मुद्दा है और आश्रय गृहों पर उन लोगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है जो अपात्र हैं. हाई कोर्ट डूसिब आश्रय स्थल के संबंध में एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित एक लेख पर स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था. याचिका में कहा गया था कि आश्रय गृह में भोजन की आपूर्ति करने वाली एजेंसी ने ऐसा करना बंद कर दिया था और वहां लगभग 60 बेघर एकल महिलाएं थीं, जिनमें बुजुर्ग, विकलांग लोग और 17 बच्चे रह रहे थे.

अन्य मुद्दे अक्षय पात्र फाउंडेशन को बकाया भुगतान से संबंधित थे, जो इन आश्रय घरों को भोजन उपलब्ध करा रहा था. सुनवाई के दौरान, दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव (वित्त) ने बताया कि अक्षय पात्र फाउंडेशन को बकाया भुगतान के लिए मंजूरी दे दी गई है. मार्च 2024 तक और सभी लंबित बकाया राशि तुरंत चुका दी जाएगी.

पीठ ने कहा कि 26 जुलाई के आदेश के अनुसार उचित कदम उठाकर, निविदाएं जारी करके या कोई अन्य उचित तंत्र द्वारा शेल्टर होम्स को भोजन की आपूर्ति की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता है. दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि वे आपूर्तिकर्ताओं को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए डूसिब शेल्टर होम्स को भोजन की आपूर्ति की प्रक्रिया और ऐसी आपूर्ति के लिए भुगतान तंत्र को सुव्यवस्थित करने के लिए छह सप्ताह के भीतर सकारात्मक निर्णय लेंगे. मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी, 2024 को होगी.

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