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अपनी अयोग्यता के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, बाले- कोलोराडो अदालत का फैसला सही नहीं

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By ANI

Published : Jan 4, 2024, 11:14 AM IST

Updated : Jan 4, 2024, 12:45 PM IST

Donald Trump (File Photo)
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (फाइल फोटो)

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से कोलोराडो राज्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने का अनुरोध किया है. कोलोराडो राज्य सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप को 14वें संशोधन के विद्रोहवादी खंड के तहत राज्य के 2024 चुनाव के लिए अयोग्य ठहरा दिया था. पढ़ें पूरी खबर...

वाशिंगटन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से कोलोराडो राज्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने का अनुरोध किया है. इसने उन्हें 14वें संशोधन के विद्रोहवादी खंड के तहत राज्य के 2024 चुनाव से हटा दिया था. फाइलिंग में ट्रंप के वकीलों ने लिखा कि लोगों की सरकार, लोगों द्वारा और लोगों के लिए की हमारी प्रणाली में, कोलोराडो का फैसला सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट को यह तय करने के लिए बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है. कोर्ट को लगता है कि क्या जीओपी के राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए सबसे आगे चल रहे ट्रंप को सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य ठहराया जा सकता है.

ट्रंप की कानूनी टीम ने क्या कहा?
इस बीच, उच्च न्यायालय अन्य मामलों में शामिल है जो ट्रंप के खिलाफ संघीय आपराधिक मामले को प्रभावित कर सकता है. अपील जारी होने तक फैसले को रोक दिया गया है. कोलोराडो के चुनाव अधिकारी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि 5 जनवरी को प्रमाणित होने पर ट्रंप का नाम राज्य के प्राथमिक मतपत्र में शामिल किया जाएगा. ट्रंप की कानूनी टीम ने इस बात पर जोर दिया है कि राष्ट्रपति पद के लिए पात्रता का प्रश्न कांग्रेस द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए, न कि राज्यों द्वारा.

कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट का क्या हैं फैसला?
कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि 6 जनवरी, 2021 को विद्रोह हुआ था और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति विद्रोह में लगे हुए थे. 19 दिसंबर को, कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ट्रम्प संवैधानिक रूप से 2024 में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं. क्योंकि 14वें संशोधन के विद्रोहियों पर कार्यालय रखने पर प्रतिबंध 6 जनवरी, 2021 को उनके आचरण को कवर करता है. 134 पेज की बहुमत राय में, कोलोराडो न्यायाधीशों ने लिखा, कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सत्ता के शांतिपूर्ण ट्रांसफरड को बाधित करने के लिए हिंसा और अराजक कार्रवाई के उपयोग को उकसाया और प्रोत्साहित किया है.

फैसले पर ट्रम्प का जवाब
न्यायाधीशों को अपनी याचिका में, ट्रंप ने कहा कि भाषण में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया था. उन्होंने अपनी फाइलिंग में भाषण की पूरी प्रतिलिपि भी शामिल की थी. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के वकीलों ने अदालत में दायर परिशिष्ट में उनके भाषण का पूरा पाठ भी शामिल किया है. उनके वकीलों ने लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कभी भी अपने समर्थकों को कैपिटल में प्रवेश करने के लिए नहीं कहा था.

इसके विपरीत, उनका एकमात्र स्पष्ट निर्देशों में 'शांतिपूर्वक और देशभक्तिपूर्वक' विरोध करने, 'हमारी कैपिटल पुलिस और कानून प्रवर्तन का समर्थन करने', 'शांतिपूर्ण रहने' और 'शांतिपूर्ण बने रहने' का आह्वान किया गया था. ट्रंप ने राज्य में यह तर्क प्रस्तुत किया है और संघीय अदालतों ने पाया कि उन्होंने हिंसा भड़काई जब उन्होंने अपने समर्थकों से 'कैपिटल तक चलने और ''हमारे देश को वापस लेने'' के लिए नरक की तरह लड़ने के लिए कहा, रिपोर्ट में कहा गया है.

अदालत में अपील हुई दायर
अमेरिकी शीर्ष अदालत का फैसला पूरे देश के लिए मामले को सुलझा सकता है. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, कई अन्य राज्यों की अदालतों ने भी ट्रंप की पात्रता की चुनौतियों की समीक्षा की है. पिछले हफ्ते, मेन के राज्य सचिव ने डोनाल्ड ट्रंप को उस राज्य के 2024 प्राथमिक मतदान से हटा दिया. ट्रम्प की कानूनी टीम ने मंगलवार को 2024 के प्राथमिक मतदान से उन्हें हटाने के फैसले को पलटने के लिए राज्य अदालत में अपील दायर की है.

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Last Updated :Jan 4, 2024, 12:45 PM IST
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