नई दिल्ली: जनकपुरी स्थित महाराजा सूरजमल इंस्टीट्यूट में 'वर्क फ्रॉम होम यानी हाइब्रिड वर्क मॉडल' एक सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में शिक्षा, साहित्य तथा विज्ञान क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इस विषय पर अपनी राय रखी. कुछ विशेषज्ञों ने इसको वक्त की जरूरत बताया तो वहीं कुछ ने कहा कि अभी सही वक्त नहीं है क्योंकि कोरोना की वजह से हर क्षेत्र की आर्थिक हालत चरमरा गई है.
कोरोना काल के बाद जहां एक तरफ लाखों लोग बेरोजगार हुए वहीं दूसरी तरफ काम करने के तरीके में भी बहुत बदलाव आया है. प्राइवेट सेक्टर में वर्क फ्रॉम होम यानी हाइब्रिड वर्क मॉडल का नया कल्चर शुरू हो गया है. अब इसकी चर्चा जोरों पर है.
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सेमिनार में दिल्ली के साथ साथ हरियाणा की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के डीन, चेयरमेन, और डायरेक्टर्स ने हिस्सा लिया. वहीं गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर प्राइम मिनिस्टर ऑफिस में कार्यरत एडिशनल सेक्रेटरी लव श्रीवास्तव को बुलाया गया था। हाइब्रिड वर्क कल्चर के बारे अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी सही वक्त नहीं है और फिलहाल शिक्षा के क्षेत्र में इसे लागू करना सम्भव नही है. हालांकि उन्होंने माना कि आने वाले समय मे इसे बेहतर तरीके से अपनाया जा सकता है.
वहीं इस वर्क मॉडल पर चर्चा करते हुए सूरजमल इंस्टीटूट के चेयरमैन कप्तान सिंह ने कहा कि हाइब्रिड वर्क मॉडल वक्त की जरूरत है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी यह संभव नहीं है क्योंकि वहां पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है.
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