नई दिल्ली: गोगी हत्याकांड मामले में जेल से तीन दिन की रिमांड पर लाये गए सुनील मान उर्फ टिल्लू को नई दिल्ली के एक सीक्रेट जगह पर रखा गया है. यहां पर उससे गोगी हत्याकांड की पूरी साजिश को लेकर पूछताछ चल रही है. पुलिस का मानना है कि इस हत्याकांड में टिल्लू की मदद कुछ अन्य गैंगस्टरों ने भी की है. इसे लेकर उससे जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार बीते 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट संख्या 207 में पेशी के दौरान जितेंद्र गोगी की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि उसे 18 गोलियां मारी गई थी. वहीं इस घटना में दोनों हमलावर राहुल त्यागी और जगदीप भी मारे गए थे. राहुल को जहां 19 गोलियां लगी थी तो वहीं जगदीप को 3 गोलियां लगी थी. हत्या के इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा उमंग और विनय मोटा को गिरफ्तार किया गया है, जो हमलावरों को रोहिणी कोर्ट तक छोड़ कर गए थे. उमंग ने ही हमलावरों को हैदरपुर स्थित अपने घर में रखा था. उन्होंने पूछताछ में यह खुलासा किया था कि जेल में बंद सुनील मान उर्फ टिल्लू के इशारे पर उन्होंने इस हत्याकांड को अंजाम दिलवाया है.
मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने अदालत के समक्ष इस पूरे हत्याकांड के साजिशकर्ता सुनील मान उर्फ टिल्लू को रिमांड पर लेने की एप्लीकेशन लगाई थी. अदालत द्वारा बीते गुरुवार को उसे 3 दिन की रिमांड पर क्राइम ब्रांच को सौंपा गया था. गुरुवार दोपहर के समय क्राइम ब्रांच की टीम मंडोली जेल गई थी जहां से उसे पूछताछ के लिए अपने साथ हिरासत में ले आई. उसे रोहिणी स्थित क्राइम ब्रांच के दफ्तर नहीं ले जाया गया है. सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा कारणों से टिल्लू को नई दिल्ली में एक सीक्रेट जगह पर रखा गया है. वहां पर ही क्राइम ब्रांच के अधिकारी उससे गोगी हत्याकांड को लेकर पूछताछ कर रहे हैं.
उससे यह जानने की कोशिश की जा रही है कि किस तरीके से उसने पूरी वारदात को अंजाम दिलवाया. इस साजिश में उसके साथ कौन-कौन लोग शामिल थे. इसके बारे में भी उससे पूछा जा रहा है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि हत्याकांड को अंजाम देने के लिए कुल पांच लोग भेजे गए थे, जिनमें से दो हमलावर मौके पर मारे गए. दो आरोपियों को स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि एक आरोपी अभी फरार चल रहा है. उस शख्स ने अपना नाम उमंग को मोनू नेपाली बताया था, जो उसका फर्जी नाम था. मोनू नेपाली पहले ही गैंगवार में मारा जा चुका है. उस शख्स के बारे में टिल्लू से पूछताछ चल रही है.
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प्राथमिक पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि जेल से इंटरनेट कॉलिंग के जरिए टिल्लू बीते एक साल से उमंग के संपर्क में था. एक साल से ज्यादा समय से उमंग उसके निर्देश पर ही काम कर रहा था. टिल्लू ने उसको बताया था कि उसके पास कुछ लोग रहने के लिए आएंगे. उनके ठहरने का बंदोबस्त उसे करना है. इस हत्या के लिए हथियार भी जेल में बैठे टिल्लू ने ही उपलब्ध कराया था. पुलिस अब उस पांचवे शख्स की तलाश कर रही है जो हत्याकांड के लिए पूरी साजिश के दौरान मौजूद था लेकिन हत्याकांड के बाद से फरार चल रहा है.