नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में प्रधानमंत्री मोदी जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आज आधारशिला रखेंगे, जिसके साथ ही उत्तर प्रदेश, भारत में पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला एकमात्र राज्य बन जाएगा. ऐसे में आपके मन में जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जुड़े कई सवाल मन में होंगे, जैसे की इस आम जनता को क्या फायदा होगा, इसमें कितना खर्च होगा और ये कब तक तैयार हो जाएगा? आइये इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं...
दरअसल जेवर एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा और आधुनिक एयरपोर्ट होने जा रहा है, वहीं दुनिया में यह चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य में 2012 तक केवल दो ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे थे. वहीं अब उत्तर प्रदेश देश में पांच एयरपोर्ट वाला एकमात्र राज्य बन जाएगा. इस एयरपोर्ट पर अगले साल तक सेवाएं शुरू हो जाने की बात कही जा रही है.
अगर इस एयरपोर्ट की लागत की बात करें तो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2021 में इसके लिए 2,000 करोड़ रुपए के बजट का ऐलान किया गया था. साथ ही बताया गया कि इसे पूरा करने में 29 हजार 650 करोड़ रुपये की व्यव आ सकता है.
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गौरतलब है कि जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 178 विमान एक साथ उड़ान भर सकेंगे. इस एयरपोर्ट का निर्माण कुल 5,845 हेक्टेयर जमीन होना है, हालांकि इसे चार चरणों में पूरा किया जाएगा. फिलहाल इसका निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर होगा. इतने बड़े स्तर पर फैले इस एयरपोर्ट पर कुल 5 रनवे होंगे, जहां शुरुआत में हर साल लगभग 1 करोड़ से ज्यादा यात्री उड़ान भरेंगे. वहीं पहले साल यहां से 8 घरेलू, जबकि एक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट उड़ान भरेगी. निर्माण पूरा हो जाने के बाद धीरे-धीरे फ्लाइटस की संख्या बढ़ाई जाएगी.
फिलहाल इस एयरपोर्ट की शुरुआत सितंबर 2024 में होने की उम्मीद जताई जा रही है. उड्डयन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 35 हजार यात्री दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की तरफ जाएंगे, जिससे दिल्ली एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक लोड कम होगा. बता दें कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है.
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सरकार द्वारा लगातार जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है, जिसमें फिलहाल इस एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी यमुना एक्सप्रेस-वे, बुलंदशहर-जेवर हाईवे और पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से होगी. साथ ही जानकारी के मुताबिक आगामी समय में जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली एयरपोर्ट तक मेट्रो कॉरिडोर बनाने की तैयारी की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) को वर्किंग एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है.
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