नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के अंदर कोरोना की अगली लहर के दौरान ऑक्सीजन को लेकर जबरदस्त हाहाकार मचा था. साथ ही ऑक्सीजन के मामले पर राजनीति भी हुई थी. केंद्र सरकार के द्वारा दिल्ली में अस्पतालों के अंदर ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए प्लांट स्थापित करने के निर्देश दिए गए थे.
इसके लिए अस्पतालों को विशेष तौर पर फंड भी आवंटित केंद्र सरकार के द्वारा मिला था. इस बीच उत्तर दिल्ली नगर निगम ने अपने पांच अस्पतालों को भी अप्रैल में औद्योगिक समाज दायित्व यानी कि सीएसआर फंड से आवंटित की गई राशि की सहायता से संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर दिल्ली की जनता को ऑक्सीजन को लेकर किसी प्रकार की असुविधा ना हो. इसको देखते हुए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की शुरुआत की थी. लेकिन वर्तमान में अभी तक निगम के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की शुरुआत नहीं हुई है. जो कि बेहद हैरान कर देने वाला है.
बता दें कि निगम के कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं. लेकिन अभी तक इन सभी ऑक्सीजन प्लांट का भली-भांति तरीके से काम करना शुरू नहीं हुआ है. निगम के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अभी लगभग 2 हफ्ते का समय और लगेगा इन प्लांट्स को शुरू होने में. वहीं दूसरी तरफ अगर विशेषज्ञों की मानें तो अगस्त के अंत तक तीसरी लहर आने की संभावना है. ऐसे में अगर ऑक्सीजन प्लांट निगम के अस्पतालों में अभी शुरू नहीं हुए तो इससे आने वाले समय में दिल्ली वासियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
इस मामले पर नॉर्थ एमसीडी के मेयर ने बातचीत के दौरान बताया कि निगम के अधिकारियों को इस बावत पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं और तैयारियां चल रही हैं. आने वाले कुछ दिनों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएगा. लेकिन सवाल तो यह उठता है कि जब ऑक्सीजन प्लांट बहुत पहले ही लगा दिए गए थे तो अब तक वह आखिर शुरू क्यों नहीं हो पाए.
मेयर ने इस बात की भी जानकारी दी कि निगम लगातार अपने क्षेत्र के नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपने अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड के साथ-साथ आईसीयू बेड की क्षमता को बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही है और निगम के अस्पतालों में इन बेड की क्षमता को पहले के मुकाबले काफी बढ़ाया जा चुका है. हिंदूराव अस्पताल में 500 बेड, 40 आईसीयू बेड के साथ 100 से ज्यादा वेंटिलेटर बेड केवल हिंदू राव अस्पताल में अब उपलब्ध हो चुके हैं.
हिंदू राव अस्पताल के कर्मचारियों को पहले ही 12 जुलाई से 17 जुलाई के बीच वेंटिलेटर सपोर्ट देने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. साथ ही रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती का कार्य भी चल रहा है. अस्पताल में पहले ही 10 हजार लीटर की क्षमता का ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट है, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर ऑक्सीजन जेनरेट प्लांट को लगा देने के बावजूद अभी तक शुरु ना किया जाना एक बड़ी लापरवाही में से एक है.
जबकि निगम के दूसरे बड़े अस्पताल बालक राम अस्पताल को कोविड अस्पताल नहीं बनाया गया था. वहां सिर्फ कोविड केअर सेंटर के तौर पर सुविधाएं शुरू की गई थी. फिलहाल तीसरी लहर को देखते हुए इस अस्पताल में भी 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था निगम के द्वारा कर दी गई है. जो अधिकारियों के द्वारा जानकारी मिल रही है. साथ ही किंग्सवे कैंप में स्थित राजन बाबू टीबी अस्पताल में कोरोना की लहर को देखते हुए अभी तक निगम के द्वारा कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं. जो कि बेहद हैरान कर देने वाला है. अगर राजधानी दिल्ली में तीसरी लहर आती है तो निगम की अस्पताल के अंदर जिस तरह की लापरवाही इंतजामों को लेकर देखने को मिल रही है वह बेहद शर्मनाक है.
बता दें कि हाल ही में मेयर राजा इकबाल सिंह दिल्ली के उपराज्यपाल से निगम की आर्थिक तंगी के मामले को लेकर मिले थे. जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि निगम को अपने अस्पतालों को भली भांति तरीके से चलाने के लिए अपने हक का बकाया फंड मिलना चाहिए. जिसके लिए मेयर ने एलजी से अनुरोध भी किया था कि वह दिल्ली सरकार को तुरंत प्रभाव से निर्देश करें. साथ ही मेयर ने बातचीत के दौरान यह भी जानकारी दी कि निगम ने अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए संपत्ति कर की तारीखों को पांचवी बार 15 दिन के लिए आगे बढ़ा दिया है. ताकि ना सिर्फ निगम के राजस्व को बढ़ाया जा सके बल्कि लोगों को भी सुविधा मिले.