नई दिल्लीः दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में प्रीमियम बस सर्विस योजना लाकर दिल्ली में बिगड़ती परिवहन व्यवस्था को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका यह दावा कि दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सेक्टर को वर्ल्ड क्लास बनाएंगे. दिल्लीवालों को गुमराह करने वाला है. जबकि, वास्तविकता है कि डीटीसी बेड़े में सिर्फ 3,900 बसें ही बची हैं और डीटीसी 5000 करोड़ घाटे में चल रही है. क्या केजरीवाल दिल्ली की बदहाल और चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था से वाकिफ नहीं है. जिसके कारण पीक आवर में घंटों का जाम दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कार और दोपहिया पर यात्रा करने वाले लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर लेकर जाने को सेफ ट्रांसपोर्ट मुहैया कराने की बात करने वाले केजरीवाल दिल्ली वालों को ऐप बेस वाई-फाई, एसी बसों में सीटों की बुकिंग सुनिश्चितता कहकर प्रीमियम बस सर्विस योजना अक्टूबर में लागू करना चाहते हैं. प्रीमियम सर्विस के अंतर्गत तीन साल से अधिक पुरानी किसी भी बस का उपयोग नहीं किया जाएगा और 2024 के बाद बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदल दिया जाएगा. इसमें एग्रीगेटर्स किराए का निर्धारण खुद करेंगे. यह योजना उपराज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेजी गई है.
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सरकार के पास योजना नहीं, सिर्फ घोषणा हैः उन्होंने कहा कि 9 साल की दिल्ली में परिवहन व्यवस्था की विफलताओं को छिपाने के लिए केजरीवाल अमीर लोगों को दोपहिया और कार से हटाकर प्रीमियम बस सर्विस मुहैया कराने का शगुफा दिखा रहे हैं. केजरीवाल की पहली प्राथमिकता डीटीसी बेड़े को मजबूत करना होना चाहिए, जो आम लोगों की यात्रा का एकमात्र सुविधाजनक साधन है.
साथ ही उन्होंने कहा कि लगातार घोषणा करने के बावजूद दिल्ली सरकार ने डीटीसी बसों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं की. जिसके कारण सड़कों पर निजी वाहनों, कार व दोपहिया वाहनों की तादात कई गुणा बढ़ गई है. जो दिल्ली के प्रदूषण में अहम भूमिका निभा रहे हैं. केजरीवाल सरकार राजधानी में विश्व स्तरीय परिवहन प्रणाली देना चाहती है, परंतु इसके लिए उनके पास केवल घोषणा है. कोई ठोस योजना नहीं है.
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केजरीवाल सरकार में DTC बसें हुईं कमजोरः अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने डीटीसी में लो-फ्लोर, सीएनजी बसों की शुरुआत करके वायु प्रदूषण को खत्म करने में क्रांतिकारी पहल की थी. इसके बाद एक मजबूत डीटीसी बेड़े की डीटीसी बसों और मेट्रो का उपयोग करने से अधिकतर लोगों ने निजी वाहनों का इस्तेमाल करना लगभग बंद कर दिया था, लेकिन केजरीवाल के सत्ता में आने के बाद डीटीसी बसों का खराब रख-रखाव और सरकार के निकम्मेपन के कारण डीटीसी बेड़े में बसों की संख्या लगातार घटती जा रही है. कांग्रेस सरकार के दौरान 2013 में डीटीसी बेड़े में 6300 से अधिक बसें थी. उन्होंने कहा कि झूठे और अधूरे वादों के साथ लोगों को गुमराह करने के बजाय केजरीवाल को सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करना चाहिए.