नई दिल्ली : दिल्ली में गणेशोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने के काम में भी तेजी आ गई है. खास तौर पर पिछले दो दशक से बंगाल से दिल्ली आकर मूर्तियों को तैयार करने वाले कलाकार इस बार अपने कामों में तेजी दिखा रहे हैं. लेकिन बढ़ती महंगाई का असर उनके कामों को प्रभावित कर रहा है.
मूर्ति निर्माता का कहना है कि महंगाई की वजह से इस बार गणेश की मूर्तियों की ऊंचाई कम हो गई है. इसके पीछे की वजह सिर्फ प्रतिमा को तैयार करने में इस्तेमाल सामान के दामों में हुई बढ़ोतरी है. जनकपुरी स्थित कालीबारी मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति के साथ-साथ शिव परिवार के अन्य सदस्यों की मूर्तियां बनाने का काम तेजी से चल रहा है. इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली मिट्टी, लकड़ी, कपड़े, रंग, कील और पराली के दामों में बढ़ोतरी के कारण निर्माता उतनी ही मूर्तियां बना रहे हैं, जिसके आर्डर आए हैं.
मूर्ति निर्माता का यह भी कहना है कि पहले जहां 10 फीट से ज्यादा ऊंची मूर्तियां बनाई जाती थी. इस बार बढ़ती महंगाई के कारण मूर्तियों की ऊंचाई कम रखी गई है. हालांकि, वे इस बात को मानते हैं कि कोरोना के दौरान काम बुरी तरह से प्रभावित हो गया था. उन्होंने बताया कि मूर्ति बनाने के लिए खास तौर पर हरियाणा और कोलकाता से मिट्टी मंगाई जाती है. बाकी सामान तो दिल्ली और आसपास के इलाकों से मिल जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार यह त्योहार 31 अगस्त को मनाया जाएगा. पंचांग के मुताबिक चतुर्थी तिथि 30 अगस्त को शाम 3 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी और 31 अगस्त को शाम 3 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी.