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अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में विरोधियों को हल्के में लेना समझदारी नहीं : बॉक्सर लवलीना

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Published : Jul 23, 2022, 4:03 PM IST

Lovlina Borgohain  लवलीना बोरगोहेन  अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में विरोधी  ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन  कॉमनवेल्थ गेम्स 2022  राष्ट्रमंडल खेल 2022  खेल समाचार  Opponent in international competition  Olympic bronze medalist Lovlina Borgohain  Commonwealth Games 2022  Commonwealth Games 2022  Sports News
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ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के बावजूद मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन 28 जुलाई से 8 अगस्त तक बर्मिंघम में होने वाले आगामी कॉमनवेल्थ गेम्स (राष्ट्रमंडल खेल) 2022 में किसी भी प्रतिद्वंद्वी को हल्के में नहीं लेना चाहती हैं.

नई दिल्ली: असम की 24 साल की मुक्केबाज ने कहा कि उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में कुछ गलतियां की हैं, जहां उनका अभियान प्री-क्वॉर्टर फाइनल में समाप्त हुआ था. स्वर्ण के लक्ष्य के साथ, वह अब राष्ट्रमंडल खेल 2022 में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए तैयार है.

राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतियोगिता के स्तर के बारे में पूछे जाने पर, क्योंकि कई विश्व स्तरीय मुक्केबाज इसमें भाग नहीं ले रहे हैं, लवलीना ने नई दिल्ली में भारतीय दल की प्रतियोगिता के लिए औपचारिक विदाई के मौके पर आईएएनएस से कहा, हर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता कठिन ही होती है. मैं नहीं यह कहकर इसे नीचा दिखाना नहीं चाहती कि सीडब्लयूजी एक कठिन टूर्नामेंट नहीं है. आपको कठिन मुकाबलों के लिए तैयार रहना होगा. हर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की तरह आपको बहुत अनुभवी मुक्केबाजों का सामना करते हुए मैच के दबाव को संभालने के लिए मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है.

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उन्होंने कहा, मुख्य बात यह है कि विश्व चैम्पियनशिप में मैं मानसिक रूप से उतनी मजबूत नहीं थी. मैं ठीक से ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही थी. मैंने उस पर काम किया है. मैंने अपनी गलतियों पर कड़ी मेहनत की है, जो मैंने विश्व चैम्पियनशिप में की थी. बॉक्सर को काफी उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ा और कोविड-19 महामारी के कारण उनकी तैयारी भी बाधित हुईं. हालांकि, उन्होंने दिल्ली में आयोजित चयन ट्रायल में रेलवे की पूजा के खिलाफ 7-0 से जीत के साथ 70 किग्रा स्पर्धा में सीडब्ल्यूजी के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की.

लवलीना ने इतिहास रचा था, जब उन्होंने टोक्यो 2020 में महिलाओं के खेल में 69 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता थीं. वह विजेंद्र सिंह (बीजिंग 2008 में कांस्य) और मैरीकॉम (लंदन 2012 में कांस्य) के बाद ओलंपिक में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज बन गईं.

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राष्ट्रमंडल खेलों में अपनी जीत की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, जब आप कुछ हासिल करते हैं, तो लोग हर घटना में एक ही चीज की उम्मीद करते हैं. कड़ी मेहनत और कठोर प्रशिक्षण के साथ मैं राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने की पूरी कोशिश करूंगी. लेकिन इसमें अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में किसी भी एथलीट के लिए यह कहना मुश्किल होगा कि हां, मैं वह विशेष पदक जीतने जा रही हूं.

साल 2018 और 2019 में विश्व चैंपियनशिप में बैक-टू-बैक पदक जीतने वाली खिलाड़ी ने कहा, उम्मीद है कि मैं अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखूंगी और अंतत: 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतूंगी. हर एथलीट की तरह, लवलीना साल 2024 में पेरिस में पदक का रंग बदलने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. उन्होंने कहा, मेरा अंतिम लक्ष्य पेरिस में स्वर्ण पदक जीतना है.

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