नई दिल्ली: रीसायकिल प्लास्टिक से बनी हुई वस्तुओं के प्रदर्शन का उद्घाटन दक्षिण दिल्ली निगम (एसडीएमसी) के कार्यालय में फीता काट कर किया गया. नागरिकों में प्लास्टिक रीसायक्लिंग के बारे में जानकारी मिले. इसके लिए इस तरीके की यह पहली प्रदर्शनी है. इस प्रदर्शनी का आयोजन गणतंत्र दिवस के अवसर पर किया गया. इसमें एसडीएमसी के डिप्टी कमिशनर जी. सुधाकर राव, सहायक कमिश्नर मनीष मीना, सैनिटरी इंस्पेक्टर पुरन प्रकाश, कंसलटेंट हरी मोहन शर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
एमसीडी की चेयरपर्सन डॉ नंदिनी शर्मा
एमसीडी की चेयर पर्सन डॉ नंदिनी शर्मा ने बताया कि रीसायकल किये हुए प्लास्टिक की वस्तुओं को रखा गया है, जिसमें बेंच, ट्री गार्ड के छोटे मॉडल्स, कोस्टर्स, बॉटल्स से बने हुए शर्ट्स आदि वस्तुएं रखी गई हैं. प्लास्टिक को रीसायकल करने के बाद तरह तरह की वस्तुएं बनाई जा सकती हैं. ये हमें पता भी नहीं होता कि हम एसडीएमसी में जमा होने वाला प्लास्टिक सीधे रीसायकलिंग के लिए भेजना चाहते हैं. हमारे इलाके में लगभग 20 प्रतिशत गीला-सूखा कूड़ा अलग हो रहा है. अब बिसलेरी के कार्यक्रम के माध्यम से हम इस्तेमाल किये गए प्लास्टिक को सीधे रीसायक्लिंग के लिए भेजें.
'बॉटल्स फॉर चेंज' कार्यक्रम चलाया गया
स्वच्छ सर्वेक्षण के मद्देनजर एसडीएमसी और बिसलेरी इंटरनेशनल की तरफ से 'बॉटल्स फॉर चेंज' कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत लोगों में प्लास्टिक का इस्तेमाल और निपटान के बारे में जनजागृति का काम किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत जमा किये जा रहे प्लास्टिक को सीधे रिसाइक्लिंग को भेजा जा रहा है. इससे लैंडफिल्स में जमा होने वाले प्लास्टिक की मात्रा कम हो जाए. बॉटल्स फॉर चेंज" कार्यक्रम प्लास्टिक के सही इस्तेमाल और निपटान के बारे में पहल करता है, जिसमें लोगों के द्वारा अलग से जमा किया हुआ हर किस्म का प्लास्टिक सीधे रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है ताकि कोई भी प्लास्टिक डंप यार्ड में न जाए.