नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान फ्री ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने वाले लोगों के खिलाफ दिल्ली सरकार ने कार्रवाई न करने का फैसला लिया है. ये जानकारी दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में दी है. दिल्ली सरकार ने कहा कि सरकार ऐसे लोगों और संगठनों के खिलाफ शुरू किए गए अभियोजन को वापस लेना चाहती है, जो बिना किसी गलत इरादे के कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे थे.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की ओर से दायर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया. इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार का रुख सही है कि किन लोगों पर अभियोजन चलाना है और किन लोगों पर नहीं. उसके बाद कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया.
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बता दें कि पिछले 29 जुलाई को कोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन वितरण के लिए आप विधायकों पर केस दर्ज करने को लेकर ड्रग कंट्रोलर की खिंचाई की थी. कोर्ट ने कहा था कि ऐसे वक्त में जब केंद्र और राज्य सरकार ऑक्सीजन मुहैया कराने में नाकामयाब रही, आम लोगों की मदद करने वाले ऐसे लोगों पर आप मुकदमा नहीं चला सकते.
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हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर की खिंचाई करते हुए कहा था कि इस लिहाज से तो आपको तमाम गुरुद्वारों, मंदिर और संस्थानों ने जिन्होंने ऑक्सीजन वितरण किया, उन सब पर मुकदमा करना चाहिए. क्या आप ऐसा करेंगे? कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया था.
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हालांकि सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ किया था कि गौतम गंभीर फाउंडेशन का मामला अलग है. कोर्ट ने कहा था कि ऑक्सीजन के वितरण और कोरोना की दवाओं की जमाखोरी अलग-अलग बातें है. गंभीर का इरादा अच्छा रहा होगा, पर जो उन्होंने किया, इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती.