नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण का कोटा बहाल करने और कोटा में छह प्रतिशत की वृद्धि की बात करने के कांग्रेस के वादे पर सवाल उठाया. क्या यह एससी, एसटी, लिंगायत या वोक्कालिगा के लाभों को कम करेगा. शाह ने कहा कि सिद्धारमैया को स्पष्ट करना चाहिए कि अगर कांग्रेस मुसलमानों के लिए आरक्षण चार प्रतिशत से बढ़ाकर छह प्रतिशत कर देती है तो वह किसके आरक्षण में कटौती करेगी.
एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता को सोमवार को कर्नाटक चुनाव के लिए प्रचार समाप्त होने से पहले पार्टी का रुख स्पष्ट करना चाहिए. शाह ने सवाल किया सिद्धारमैया को स्पष्ट करना चाहिए कि यदि आरक्षण में बढ़ोत्तरी होती है तो वे ओबीसी, एससी, एसटी, लिंगायत या वोक्कालिगा किसका आरक्षण कम करेंगे. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भाजपा सरकार ने मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण इसलिए समाप्त कर दिया था क्योंकि वह असंवैधानिक है.
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#WATCH | There is no provision for reservation on the basis of religion in our Constitution, says Union Home Minister Amit Shah in an interview to ANI.#KarnatakaElections pic.twitter.com/nGdu9FKkJk
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. कांग्रेस तुष्टिकरण की नीति के तहत मुस्लिमों का वोट बैंक मजबूत करने के लिए आरक्षण दिया था, जिसे हमने रद्द कर दिया है. बता दें कि कांग्रेस नेता और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति के रहमान खान ने मीडिया से कहा था कि अगर पार्टी कर्नाटक में सत्ता में आती है तो मुस्लिम आरक्षण 4 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी किया जा सकता है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि कांग्रेस आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने और सभी जातियों को उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है.
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री तनवीर सैत ने मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने के भाजपा सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस आने वाले चुनावों में सत्ता में लौटती है और यह समुदाय के लिए कोटा बहाल करेगी. सैत ने आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक मानती है और इस समुदाय के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति कर रही है. 25 मार्च को दि हिंदू की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सैत ने कहा कि रवि वर्मा आयोग ने समुदाय में पिछड़ेपन के कारण वर्तमान 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने की सिफारिश की थी. सैत ने भाजपा पर कुछ समुदायों को बाहर करने की नीति अपनाने का आरोप लगाया.
कर्नाटक सरकार ने इस साल मार्च में अल्पसंख्यकों के लिए चार प्रतिशत कोटा खत्म करने का फैसला किया और इसे चुनावी राज्य के दो प्रमुख समुदायों के मौजूदा कोटे में जोड़ दिया. भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को समाप्त कर दिया था और इसे वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगाओं में वितरित कर दिया था. इसके अलावा ओबीसी मुसलमानों को 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी में स्थानांतरित करने का भी फैसला किया था. कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में, कांग्रेस सरकार द्वारा दिए जा रहे 4 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण को बहाल करने का वादा किया है, जिसे चुनाव से पहले बसवराज बोम्मई सरकार ने खत्म कर दिया था.
शाह ने एएनआई को बताया कि भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी और कहा कि डबल इंजन सरकार बनाने के लिए उत्साह है. उन्होंने कहा कि मैंने कर्नाटक के सभी हिस्सों का दौरा किया है. सभी क्षेत्रों में उत्साह, झुकाव और समर्थन बढ़ा है. वहां डबल इंजन की सरकार बनाने का उत्साह है. पीएम मोदी की लोकप्रियता जबरदस्त है जो वोटों में बदल जाएगी. यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी. भाजपा की उम्मीदवारों की सूची जिसमें पार्टी ने चुनावों में 50 से अधिक नए चेहरों को मौका दिए जाने पर टिप्पणी करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा हर बार बदलाव करती है. शाह ने कहा कि इस बार भी हमने किया है. युवाओं को मौका देना भाजपा का चलन रहा है और हमने इस पर विशेष ध्यान दिया है. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को मतदान होगा और मतगणना 13 मई को होगी.
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(ANI)