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RML अस्पताल में बारिश में भीग रहे कोरोना सैंपल, वीडियो वायरल

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Published : Jun 27, 2020, 7:24 AM IST

आरएमएल अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है. मरीज 21 दिनों से आरएमएल अस्पताल में भर्ती है और निमोनिया और सांस लेने की दिक्कत से परेशान है. मरीज का आरोप है कि तीन-तीन दिनों तक सैंपल को लैब नहीं भेजा जाता है. इस दौरान गैर पेशेवर तरीके से सैंपल हैंडल किए जाते हैं. मरीज का दूसरा आरोप है कि सैंपल को बारिश में ही भीगने के लिए छोड़ दिया जाता है.

RML hospital
RML hospital

नई दिल्ली: दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) पर कोरोना टेस्टिंग सैंपल सही तरह से हैंडल नहीं करने के गभीर आरोप लगे हैं. एक मरीज ने इसका एक वीडियो भी बनाया है. वीडियो में सैंपल बारिश में खुले में पड़े हुए हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठना लाजिमी है.

RML अस्पताल में बारिश में भीग रहे कोरोना सैंपल

आरएमएल में भर्ती मरीज ने किया खुलासा

आरएमएल अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है. मरीज 21 दिनों से आरएमएल अस्पताल में भर्ती है और निमोनिया और सांस लेने की दिक्कत से परेशान है. मरीज का पहला आरोप है कि सैंपल लेने के बाद उसे समय पर जांच के लिये लैब नहीं भेजा जाता है.

तीन-तीन दिनों तक सैंपल को लैब नहीं भेजा जाता है. इस दौरान गैर पेशेवर तरीके से सैंपल हैंडल किए जाते हैं. मरीज का दूसरा आरोप है कि सैंपल को बारिश में ही भीगने के लिए छोड़ दिया जाता है.

गलत तरीके से सैंपल कलेक्ट करने की वजह से रिपोर्ट भरोसेमंद नहीं होती है. मरीज का आरोप है कि गलत तरीके से सैंपल हैंडल करने की वजह से आधे से ज्यादा सैंपल की रिपोर्ट ही नहीं. यानी सैंपल में ही खराब हो जाता है.

सीनियर डॉक्टर नहीं आते चेकअप को

पेशेंट ने बताया कि कोई भी सीनियर डॉक्टर देखने नहीं आते हैं. जूनियर डॉक्टर्स और स्टूडेंट्स को भेजा जाता है, वो भी दिन में सिर्फ एक बार. इस दौरान कुछ भी हो जाए डॉक्टर्स झांकने भी नहीं आते.

मरीज का कहना है कि दो-तीन दिनों तक सैंपल यहीं पड़े रहते हैं. जांच के लिए सही समय पर लैब नहीं भेजे जाते हैं. यहां कई लोग ऐसे हैं जो एक महीने से ज्यादा समय से पड़े हुए हैं. उनकी 7-7 बार जांच हो चुकी है, लेकिन हर बार रिपोर्ट का रिजल्ट ही नहीं आता. जाहिर सी बात है समय पर सैंपल लैब नहीं भेजा जाएगा तो रिपोर्ट कैसे आएगी.

मौखिक रूप से बताते हैं रिपोर्ट

एक मरीज ने बताया कि वह 5 अप्रैल को सांस लेने की समस्या के साथ इस अस्पताल में भर्ती हुए थे. 18, 23 और 24 जून को उनके सैंपल लिए गए, लेकिन तीनों बार सैंपल का रिजल्ड ही नहीं आया.

ऐसा सही समय पर सैंपल को जांच के लिए लैब नहीं भेजने और गलत तरीके से सैंपल हैंडलिंग पर होता है. अब इनसे कहा गया है कि उनकी जांच के लिए सैंपल 10 दिनों के बाद लिया जाएगा. उनका आरोप है कि यह उन्हें परेशान करने का एक तरीका है. साथ ही उन्होंने कहा कि ठीक रिपोर्ट आने वाले को भी डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है.

मामला सामने लाने वाला पेशेंट शिफ्ट किया झज्जर

पेशेंट ने बताया कि बाहर कहा जाता है कि इनके पास बेड नहीं हैं, लेकिन अंदर पेशेंट के ठीक होने के बावजूद उन्हें डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है. साथ ही ये चीज रिकॉर्ड में ना आ जाए इसलिये वो ऑनलाइन रिपोर्ट नहीं भेजेते हैं.

सिर्फ मौखिक रूप से रिपोर्ट बता देते हैं ताकि कोई सबूत ना रह जाए. पेशेंट ने अस्पताल प्रशासन पर उन्हें परेशान करने का आरोप भी लगाया है. उन्होंने कहा कि वो जो यहां देख रहे हैं वही बोल रहे हैं. सच सामने लाने के बाद मरीज को झज्जर भेजा जा रहा है.

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