नई दिल्ली : लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद सत्र हो या विधानसभा सत्र, जब चल रहा होता है, तो लोगों के मन में कुछ प्रश्न होते हैं. उनके सामने राष्ट्रीय-स्थानीय परिस्थितियां होतीं हैं. इसमें वे देखते हैं कि कौन सा दल उनके मन के प्रश्नों को उठा रहा है और उसके हल का रास्ता भी दिखा रहा है. आम जनता आस लगाए रहती है कि उनके नेता सदन में उनकी समस्याओं को उठाएंगे, सरकार जवाब देगी. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र होने के लिहाज से दिल्ली की जनता का जितना वास्ता विधानसभा सत्र से होता है उतना ही संसद सत्र से. लेकिन फिलहाल इस सत्र के दौरान जिस भूमिका में प्रदेश की बीजेपी, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के नेता हैं, इसमें आम लोगों से जुड़े मुद्दे उनके एजेंडे से गायब हो चुका है.
दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी इन दिनों उपराज्यपाल द्वारा लिए गए अलग-अलग निर्णय को लेकर खासे नाराज हैं. सरकार के फैसलों की सीबीआई जांच से लेकर अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर दौरे की फइल रोकने से सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है. उधर, आम आदमी पार्टी गुजरात में भी अपने राजनीतिक भविष्य आजमाने के लिए निकल पड़ी हैं. पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात दौरे पर जा रहे हैं और इस समय गुजरात में जिस तरह जहरीली शराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत हुई है, आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की कोशिश में है. इस कड़ी में दिल्ली की सड़क से लेकर संसद तक पार्टी के नेता विरोध प्रदर्शन करने में व्यस्त हैं. दिल्ली की जनता जो इस समय दूषित पानी, जगह-जगह जलभराव, टूटी हुई सड़क जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है उसका सुध लेने वाला कोई नहीं है.
गुजरात में शराब कांड को लेकर AAP का विरोध
हालांकि, आम आदमी पार्टी के विधायक व प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज कहते हैं कि ऐसा नहीं है. पार्टी के सभी पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी मिली हुई हैं. सरकार अपना काम कर रही हैं और पार्टी के कार्यकर्ता अपना काम. सौरभ भारद्वाज कहते हैं कि बुधवार को ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के युवाओं को रोजगार के देने के लिए एक अहम बैठक बुलाई थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने व्यस्त शेड्यूल में से समय निकालकर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया. इसी तरह जनता से जुड़ी योजनाओं पर सरकार काम कर रही है. गुजरात दौरे पर गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वहां जहरीली शराब पीने से मौत के दर्द को नजदीक से देखा है. इसीलिए इस मुद्दे पर भी बीजेपी और उनकी सरकार को और छोड़ा नहीं जा सकता. गुजरात में बीजेपी के संरक्षण में बेची जा रही जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने बुधवार को बीजेपी कार्यालय का घेराव किया था.
सौरभ भारद्वाज कहते हैं गुजरात में शराब बंद करके बीजेपी शराब माफियाओं द्वारा वहां शराब बेच रही है. अब बीजेपी दिल्ली में भी गुजरात जैसे माहौल पैदा करना चाहती है. दिल्ली में भी जहरीली शराब बेचना चाहती है. 2002 में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. 2014 और 2016 के बीच में लगभग 200 लोग मरे. अब 55 से अधिक लोग मर चुके हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री कहां हैं ? प्रधानमंत्री कहां हैं ? सीबीआई एक्शन क्यों नहीं ले रही है ? आम आदमी पार्टी दिल्ली में गुजरात जैसा माहौल नहीं बनने देगी, इसलिए दिल्ली में भी इसका विरोध करना जरूरी है. यह आम जनता से जुड़ा मुद्दा है.
ये भी पढ़ें : सत्येंद्र जैन की मेडिकल रिपोर्ट को लेकर LNJP अस्पताल की रिपोर्ट पर विचार न करें ट्रायल कोर्ट: हाईकोर्ट
दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्यानेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ के चलते कांग्रेस पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ताओं द्वारा हंगामा किये जाने की आशंका को देखते हुए बीते एक सप्ताह से ट्रैफिक पुलिस ने नई दिल्ली इलाके में आने-जाने के कई रास्तों में परिवर्तन कर दिया है. पुलिस ने सुरक्षा को लेकर सोनिया गांधी के निवास से लेकर प्रवर्तन निदेशालय तक बंदोबस्त किए हैं. इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने कुछ रास्तों को बंद कर लोगों को दूसरे रास्ते इस्तेमाल करने की सलाह दी है. नई दिल्ली में गोल डाकखाना जंक्शन से लेकर पटेल चौक, विंडसर प्लेस, तीन मूर्ति चौक और पृथ्वीराज रोड तक बसों की आवाजाही सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक बंद रहेगी. इसकी जगह पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक मोतीलाल नेहरू मार्ग, अकबर रोड, जनपथ और मानसिंह रोड पर ना जाएं. यहां पर ट्रैफिक पुलिस के विशेष इंतजाम रहेंगे. इसके चलते लोगों को जाम का सामना करना पड़ सकता है. नई दिल्ली इलाके में इस परेशानी से बचने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं.ये भी पढ़ें : चार अगस्त को बच्चे बनाएंगे दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा : अरविंद केजरीवाल
राजधानी में बढ़ी आपराधिक वारदात
अपने-अपने मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों की व्यस्तता में पुलिस का भी ध्यान धरने-प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने में रहा. सावन महीने में कावंड़ियों की सुरक्षा भी चुनौती थी, नतीजा रहा कि पुलिस का उधर फोकस होने से बीते कुछ दिनों में दिल्ली में अपराध की घटनाएं बढ़ी. लेकिन इस तरह की घटनाएं होने पर पहले राजनीतिक दल और नेता अपनी प्रतिक्रिया देते थे, सहानुभुति के लिए जनता से मिलते थे अभी वे भी दूर हैं.
17 जुलाई- डिफेंस कॉलोनी फ्लाईओवर पर दो कलेक्शन एजेंट से बदमाशों ने 40 लाख रुपये लूटे.
21 जुलाई- करावल नगर इलाके में एक शख्स ने चाकू मारकर अपनी बेटी की हत्या कर दी, वहीं एक अन्य बेटी और पत्नी को भी घायल कर दिया.
22 जुलाई- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महिला से सामूहिक दुष्कर्म का मामला.
22 जुलाई- सीलमपुर इलाके में फ्रिज के भीतर मिली युवक की लाश.
23 जुलाई- जीरो पुस्ता रोड पर 5 लाख रुपये व सोना चांदी की लूट.
26 जुलाई- करोल बाग इलाके में रोटी नहीं देने पर युवक की चाकू मारकर हत्या.
27 जुलाई - प्रेमवाड़ी पुल के पास सैकड़ों की भीड़ ने किया उग्र प्रदर्शन. सड़क जाम कर लगाए जमकर नारे और पुलिस टीम पर भी हुआ पथराव. इलाके में शराब बेचने वाले सांसी का विरोध करते हुए लोग करने लगे उग्र प्रदर्शन.
- ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप
- आशुतोष झा, संवावददाता, दिल्ली