नई दिल्ली : उत्तरी जिला पुलिस ने तीन साल के बच्चे के अपहरण मामले में 4 महिला सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से बच्चे को सकुशल रिकवर कर लिया है. जिसे जहांगीरपुरी इलाके में आरोपियों द्वारा बेच जा रहा था. बरामद बच्चा अपने घर का इकलौता बेटा है.
डीसीपी एंटो अलफोंस के अनुसार, 21 मई को एक शख्स ने 3 साल के बच्चे की मिसिंग होने की सूचना पुलिस में दर्ज कराई थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए तिमारपुर थाना पुलिस ने छानबीन शुरू की. शुरू में पुलिस को कोई क्लू नहीं मिला, जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई और टेक्निकल सर्विलांस का सहारा लिया. लंबी जांच के बाद पीड़ित की पड़ोसी महिला पर पुलिस का शक बढ़ने लगा. उसी शक के आधार पर पुलिस की जांच चलती रही और छानबीन भी जारी रही.
जांच के अंतर्गत 13 जुलाई को तिमारपुर पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला और उसकी बेटी, एक बच्चे को जहांगीरपुरी में बेचने की कोशिश कर रही है. इस मामले की सूचना मिलते ही एसीपी स्वागत पाटिल की टीम और महिंद्रा पार्क की ज्वाइंट पुलिस टीम ने वहां पर रेड किया, जहां एक अधेड़ उम्र की महिला और उसकी बेटी को पकड़ा गया. उनके पास से पुलिस ने बच्चे को बरामद कर लिया. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह लोग बच्चे को 5 लाख में बेचने की कोशिश कर रही थी.
पुलिस के अनुसार, जब आरोपियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि उनको यह बच्चा सीमा नाम की एक महिला ने बेचने के लिए दिया था, जो जहांगीरपुरी की रहने वाली है, जिसके बाद पुलिस ने छापा मारकर सीमा को भी गिरफ्तार कर लिया. सीमा से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि मुकुंदपुर के रहने वाले सर्वेश ने महिला को यह बच्चा दिया था. पुलिस ने फिर सर्वेश को पकड़ा और उसकी निशानदेही पर सुनीता नाम की महिला को गिरफ्तार किया.
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि सर्वेश ने सुनीता को बच्चे के बदले 70 हजार रुपये देने का वादा किया था. जब इन पांचों को गिरफ्तार कर पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि बच्चा बेचने के इस मामले की मास्टर माइंड सुनीता ही है. उसी ने अपने पड़ोसी के बच्चे का किडनैप किया था और बच्चे को सर्वेश को बेचने के लिए दिया था. आगे वह बच्चा राजरानी और अनुज रानी तक पहुंच गया जो कि जहांगीरपुरी में बच्चे को बेच रही थी. बता दें कि शॉर्टकट से पैसा कमाने के लिए आरोपी सुनीता ने यह प्लान किया था, जिसमें एक-एक कर बच्चा तिमारपुर से महेंद्रा पार्क तक पहुंच गये.