नई दिल्ली : नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर की सड़कें करीब 3 महीने से बदहाल हैं. सड़कों पर लोगों व कारोबारियों का आना-जाना भी मुश्किल होता था. सड़क में बड़े-बड़े गड्ढों के चलते आए-दिन हादसे होते थे. सड़क पर लंबा जाम भी लगता था. संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर को लिबासपुर और समयपुर बादली से जोड़ने वाली सड़क के साथ एक सड़क नेशनल हाइवे दिल्ली-चंडीगढ़ से भी जोड़ती है. जो करीब दो दशकों से काफी बदहाल थी. अब लबे समय के इंतज़ार के बाद निर्माण कार्य शुरू होने पर लोगों को उम्मीद जगी है कि एक बार फिर इलाके में रौनक आएगी.
संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर की ट्रेड यूनियन वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी संदीप जैन ने बताया कि साल 1976 में यहां पर प्लॉटों की रजिस्ट्री हुई थी और 1988 के आसपास लोगों ने कब्जा लिया था. कारोबारियों ने धीरे-धीरे व्यापार को आगे बढ़ाना शुरू किया. तब जाकर 12 साल बाद साल 2000 में सड़क बनी थी. उससे पहले ट्रांसपोर्ट नगर में बहुत बदहाली थी. बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो जाता था.
साल 2000 में सड़क बनने के बाद एक बार स्थिति सुधरी, लेकिन धीरे-धीरे दो दशक का समय बीत गया. दिल्ली नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की ओर से यहां के कारोबारियों की सुध नहीं ली गई. जबकि सिविल लाइन जोन को हाउस टैक्स और ग्राउंड प्रॉपर्टी टैक्स का सबसे ज्यादा पैसा संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर से जाता है.
सिविल लाइन जोन को जाने वाले टैक्स का 20% पैसा कारोबारी ही संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर से देते हैं. इसके बावजूद भी कारोबारियों के काम पर रफ्तार लगी हुई है. अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक सभी के पास कारोबारियों ने सड़क बनाने को लेकर गुहार लगाई, लेकिन दो दशक के लंबे इंतजार के बाद दिल्ली नगर निगम और अर्बन क्लैप की ओर से फंड रिलीज किया गया.
57 करोड़ रुपए अर्बन क्लैप व 13 करोड़ रुपए दिल्ली नगर निगम ने अपने पास से मिलाकर सड़क निर्माण का काम शुरू कराया है. ट्रांसपोर्टरों के पास काम करने वाले लोगों ने बताया कि यहां पर पहले हालात बहुत बुरे थे. सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे थे, आए दिन हादसे होते थे. मजदूरों को सड़क पर चलने में डर लगता था. बारिश के दिनों में तालाब बन जाता था. अब इलाके में सड़क बनाने का काम शुरू हुआ है.
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संदीप जैन ने बताया कि इलाके की बदहाली के चलते कारोबारी यहां से पलायन कर रहे हैं. करीब 200 ट्रांसपोर्टर दिल्ली के दूसरे इलाकों में अपना कारोबार ले गए, क्योंकि बदहाली के चलते काम नहीं हो पाता था. जैसे-तैसे दिल्ली नगर निगम के पूर्व मेयर अवतार सिंह और एमसीडी की कमिश्नर रहीं वर्षा जोशी से लोगों ने मुलाकात की और समस्याओं से रूबरू कराया. अब कारोबारियों को उम्मीद है कि एक बार फिर उनके काम पर लगी हुई ब्रेक हटेगी और दोबारा कारोबार रफ्तार पकड़ेगा.