नई दिल्लीः वजीराबाद स्थित यमुना रामघाट की बदहाली की हालत किसी से छिपी नहीं है. घाट पर अतिक्रमण है और गंदगी का अंबार लगा हुआ है. यहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि वह खुद ही यमुना घाट की सफाई करते हैं, आजीविका चलाने के लिए किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं. भाजपा द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता पखवड़ा के तहत यमुना आरती के लिए उत्तरी पश्चिमी लोकसभा सांसद हंसराज हंस और उनकी टीम को पहुंचना था.
सांसद नहीं पहुंचे तो टीम के कार्यकर्ताओं ने यमुना के किनारे पर कूड़ा उठाकर महज औपचारिकता पूरी की और जमकर फोटो खिंचाई. इस बारे में जब कार्यकर्ताओं से बात की गई तो उन्होंने आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करते हुए दिल्ली सरकार को जमकर कोसा और कहा कि यमुना के बदहाली के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है. दिल्ली सरकार यमुना की सफाई के नाम पर बड़े-बड़े वादे करती है और केंद्र सरकार द्वारा यमुना की सफाई के लिए करोड़ों रुपए का बजट दिल्ली सरकार को दिया जाता है, उसके बावजूद भी यमुना की सफाई नहीं होती.
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वजीराबाद स्थित रामघाट की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से भाजपा के कार्यकर्ता यमुना की सफाई करने में जुटे हैं, केवल नाव में बैठकर केवल फोटो खिंचाई जा रही हैं और सफाई के नाम पर किनारों पर पड़ी पूजा सामग्री को प्लास्टिक के एक बोरे में भरकर उठाया जा रहा है.
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