नई दिल्ली/नोएडा: मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट (dream project of modi government) जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) की आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) द्वारा आधारशिला रखी जानी है, जिसके साथ ही उत्तर प्रदेश, भारत में पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला एकमात्र राज्य बन जाएगा. इस प्रोजेक्ट के निर्माण के साथ ही दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और पड़ोसी क्षेत्रों सहित आसपास के शहरों के लोगों को यात्रा के मद्देनजर बड़ी सहूलियत मिलेगी, लेकिन इससे पूर्व कई बार कई वजहों से इस एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर विरोध जताया गया है, आइये जानते इसकी क्या मुख्य वजह रही.
- जेवर SDM गुंजा सिंह पर हुआ था पथराव
ग्रेटर नोएडा में जेवर एयरपोर्ट के जमीन अधिग्रहण (land acquisition) के मद्देनजर जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी. इस टीम में जेवर SDM गुंजा सिंह भी शामिल थीं. इसी बीच कब्जा करने पहुंची प्रशासन और पुलिस टीम को मौके पर मौजूद किसानों ने जमीन पर कब्जा देने से इनकार करते हुए प्रशासन और पुलिस टीम पर पथराव कर दिया. साथ ही गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की. इस घटना में तत्कालीन एसडीएम जेवर गुंजा सिंह घायल भी हो गई थीं.
- किसानों के विरोध का राकेश टिकैत कर रहे थे समर्थन
जेवर में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए किसानों की जमीन शहरी क्षेत्र के लिए बनाई गई पॉलिसी के तहत अधिग्रहित की जा रही थी. इस दौरान किसानों ने इसका जमकर विरोध किया था. इसके चलते कई किसानों को जेल भी भेजा गया था. उस वक्त जेल में बंद इन किसानों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (rakesh tikait) ने सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवाया था. राकेश टिकैत ने उस वक्त कहा था कि सरकार जबरदस्ती करने पर उतारू है, जो किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं, उनके साथ सरकार को बातचीत करनी चाहिए. इस तरह किसानों को जेल में बंद करने की कार्रवाई उचित नहीं है.
- किसानों ने की थी उचित मुआवजे की मांग
नोएडा जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा दिया गया था, जिस पर किसानों ने विरोध जताया था. इसके मद्देनजर कई किसान धरने पर बैठे और पुतला भी फूंका था. लगातार हो रहे विरोध को देखते हुए ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों ने कई बार किसानों से वार्ता का प्रयास भी किया, लेकिन वार्ता का ये तरीका भी विफल रहा. किसानों की मांग थी कि सर्वप्रथम 64 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा दें, इसके बाद 10 प्रतिशत की विकसित जमीन. साथ ही किसानों की समस्या का निस्तारण भी करें.
- एयरपोर्ट निर्माण के लिए 11 हजार पेड़ काटे जाने का फैसला
सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) को पूरा करने के लिए यमुना प्राधिकरण और वन विभाग की टीम ने संयुक्त सर्वे करने के बाद 11 हजार पेड़ काटने का फैसला किया था. कटने वाले पेड़ों में यूकेलिप्टस, अमरूद और अन्य पेड़ शामिल हैं. साथ ही इसके मद्देनजर DFO ने कहा था कि एक हजार पेड़ कटने के बदले 10 गुना पेड़ लगाए जाएंगे. तकरीबन एक लाख से ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे. डीएफओ ने जानकारी देते हुए बताया कि लगाए जाने वाले पेड़ों का रखरखाव वन विभाग करेगा. बजट को लेकर प्राधिकरण प्रस्ताव भी भेज चुका है.
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