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Delhi NCR Pollution: 400 पार पहुँचा प्रदूषण, Dark Red Zone में कई इलाकों का AQI

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Published : Dec 3, 2022, 11:31 AM IST

Updated : Dec 3, 2022, 11:58 AM IST

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देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (pollution in Delhi NCR) से स्थिति फिर खराब होती जा रही है. कई इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक फिर रेड जोन में पहुंच गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों में हल्की धुंध की चादर भी देखी गई.

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी (400-500 AQI) में दर्ज किया गया है. आने वाले दिनों में अगर प्रदूषण में और बढ़ोतरी होती है तो लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल दिल्ली के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी और अत्यंत खराब श्रेणी के बीच बरकरार है.

नई दिल्ली:

अलीपुर375
पूसा287
शादीपुर351
द्वारका378
डीटीयू दिल्ली388
आईटीओ दिल्ली389
सिरिफ्फोर्ट353
मंदिर मार्ग310
आरके पुरम375
पंजाबी बाघ374
आया नगर293
लोधी रोड294
नॉर्थ केंपस डीयू341
सीआरआरआई मथुरा रोड:334
आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल 3:305
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम362
नेहरू नगर400
द्वारका सेक्टर 8370
पटपड़गंज383
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज323
अशोक विहार381
सोनिया विहार399
जहांगीरपुरी406
रोहिणी384
विवेक विहार379
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम357
नरेला380
ओखला फेस टू351
वजीरपुर390
बवाना369
श्री औरबिंदो मार्ग333
मुंडका397
आनंद विहार404
IHBAS दिलशाद गार्डन316


गाजियाबाद:-

वसुंधरा369
इंदिरापुरम284
संजय नगर337
लोनी318


नोएडा:-

सेक्टर 62384
सेक्टर 125309
सेक्टर 1306
सेक्टर 116346


एयर क्वालिटी इंडेक्स की श्रेणी: वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायऑक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

PM 2.5 और PM 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइ ऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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Last Updated :Dec 3, 2022, 11:58 AM IST
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