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सावधान ! डेल्टा+ वेरिएंट में हुआ है ट्रिपल म्यूटेशन, जानिए क्या हैं इसके लक्षण

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Published : Jun 23, 2021, 10:34 PM IST

सावधान! डेल्टा+ वेरिएंट में हुआ है ट्रिपल म्यूटेशन
सावधान! डेल्टा+ वेरिएंट में हुआ है ट्रिपल म्यूटेशन

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के अब तक देश भर में 40 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना के डेल्टा+ वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' भी घोषित कर दिया गया है.

नई दिल्ली: दूसरी लहर में कोरोना के कम होते आंकड़ों के बीच एक नए वेरिएंट ने सरकार और विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के अब तक देश भर में 40 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना के डेल्टा+ वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' भी घोषित कर दिया गया है. वहीं एक्सपर्ट इस वेरिएंट को बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर मान रहे हैं, जिसके लिए बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है.


डेल्टा+ वेरिएंट कोरोना का नया म्यूटेशन

दिल्ली के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल के फाउंडर डीन डॉ. राजीव सूद ने बताया कि कोरोना वायरस में लगातार म्यूटेशन हो रहा है, और डेल्टा प्लस वेरिएंट उनमें से एक म्यूटेशन है, जोकि मौजूदा समय में लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, लेकिन इस बार चिंताजनक बात यह है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट ट्रिपल म्यूटेशन है, जिसके कारण यह तेजी से फैल रहा है. डॉक्टर सूद ने बताया कि डेल्टा+ वैरीएंट-2 तरह का है, जिसमें AY.1 और AY.2 का नाम दिया गया, लेकिन इन दोनों में एक और नया म्यूटेशन हुआ है जिसे Ak417N नाम दिया गया है.

सावधान! डेल्टा+ वेरिएंट में हुआ है ट्रिपल म्यूटेशन

कोरोना और डेल्टा+ लक्षण लगभग समान

डॉक्टर सूद ने बताया कि कोरोना और डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण अलग नहीं हैं, लेकिन कुछ ऐसे लक्षण हैं जो इस वेरिएंट में नजर आ रहे हैं. तेज बुखार, शरीर पर हल्के रेशिज, गला खराब होना, पेट दर्द, स्मेल और टेस्ट न आना, सिर दर्द इस प्रकार के लक्षण आमतौर पर देखने को मिल रहे हैं, लेकिन जिस प्रकार से इस वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में हो सकता है कि इसके लक्षण बदल भी सकते हैं.

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डॉक्टर सूद ने बताया कि इस वेरिएंट को लेकर चिंता इसीलिए है क्योंकि अभी तक ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है. जब तक ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन नहीं होगा तब तक कोरोना की तीसरी लहर और इस प्रकार के वेरिएंट को लेकर चिंता बनी रहेगी. डॉक्टर ने कहा कि दिसंबर तक 216 मिलियन लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा गया है. यदि यह लक्ष्य पूरा कर लिया जाता है, तो इस प्रकार के वेरिएंट और तीसरी लहर से बचा जा सकता है.


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डॉक्टर सूद ने बताया कि कोरोना का वायरस जो लगातार म्यूटेंट हो रहा है. इसके कारण जो सबसे ज्यादा परेशानी आ रही है, वो S5 प्रोटीन पर आ रही है और एस्ट्राजेनेका कि सिरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई कोविशिल्ड इसी के लिए बनाई गई है. जो डेल्टा प्लस वेरिएंट में कारगर है. हालांकि कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन दोनों वायरस के असर को कम करने के लिए कारगर हैं और दोनों में से कोई भी वैक्सीन लेना जरूरी है. डॉक्टर सूद ने कहा कि हर एक वैक्सीन कोरोना पर 70 से 80 फीसदी तक कारगर है, कोई भी वैक्सीन 100 फीसदी तक कारगर नहीं है.


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डॉक्टर सूद ने बताया कि डेल्टा प्लस वेरिएंट में ट्रिपल म्यूटेशन हुआ है. इसीलिए यह ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इससे संक्रमित लोग सुपर स्प्रेडर बन सकते हैं और अन्य लोगों को तेजी से संक्रमित कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने बताया गर्भवती महिलाओं और बच्चों को खासा ध्यान रखने की जरूरत है. भले ही इन लोगों में खतरनाक लक्षण देखने को न मिले, लेकिन यह सुपर ट्रेडर बन सकते हैं.

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