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Commonwealth Games: राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के दिलचस्प तथ्य...

ब्रिटेन के बर्मिंघम में 28 जुलाई से 8 अगस्त तक होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में इस बार भारत की तरफ से 215 एथलीट्स अलग-अलग 19 खेलों में शिरकत करेंगे. टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद फैंस कॉमनवेल्थ गेम्स में बड़ी संख्या में मेडल की उम्मीद लगाए बैठे हैं. भारत का कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में जिस एक खेल में सबसे ज्यादा दबदबा रहा है, वो शूटिंग है.

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Commonwealth Games
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Published : Jul 23, 2022, 2:46 PM IST

नई दिल्ली: बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 इंग्लैंड के बर्मिंघम में 28 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 8 अगस्त तक जारी रहेगा. भारत की तरफ से 215 एथलीट देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. राष्ट्रमंडल खेल 2022 के शुरू होने में एक हफ्ते से भी कम का समय रह गया है और पीटीआई-भाषा इन खेलों में भारत के प्रदर्शन के बारे में 15 दिलचस्प तथ्य पेश कर रहा है.

भारत ने अब तक सबसे ज्यादा पदक भी निशानेबाजी में ही जीते हैं. भारत शूटिंग में अब तक 60 से अधिक गोल्ड मेडल जीत चुका है. लेकिन, इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय निशानेबाजों के हाथ खाली रहेंगे. वो भी तब जब हाल ही में दक्षिण कोरिया में खत्म हुए शूटिंग विश्व कप में सबसे अधिक मेडल जीते हैं. भारत के प्रदर्शन के बारे में 15 दिलचस्प तथ्य...

  • राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के पहले पदक विजेता पहलवान राशिद अनवर थे, जिन्होंने लंदन में साल 1934 चरण में कांस्य पदक जीता था. भारत ने इन खेलों में पहली बार हिस्सा लिया था
  • साल 1934 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के केवल छह खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था
  • भारत के छह सदस्यीय दल ने साल 1934 राष्ट्रमंडल खेलों की केवल एथलेटिक्स और कुश्ती स्पर्धा में हिस्सा लिया था
  • आजादी के बाद भारत को राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीतने के लिए साल 1958 तक इंतजार करना पड़ा था. तब महान एथलीट मिल्खा सिंह ने कार्डिफ में पीला तमगा जीता था
  • अमी घीया और कंवल ठाकर सिंह की जोड़ी राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिलाएं बनी थीं, जिन्होंने कनाडा के एडमंटन में साल 1978 के चरण में कांस्य पदक जीता था
  • चक्का फेंक खिलाड़ी कृष्णा पूनिया ने मिल्खा सिंह की ऐतिहासिक उपलब्धि के 52 साल बाद दिल्ली में 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को एथलेटिक्स में दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया था
  • निशानेबाज रूपा उन्नीकृष्णन ने कुआलालंपुर में साल 1998 चरण के दौरान महिला 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया था
  • अब तक भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में कुल 503 पदक जीते हैं
  • भारत राष्ट्रमंडल खेलों में केवल दो बार खाली हाथ लौटा है, जिसमें साल 1938 (सिडनी) और 1954 (वैंकुवर) खेल शामिल हैं
  • दिल्ली ने एडमंटन को 46-22 के अंतर से हराकर साल 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबानी अधिकार हासिल किए थे
  • बीआर चोपड़ा की महाभारत में काम करने वाले दिवंगत अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती ने जमैका के किंग्स्टन में साल 1966 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए पदक जीता था. उन्होंने पुरुष हैमर थ्रो में रजत पदक जीता था
  • भारत 2002 चरण के बाद से कभी भी पदक तालका में शीर्ष पांच से बाहर नहीं रहा
  • चक्का फेंक एथलीट रंजीत कुमार साल 2006 चरण के दौरान कांस्य पदक जीतने से राष्ट्रमंडल खेलों का पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरा एथलीट बन गए
  • राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक के सबसे सफल भारतीय एथलीट निशानेबाज जसपाल राणा हैं, जिन्होंने 15 पदक जीते हैं
  • भारत का 322 सदस्यीय मजबूत दल बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेगा. देश का सबसे बड़ा दल साल 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में था, जिसमें कुल 495 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था

यह भी पढ़ें: सिडनी मैकलॉघलिन ने 400 बाधा दौड़ में अपने विश्व रिकॉर्ड में सुधार किया

नई दिल्ली: बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 इंग्लैंड के बर्मिंघम में 28 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 8 अगस्त तक जारी रहेगा. भारत की तरफ से 215 एथलीट देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. राष्ट्रमंडल खेल 2022 के शुरू होने में एक हफ्ते से भी कम का समय रह गया है और पीटीआई-भाषा इन खेलों में भारत के प्रदर्शन के बारे में 15 दिलचस्प तथ्य पेश कर रहा है.

भारत ने अब तक सबसे ज्यादा पदक भी निशानेबाजी में ही जीते हैं. भारत शूटिंग में अब तक 60 से अधिक गोल्ड मेडल जीत चुका है. लेकिन, इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय निशानेबाजों के हाथ खाली रहेंगे. वो भी तब जब हाल ही में दक्षिण कोरिया में खत्म हुए शूटिंग विश्व कप में सबसे अधिक मेडल जीते हैं. भारत के प्रदर्शन के बारे में 15 दिलचस्प तथ्य...

  • राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के पहले पदक विजेता पहलवान राशिद अनवर थे, जिन्होंने लंदन में साल 1934 चरण में कांस्य पदक जीता था. भारत ने इन खेलों में पहली बार हिस्सा लिया था
  • साल 1934 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के केवल छह खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था
  • भारत के छह सदस्यीय दल ने साल 1934 राष्ट्रमंडल खेलों की केवल एथलेटिक्स और कुश्ती स्पर्धा में हिस्सा लिया था
  • आजादी के बाद भारत को राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीतने के लिए साल 1958 तक इंतजार करना पड़ा था. तब महान एथलीट मिल्खा सिंह ने कार्डिफ में पीला तमगा जीता था
  • अमी घीया और कंवल ठाकर सिंह की जोड़ी राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिलाएं बनी थीं, जिन्होंने कनाडा के एडमंटन में साल 1978 के चरण में कांस्य पदक जीता था
  • चक्का फेंक खिलाड़ी कृष्णा पूनिया ने मिल्खा सिंह की ऐतिहासिक उपलब्धि के 52 साल बाद दिल्ली में 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को एथलेटिक्स में दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया था
  • निशानेबाज रूपा उन्नीकृष्णन ने कुआलालंपुर में साल 1998 चरण के दौरान महिला 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया था
  • अब तक भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में कुल 503 पदक जीते हैं
  • भारत राष्ट्रमंडल खेलों में केवल दो बार खाली हाथ लौटा है, जिसमें साल 1938 (सिडनी) और 1954 (वैंकुवर) खेल शामिल हैं
  • दिल्ली ने एडमंटन को 46-22 के अंतर से हराकर साल 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबानी अधिकार हासिल किए थे
  • बीआर चोपड़ा की महाभारत में काम करने वाले दिवंगत अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती ने जमैका के किंग्स्टन में साल 1966 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए पदक जीता था. उन्होंने पुरुष हैमर थ्रो में रजत पदक जीता था
  • भारत 2002 चरण के बाद से कभी भी पदक तालका में शीर्ष पांच से बाहर नहीं रहा
  • चक्का फेंक एथलीट रंजीत कुमार साल 2006 चरण के दौरान कांस्य पदक जीतने से राष्ट्रमंडल खेलों का पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरा एथलीट बन गए
  • राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक के सबसे सफल भारतीय एथलीट निशानेबाज जसपाल राणा हैं, जिन्होंने 15 पदक जीते हैं
  • भारत का 322 सदस्यीय मजबूत दल बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेगा. देश का सबसे बड़ा दल साल 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में था, जिसमें कुल 495 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था

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