नई दिल्ली: जहां देश में हर दिन कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है, तो वहीं दिल्ली के शवदाह गृहों में अस्थियों का अंबार लगा हुआ है. लॉकडाउन के कारण 55 दिन से अस्थियां शमशान घाट में इतंजार कर रही हैं. जिसे देखते हुए इंद्रप्रस्थ संजीवनी संस्था अब एक अभियान चलने जा रही है. जिसका नाम मोक्ष रखा गया है.
सामाजिक दूरी का रखा जाएगा ध्यान
इस अभियान के तहत लॉकडाउन में जिनकी मृत्यू हुई है और उनकी अस्थियां शमशान घाट में रखी हैं. ऐसे में कई असहाय परिवार मजबूर हैं कि वो उनकी अस्थियां विसर्जित नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में संस्थान ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए उन परिवारों की मदद के लिए एक बस दिल्ली से हरिद्वार, कनखल और हरिद्वार से दिल्ली तक चलाने का बीड़ा उठाया है. जो की पूरी तरह से निशुल्क होगी और इस दौरान सामाजिक दुरी का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा.
गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र
ऐसे में 20 परिवारों के एक-एक सदस्य होंगे और उनके परिजनों की अस्थियां होंगी. संस्था की ओर से इसको लेकर गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिख कर इसकी इजाजत भी मांगी गई है. ये पहला मौका नहीं है जब इंद्रप्रस्थ संजीवनी संस्था लोगों की मदद करने जा रही है. इससे पहले भी संस्था की ओर से लॉकडाउन के बाद से ही जरुरतमंदों की मदद की जा रही है. जिसमे खाना देने से लेकर मास्क बंटना और आर्थिक मदद करना शामिल है.