नई दिल्ली: दिसंबर आते ही राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत में कोहरे का कहर देखने को मिल जाता है. जिसके कारण रेल यातायात पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है. जबकि रेलगाड़ियां लेट तो चलती ही हैं, साथ ही कैंसिल भी की जाती है. इस बार कोहरे से पहले ही रेलवे ने अपनी दर्जनों गाड़ियां रद्द की हैं. तैयारियों के बावजूद इसके पीछे क्या कारण है, इसे लेकर ईटीवी भारत ने उत्तर रेलवे के जनरल मैनेजर से खास बातचीत की.
बेहतर इंतजामों का दावा
जनरल मैनेजर आशुतोष गंगल ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी उत्तर रेलवे ने कोहरे को लेकर तमाम इंतजाम किए हैं. इसमें फॉग सेफ्टी डिवाइस, डेटोनेटर्स, जीपीएस का इस्तेमाल किया जा रहा है. तकनीक का इस्तेमाल सुरक्षित परिचालन के लिए किया जा रहा है. हालांकि लो-विजिबिलिटी की वजह से पड़ने वाले असर को नकारा नहीं जा सकता.
सुरक्षित परिचालन है प्राथमिकता
गंगल कहते हैं कि रेलवे ने सुरक्षित परिचालन के इंतजाम किए हैं, लेकिन गाड़ियां लेट न हों इसलिए पहले ही कुछ गाड़ियों को रद्द किया गया है. इससे यात्री पहले ही अपनी यात्रा के लिए वैकल्पिक गाड़ियों का इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने कहा कि रेलवे की पहली प्राथमिकता सुरक्षित परिचालन की है.
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किसान आंदोलन का असर रेलवे पर
साथ ही रेलवे पर किसान आंदोलन के असर की बात करते हुए गंगल कहते हैं कि पंजाब में 24 सितंबर से 24 नवंबर तक पूरी तरह रेल यातायात बंद था. इसकी वजह से रेलवे को करीब 2400 करोड़ का नुकसान हुआ. ब्यास से अमृतसर का सेक्शन अब भी बंद है, इसके लिए लगातार बातचीत की जा रही है. हालांकि अब भी कुछ गाड़ियां प्रभावित हैं.