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साल के आखिरी महीनों में केजरीवाल सरकार ने खोला स्कीमों का 'पिटारा'

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Published : Dec 25, 2019, 10:06 AM IST

Updated : Dec 25, 2019, 2:09 PM IST

पांच साल पहले 67 सीटें जीतकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल के पांच साल पूरे होने वाले हैं. वहीं केजरीवाल सरकार ने अंतिम कुछ महीनों में कई योजनाओं की घोषणा की.

Delhi CM Arvind Kejriwal
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: पांच साल पहले दिल्ली की सत्ता में प्रचंड बहुमत से आई आम आदमी पार्टी सरकार का कार्यकाल अब खत्म होने जा रहा है. सरकार कई मंचों से पिछले 5 सालों की उपलब्धियों को गिना रही है.

अंतिम कुछ महीनों में कई योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं केजरीवाल

अगर हम इसके साथ ही वर्ष 2019 जो कि खत्म होने के कगार पर है, दिल्ली सरकार के 1 साल के कामकाज की समीक्षा करते हैं तो बीते 6 महीनों में जिस फॉर्म के साथ अरविंद केजरीवाल सरकार ने काम किया अगर यही तेजी सरकार के पूरे कार्यकाल के दौरान होता तो जिस रामराज की कल्पना की जाती है वह रामराज दिल्ली में तो जरूर आ जाता.

केजरीवाल के फॉर्म में आने से लोग भी चौकें
6 महीने पहले तक सरकार द्वारा किसी भी कार्य को नहीं करने के पीछे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार हमेशा से केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते थे. कहते थे केंद्र सरकार उन्हें काम करने नहीं दे रही. मगर चुनावी वर्ष होने से पिछले कुछ महीने में जिस तेजी के साथ अरविंद केजरीवाल ने सभी वर्गों के लिए घोषणाएं का ऐलान किया और उसे आनन-फानन में लागू किया, यह दिल्ली वालों के लिए भी चौंकाने वाला था.

फ्री योजनाओं की लगाई झड़ी
दिल्ली सरकार ने सत्ता में आने से पहले बिजली बिल हाफ पानी बिल माफ का नारा दिया था. सत्ता में आई तो इसे लागू भी किया मगर 4 महीने पहले जिस तरह से दिल्ली वालों को 200 यूनिट तक बिजली फ्री देने का ऐलान किया, यह केजरीवाल सरकार के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में तुरुप का पत्ता साबित हो सकता है.

इसी तरह पानी के नए कनेक्शन के लिए जो शुल्क लाखों में ली जाती थी उसे चंद रुपये कर दिए गए. सेप्टिक टैंक की सफाई फ्री कर दी गई. डीटीसी की बसें भले ही बेड़े में नहीं आई. मगर इस वर्ष केजरीवाल सरकार ने एक बड़ा दांव खेला और महिलाओं के लिए डीटीसी की बसों में मुफ्त यात्रा का ऐलान कर महिलाओं को भी लुभाने का प्रयास किया. सरकार का दावा है कि इससे बसों के प्रति महिला का रुझान बढ़ा है.

अनाधिकृत कॉलोनियों में हुआ विकास
दिल्ली के अनाधिकृत कॉलोनी में विकास कार्य को जिस तरह तेजी दिखाई, बीते 5 वर्षों में ऐसा हुआ होता तो दिल्ली की कॉलोनी में लगे अनाधिकृत का दाग साफ हो गए होते. चुनावी वर्ष है, ऐसे में प्रत्येक सरकारें अंतिम समय में विकास की बयार बहा देती है. अलग राजनीति की बात कर दिल्ली की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी सरकार ने भी अपने कार्यकाल के आखिरी वर्ष में ऐसा ही किया.

बता दें कि केजरीवाल सरकार के कार्यकाल का यह आखिरी वर्ष भी था. इस लिहाज से पिछले दिनों जितने भी केजरीवाल ने सभाएं की, उद्घाटन किया, शिलान्यास किया सबमें अपने भाषण में जरूर यह बात कहते रहे कि केजरीवाल फिर से का मतलब यह नहीं है कि वे फिर से. इसका मतलब है 24 घंटे बिजली फिर से, शानदार स्कूल फिर से, फरिश्ते स्कीम फिर से, मोहल्ला क्लीनिक फिर से, 5 साल से काम की जो यह गाड़ी चली है इसे आगे बढ़ाना है.

Intro:नई दिल्ली. पांच साल पहले दिल्ली की सत्ता में प्रचंड बहुमत से आई आम आदमी पार्टी सरकार का कार्यकाल अब खत्म होने जा रहा है. सरकार कई मंचों से पिछले 5 सालों की उपलब्धियों को गिना रही है. अगर हम इसके साथ ही वर्ष 2019 जोकि खत्म होने के कगार पर है, दिल्ली सरकार के 1 साल के कामकाज की समीक्षा करते हैं तो बीते 6 महीनों में जिस फॉर्म के साथ अरविंद केजरीवाल सरकार ने काम किया अगर यही तेजी सरकार के पूरे कार्यकाल के दौरान होता तो जिस रामराज की कल्पना की जाती है वह रामराज दिल्ली में तो जरूर आ जाता.


Body:केजरीवाल के फॉर्म में आने से लोग भी चौकें

6 महीने पहले तक सरकार द्वारा किसी भी कार्य को नहीं करने के पीछे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार हमेशा से केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते थे. कहते थे केंद्र सरकार उन्हें काम करने नहीं दे रही. मगर चुनावी वर्ष होने से पिछले कुछ महीने में जिस तेजी के साथ अरविंद केजरीवाल ने सभी वर्गों के लिए घोषणाएं का ऐलान किया और उसे आनन-फानन में लागू किया यह दिल्ली वालों के लिए भी चौकाने वाला था.

फ्री योजनाओं की लगाई झड़ी

दिल्ली सरकार ने सत्ता में आने से पहले बिजली बिल हाफ पानी बिल माफ का नारा दिया था. सत्ता में आई तो इसे लागू भी किया मगर 4 महीने पहले जिस तरह से दिल्ली वालों को 200 यूनिट तक बिजली फ्री देने का ऐलान किया, यह केजरीवाल सरकार के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में तुरुप का पत्ता साबित हो सकता है. इसी तरह पानी के नए कनेक्शन के लिए जो शुल्क लाखों में ली जाती थी उसे चंद रुपए कर दिए गए. सेप्टिक टैंक की सफाई फ्री कर दी गई. डीटीसी की बसें भले ही बेड़े में नहीं नहीं आई. मगर इस वर्ष केजरीवाल सरकार ने एक बड़ा दांव खेला और महिलाओं के लिए डीटीसी की बसों में मुफ्त यात्रा का ऐलान कर महिलाओं को भी लुभाने का प्रयास किया. सरकार का दावा है कि इससे बसों के प्रति महिला का रुझान बढ़ा है.

अनधिकृत कॉलोनियों में हुआ विकास

दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनी में विकास कार्य को जिस तरह तेजी दिखाई, बीते 5 वर्षों में ऐसा हुआ होता तो दिल्ली की कॉलोनी में लगे अनधिकृत का दाग साफ हो गए होते. चुनावी वर्ष है, ऐसे में प्रत्येक सरकारें अंतिम समय में विकास की बयार बहा देती है. अलग राजनीति की बात कर दिल्ली की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी सरकार ने भी अपने कार्यकाल के आखिरी वर्ष में ऐसा ही किया.


Conclusion:बता दें कि केजरीवाल सरकार के कार्यकाल का यह आखिरी वर्ष भी था. इस लिहाज से पिछले दिनों जितने भी केजरीवाल ने सभाएं की, उद्घाटन किया, शिलान्यास किया सबमें अपने भाषण में जरूर यह बात कहते रहे कि केजरीवाल फिर से का मतलब यह नहीं है कि वे फिर से. इसका मतलब है 24 घंटे बिजली फिर से, शानदार स्कूल फिर से, फरिश्ते स्कीम फिर से, मोहल्ला क्लीनिक फिर से, 5 साल से काम की जो यह गाड़ी चली है इसे आगे बढ़ाना है.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated :Dec 25, 2019, 2:09 PM IST
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